प्रधानमंत्री मोदी ने खाया नीरज की मां के हाथ से बना चूरमा
कहा- मां का यह प्रसाद खाकर राष्ट्रसेवा की मिलेगी ताकत
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भारतीय स्टार भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा की मां ने अपने हाथों से बना चूरमा उपहार में दिया। इस पर पीएम मोदी भावुक हो गए और उन्होंने नीरज की मां सरोज देवी को पत्र लिख धन्यवाद दिया और कहा कि उनके इस उपहार ने उन्हें उनकी मां की याद दिला दी। नीरज ने हाल ही में प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी। नीरज ने पेरिस ओलम्पिक में रजत पदक जीता था।
दरअसल, पेरिस ओलम्पिक में जाने से पहले पीएम मोदी ने भारतीय एथलीटों के साथ हुई चर्चा के दौरान नीरज से मजाकिया अंदाज में चूरमा लाने की फरमाइश की थी। उस वक्त नीरज ने पीएम मोदी से कहा था, सर चूरमा लेकर आएंगे इस बार। पिछली बार दिल्ली में चीनी वाला चूरमा था, लेकिन आपको हरियाणा का देसी घी और गुड़ का चूरमा खिलाएंगे।' प्रधानमंत्री ने इस पर कहा था, 'मुझे तो तुम्हारी मां के हाथ का चूरमा खाना है।'
प्रधानमंत्री मोदी ने नीरज की मां को लिखा पत्र
प्रधानमंत्री मोदी ने नीरज की मां को पत्र लिख कहा, आदरणीया सरोज देवी जी, सादर प्रणाम। आशा है आप स्वस्थ, सकुशल और सानंद होंगी। जमैका के प्रधानमंत्री की भारत यात्रा के अवसर पर आयोजित भोज में मुझे भाई नीरज से मिलने का अवसर मिला। उनसे चर्चाओं के बीच मेरी खुशी तब और बढ़ गई, जब उन्होंने मुझे आपके हाथों से बना स्वादिष्ट चूरमा दिया। आज इस चूरमे को खाने के बाद आपको पत्र लिखने से खुद को रोक ना सका। भाई नीरज अक्सर मुझसे इस चूरमे की चर्चा करते हैं, लेकिन आज इसे खाकर मैं भावुक हो गया। आपके अपार स्नेह और अपनेपन से भरे इस उपहार ने मुझे मेरी मां की याद दिला दी।
पीएम ने आगे लिखा, मां शक्ति, वात्सल्य और समर्पण का रूप होती है। यह संयोग ही है कि मुझे मां का ये प्रसाद नवरात्रि पर्व के एक दिन पहले मिला है। मैं नवरात्रि के इन नौ दिनों में उपवास करता हूं। एक तरह से आपका ये चूरमा मेरे उपवास के पहले मेरा मुख्य अन्न बन गया है। जिस तरह आपका बनाया भोजन भाई नीरज को देश के लिए मेडल जीतने की ऊर्जा देता है। वैसे ही ये चूरमा अगले नौ दिन मुझे राष्ट्रसेवा की शक्ति देगा। शक्ति पर्व नवरात्रि के इस अवसर पर मैं आपके साथ, देशभर की मातृशक्ति को ये विश्वास दिलाता हूं कि मैं विकसित भारत के संकल्प को साकार करने के लिए और अधिक सेवाभाव से निरंतर काम में जुटा रहूंगा। आपका हृदय से आभार!