भारत गौरव बिटिया मनु भाकर का टूटा दिल

मैंने बेटी को शूटर बनाकर गलत कियाः रामकिशन
स्टार शूटर के खेल रत्न मामले में हुई बड़ी चूक
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
2024 पेरिस ओलम्पिक में दो कांस्य पदक जीतकर इतिहास रचने वाली भारत की शीर्ष निशानेबाज मनु भाकर खेल रत्न के लिए उनके नाम की अनदेखी होने से दुखी हैं। मनु का दावा है कि उन्होंने पुरस्कार के लिए अपना नाम ऑनलाइन पोर्टल में जमा किया था फिर भी 30 नामों की शॉर्टलिस्ट में जगह बनाने में विफल रहीं।
एक ही ओलम्पिक में दो पदक जीतने वाली देश की पहली खिलाड़ी मनु जाहिर तौर पर निराश हैं कि देश के सर्वोच्च खेल सम्मान के लिए उनके नाम पर विचार नहीं किया गया। उनके पिता रामकिशन ने कहा है कि उन्हें मनु को शूटिंग जैसे खेल में डालने का पछतावा है। इसके बजाय उन्हें मनु को एक क्रिकेटर बनाना चाहिए था।
टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ बातचीत में मनु भाकर के पिता ने खेल मंत्रालय और खेल रत्न नामांकितों की सूची को अंतिम रूप देने वाली समिति पर तीखी टिप्पणी की। मंत्रालय ने कहा है कि मनु ने पुरस्कार के लिए अपना नाम नहीं सौंपा था, लेकिन इस स्टार निशानेबाज ने और उनके पिता ने इसका खंडन किया है। रामकिशन ने कहा, 'मुझे उन्हें निशानेबाजी के खेल में जाने के लिए प्रेरित करने का पछतावा है। मुझे इसके बजाय मनु को क्रिकेटर बनाना चाहिए था। फिर, सभी पुरस्कार और प्रशंसा उन्हें मिल जाती। 
उन्होंने एक ही ओलम्पिक संस्करण में दो पदक जीते, उनसे पहले किसी भारतीय ने ऐसा नहीं किया है। आप मेरे बच्चे से देश के लिए और क्या करने की उम्मीद करते हैं? सरकार को उनके प्रयासों को मान्यता और तवज्जो देनी चाहिए। मैंने मनु से बात की और वह इन सब से निराश हो गई हैं। उन्होंने मुझसे कहा कि मुझे ओलम्पिक में जाकर देश के लिए पदक नहीं जीतने चाहिए थे। मनु ने मुझसे कहा कि उन्हें एक एथलीट नहीं बनना चाहिए था।'
खेल मंत्रालय में मामले को लेकर बातचीत जारी
इस मामले को खेल मंत्रालय और महासंघ पूरी तरह से समझने के लिए बातचीत कर रहे हैं। मनु ने खुद कहा है कि उन्होंने पोर्टल पर आवेदन किया है। अगर ऐसा था तो समिति ने उनके नाम पर विचार किया होगा। जो भी स्थिति हो, महासंघ ने मंत्रालय से संपर्क किया है और अधिकारियों से उनका नाम शामिल करने का अनुरोध किया है। मनु ने कथित तौर पर देश के तीसरे और चौथे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार – पद्मभूषण और पद्मश्री के लिए भी आवेदन किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आवेदन 15 सितम्बर को पद्म पुरस्कार पोर्टल पर जमा किए गए थे।
इस मामले पर मंत्रालय की ओर से बयान भी आया है। मंत्रालय के एक सूत्र ने कहा, 'अभी अंतिम सूची तय नहीं हुई है। खेलमंत्री मनसुख मांडविया एक या दो दिन में अनुशंसा पर फैसला लेंगे और अंतिम सूची में मनु का नाम होने की पूरी संभावना है।' उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत जज वी रामासुब्रमम की अध्यक्षता वाली 12 सदस्यीय पुरस्कार समिति में भारतीय महिला हॉकी टीम की पूर्व कप्तान रानी रामपाल समेत पूर्व खिलाड़ी भी हैं।
हरमनप्रीत और प्रवीण के नाम की सिफारिश
मंत्रालय के नियमों के तहत खिलाड़ियों को अपना नामांकन खुद भरने की भी अनुमति है। चयन समिति उन नामों पर भी विचार कर सकती है जिन्होंने आवेदन नहीं किया है। मंत्रालय ने दावा किया था कि मनु ने आवेदन नहीं किया है। समझा जाता है कि समिति ने पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह और पैरालम्पिक में ऊंची कूद टी64 वर्ग में स्वर्ण पदक जीतने वाले पैरा एथलीट प्रवीण कुमार के नामों की सिफारिश खेलरत्न के लिए की है। इनके अलावा 30 खिलाड़ियों को अर्जुन पुरस्कार देने की भी सिफारिश की गई है।

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