वीरेन्द्र सहवाग बोले- टीम इंडिया में धीरे-धीरे हो बदलाव

जैसे पहले गंभीर, फिर मुझे और युवराज को हटाया
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
वीरेंद्र सहवाग ने कई मजेदार किस्से सुनाए और सुझाव भी दिए। इस दौरान उनसे जब भारतीय क्रिकेट के भविष्य के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि टीम इंडिया में अब बदलाव का दौर धीरे-धीरे शुरू होना चाहिए, जैसे 10-12 साल पहले हुआ था। वीरू ने कहा कि भारत के ज्यादातर स्टार क्रिकेटर अब 35+ की उम्र में हैं। ऐसे में जिस तरह 10 साल पहले उन्हें, फिर गौतम गंभीर और युवराज सिंह को हटाकर बदलाव शुरू किया गया, वैसे ही चयनकर्ताओं को अब करने की जरूरत है।
सहवाग से जब पूछा- आप भारतीय क्रिकेट का भविष्य कैसे देखते हैं? मौजूदा समय में क्या नए खिलाड़ियों को समय देने का मौका आ गया है? आईपीएल में कुछ अच्छे खिलाड़ी दिखे, तो क्या आपको लगता है कि नई टीम को बनाने का ये सही वक्त है? विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे जो पुराने खिलाड़ी हैं, उन्हें धीरे-धीरे अपनी जगह छोड़नी चाहिए और बैकसीट पर आना चाहिए?
इस पर सहवाग ने कहा- मैं ये जरूर समझता हूं कि भारतीय क्रिकेट का भविष्य बहुत अच्छा है। आईपीएल देखें तो भारतीय क्रिकेट के पास बहुत टैलेंट है, चाहे वह बैटिंग में हो या बॉलिंग में। लेकिन क्या होता है कि कोई सीनियर खिलाड़ी, जैसे विराट कोहली हों या रोहित शर्मा, ये सब 33-34 या 35 साल की उम्र के हैं। इनके अंदर अभी भी क्रिकेट बची है। बदलाव की प्रक्रिया धीरे-धीरे शुरू होनी चाहिए। वो एक-एक करके होना चाहिए। अगर आप सबको एक साथ निकाल देंगे तो हम शायद वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल तक न पहुंचें। तो अभी शायद वो सही समय नहीं है, लेकिन ऐसा समय जरूर आएगा जब बदलाव आएगा। जब भारतीय टीम में हम खेलते थे तो पहले गौतम गंभीर ड्रॉप हुए या बाहर हुए, फिर सहवाग, युवराज सिंह और फिर सचिन तेंदुलकर, धीरे-धीरे करके एक खिलाड़ी बाहर होते गए और उनकी रिप्लेसमेंट आती गई और भारतीय टीम सेट हो गई। एकदम से तीन-चार खिलाड़ियों को हटाएंगे तो टीम पर दबाव आ जाएगा और मुश्किलें होंगी। इस स्थिति में द्विपक्षीय सीरीज जीतने में भी मुश्किल आएगी।
सहवाग ने इन खिलाड़ियों को बताया पसंदीदा
सहवाग ने कहा- काफी लड़के हैं जो अच्छे हैं। मेरे पसंदीदा टैलेंट में से एक पृथ्वी शॉ हैं, यशस्वी जायसवाल है, शुभमन गिल है (जो कि अभी भी टीम में हैं), ईशान किशन हैं। देखिए, ईशान ने वनडे में दोहरा शतक लगाया लेकिन उसके बाद दोबारा खेलने का मौका नहीं मिला। रवि बिश्नोई हैं, जो कमाल के लेग स्पिनर हैं। यश दयाल हैं। तो ऐसे ही बहुत सारे क्रिकेटर्स हैं जो आने वाले समय में टीम इंडिया के सुपरस्टार्स होंगे, लेकिन उसमें समय लगेगा। मुझे नहीं लगता कि अभी वो सही समय है, क्योंकि मैं मानता हूं कि गुस्से में कोई फैसला नहीं लेना चाहिए। जब आप शांत हों और कूल हों, तब फैसला लेना चाहिए कि भारतीय टीम के लिए क्या बेहतर हो सकता है।
भारतीय टीम में बदलाव को लेकर क्या बोले सहवाग?
सहवाग जिस समय की बात कर रहे थे तब टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी हुआ करते थे। 2013 में सबसे पहले गंभीर ड्रॉप हुए। इसके बाद सहवाग को उसी साल मार्च में ड्रॉप किया गया था। गंभीर ने टेस्ट में वापसी की, लेकिन सहवाग वापसी नहीं कर पाए थे। कैंसर को हराने के बाद 2012 में युवराज ने टीम में वापसी की थी। हालांकि, खराब फॉर्म की वजह से 2013 में युवराज को ड्रॉप किया गया था। फिर 2014 टी20 वर्ल्ड कप में युवी की वापसी हुई और फिर खराब फॉर्म की वजह से ड्रॉप कर दिया गया। 2017 में युवराज ने आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच खेला था और 2019 में वह रिटायर हो गए। नवंबर 2013 में ही सचिन ने भी क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास ले लिया था।

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