कंगारुओं से अकेला लड़ा जांबाज जसप्रीत बुमराह

भारत की हार के बाद छलका चोटिल बुमराह का दर्द
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
टीम इंडिया बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी गंवा चुकी है। यह ट्रॉफी आस्ट्रेलियाई टीम 10 साल बाद हासिल करने में सफल रही है। टीम इंडिया की सिडनी हार ने क्रिकेट मुरीदों का दिल तो तोड़ा ही विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप का लगातार तीसरा फाइनल खेलने की उसकी आस भी तोड़ दी। आस्ट्रेलिया टीम चैम्पियन की तरह खेली और उसको माकूल जवाब यदि किसी भारतीय ने दिया तो वह कोई और नहीं बल्कि प्लेयर आफ द सीरीज जांबाज जसप्रीत बुमराह है।   
सच कहें तो बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 की जंग टीम इंडिया के स्टार तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह  के लिए याद की जाएगी। जहां 10 खिलाड़ी कंगारुओं के सामने संघर्ष कर रहे थे वहां अकेले बुमराह उनसे लड़ाई कर रहे थे। सिडनी टेस्ट में रोहित शर्मा प्लेइंग इलेवन से बाहर थे। उनकी गैरमौजूदगी में बुमराह ने टीम की कमान संभाली। दूसरे दिन गेंदबाजी करने के दौरान उन्हें कुछ दिक्कत हुई और वो मैदान से बाहर चले गए। इसके बाद उन्हें स्कैन के लिए अस्पताल भेजा गया। तीसरे दिन जब वो बल्लेबाजी के लिए उतरे तो ऐसा लगा कि वो गेंदबाजी भी करेंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सिडनी टेस्ट की दूसरी पारी में बुमराह ने एक ओवर भी नहीं डाला और भारत को 6 विकेट से हार का सामना करना पड़ा।
सिडनी में खेले गए पांचवें टेस्ट को जीतकर ऑस्ट्रेलिया ने बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी पर कब्जा जमाया। पांच मैचों की सीरीज में 32 विकेट चटकाने वाले जसप्रीत बुमराह को 'प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट' चुना गया। जब उन्हें ये अवॉर्ड लेने के लिए बुलाया गया तो उनकी आंखों में इस अहम मैच में बॉलिंग न करने का दर्द साफ तौर से दिखाई दे रहा था।
'प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट' अवॉर्ड जीतने के बाद जब जसप्रीत बुमराह से ब्रॉडकास्टर ने चोट पर अपडेट देने को कहा तो उन्होंने भावुक बयान दिया। दाएं हाथ के स्टार गेंदबाज ने कहा, ''थोड़ी निराशा होती है लेकिन कभी-कभी आपको अपने शरीर का सम्मान करना पड़ता है। आप अपने शरीर से नहीं लड़ सकते। मुझे अफसोस है कि इस सीरीज में जिस विकेट पर तेज गेंदबाजों के लिए सबसे ज्यादा मदद थी, मैं वहां गेंदबाजी नहीं कर सका।
जसप्रीत बुमराह ने आगे कहा कि जब मैं पहली पारी में मैदान से बाहर गया तो बाकी गेंदबाजों ने अपने कंधों पर जिम्मेदारी ली और उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया। आज भी खेल शुरू होने से पहले हमने खुद पर विश्वास करने की बात की। इस सीरीज में दोनों टीमों ने कड़ी मेहनत की है। हम आज भी मैच में बने हुए थे। क्रिकेट इसी तरह चलता है। लम्बे समय तक खेल में बने रहना, दबाव बनाना, दबाव झेलना और स्थिति के अनुसार खेलना सभी महत्वपूर्ण हैं। आपको परिस्थितियों के अनुरूप ढलना होगा और ये सीख भविष्य में हमारी मदद करेगी।
जसप्रीत बुमराह ने ऑस्ट्रेलियाई टीम को बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी जीतने की बधाई भी दी। उन्होंने कहा कि यह एक शानदार श्रृंखला थी, ऑस्ट्रेलिया को बधाई, उन्होंने वास्तव में अच्छा संघर्ष किया और वो इस मैच में जीत के हकदार थे। ऑस्ट्रेलिया के कप्तान पैट कमिंस की झोली में एक बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी की कमी थी। भारत को 3-1 से हराकर उन्होंने इस ट्रॉफी पर भी कब्जा जमा लिया। 2014-15 के बाद ऑस्ट्रेलिया ने पहली बार इस ट्रॉफी पर कब्जा किया है। 
पांच मैचों की टेस्ट सीरीज की शुरुआत पर्थ से हुई थी जहां टीम इंडिया ने शानदार जीत हासिल की। लेकिन इसके बाद कमिंस की टीम ने पलटवार किया और एडिलेड में जीत हासिल की। ब्रिस्बेन में खेला गया तीसरा टेस्ट ड्रॉ रहा। इसके बाद मेलबर्न और सिडनी टेस्ट जीतकर ऑस्ट्रेलिया ने बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी अपने नाम किया। 

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