कोषाध्यक्ष सहदेव यादव के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों पर 25 को होगी चर्चा

भारतीय ओलम्पिक संघ की अध्यक्ष पीटी ऊषा ने विशेष आम बैठक बुलाई
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
भारतीय ओलम्पिक संघ पर छाये संकट के बादल छंटने की बजाय और घने होते जा रहे हैं। अध्यक्ष ऊषा ने सीईओ रघुराम अय्यर की नियुक्ति सहित कोषाध्यक्ष सहदेव यादव के खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के मामलों पर चर्चा के लिए 25 अक्टूबर को विशेष आम बैठक बुलाई है। बैठक में क्या विवादों का पटाक्षेप होगा, यह समझ से परे है।
विवादों में घिरी भारतीय ओलम्पिक संघ की अध्यक्ष पीटी ऊषा ने 25 अक्टूबर को विशेष आम बैठक बुलाई है, जिसमें मुख्य कार्यकारी अधिकारी रघुराम अय्यर की नियुक्ति, कोषाध्यक्ष सहदेव यादव के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतों और कार्यकारी परिषद के कुछ सदस्यों की कथित रूप से पद पर बने रहने की अयोग्यता सहित अन्य विवादास्पद मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। इन सभी मुद्दों पर ऊषा का कार्यकारी समिति के अधिकांश सदस्यों के साथ मतभेद रहा है। अय्यर की नियुक्ति सबसे चर्चित मुद्दा है क्योंकि उनके वेतन पैकेज और नौकरी के लिए उपयुक्तता के कारण कार्यकारी समिति के सदस्यों द्वारा इसका आक्रामक रूप से विरोध किया जा रहा है।
महान धावक पीटी ऊषा ने पदाधिकारियों और अन्य हितधारकों को भेजे ईमेल में कहा, "ये सभी मुद्दे असाधारण और आकस्मिक प्रकृति के हैं और इनमें सदन की भागीदारी की आवश्यकता है ताकि प्रभावी निर्णय लिया जा सकें। इस संबंध में मैं आईओए की विशेष आम बैठक 25 अक्टूबर 2024 को आईओए भवन में सुबह 11 बजे बुला रही हूं।" उन्होंने कहा, "आईओए के संविधान के अनुच्छेद 8.3 के अनुसार एसजीएम एक हाइब्रिड बैठक होगी। जो लोग बैठक में शारीरिक रूप से शामिल होने में असमर्थ हैं, वे वेबएक्स के माध्यम से बैठक में शामिल हो सकते हैं, जिसके लिए आईओए की वेबसाइट पर ऑनलाइन लिंक उपलब्ध होगा।"
इस बैठक का आह्वान 26 सितम्बर को ऊषा और कार्यकारी समिति के बीच हुई एक और तीखी नोकझोंक के बाद किया गया है, जब इसके अधिकांश सदस्यों ने सीईओ के रूप में अय्यर की नियुक्ति पर अपना विरोध दोहराया था, जिसका औपचारिक अनुसमर्थन अभी भी लम्बित है। एसजीएम के एजेंडे के अनुसार, उनकी नियुक्ति पर मतदान होगा कि क्या उनका चयन "संविधान के अनुच्छेद 15.3.1 के अनुसार नामांकन समिति द्वारा अंतिम रूप दिया गया है" या आईओए कार्यकारिणी के पास प्रक्रिया को "अस्वीकार करने का अधिकार" है।
ऊषा ने चेतावनी दी है कि एसोसिएशन के सुचारू संचालन के लिए सीईओ का होना अत्यंत आवश्यक है। "इस नियुक्ति को स्वीकार करने में ईसी के कुछ सदस्यों द्वारा की गई देरी और इनकार से हमारी शासन व्यवस्था और अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा पर असर पड़ रहा है।" उन्होंने कहा, "इससे माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीजी के भारत में 2036 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों की मेजबानी करने के दृष्टिकोण में महत्वपूर्ण व्यवधान उत्पन्न होने की संभावना है।" आईओए में शामिल होने से पहले अय्यर आईपीएल टीमों राजस्थान रॉयल्स और लखनऊ सुपर जायंट्स के सीईओ रह चुके हैं। उन्होंने फुटबॉल की इंडियन सुपर लीग और अल्टीमेट टेबल टेनिस में भी प्रशासनिक भूमिका निभाई है।
अय्यर के अलावा, एजेंडे में अन्य मुद्दे कुछ कार्यकारी समिति सदस्यों की अपने पदों पर बने रहने की कथित अयोग्यता भी होगी। गुमनाम शिकायत में दावा किया गया है कि वे राष्ट्रीय खेल संहिता का उल्लंघन कर रहे हैं, जो पदाधिकारियों की आयु और कार्यकाल पर सीमा निर्धारित करती है। ईसी में वरिष्ठ उपाध्यक्ष अजय एच पटेल, उपाध्यक्ष राजलक्ष्मी देव और गगन नारंग, कोषाध्यक्ष सहदेव यादव, संयुक्त सचिव अलकनंदा अशोक, अन्य कार्यकारी परिषद के सदस्य अमिताभ शर्मा, भूपेन्द्र सिंह बाजवा, रोहित राजपाल, डोला बनर्जी, योगेश्वर दत्त, संयुक्त सचिव कल्याण चौबे और हरपाल सिंह शामिल हैं। 

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