खिलाड़ियों ने की महिला पहलवानों के इंसाफ की मांग

ओलम्पिक चैम्पियन नीरज चोपड़ा, निकहत जरीन, सानिया मिर्जा आदि शामिल
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध जारी है। यौन शोषण और अन्य मामलों को लेकर इस जनवरी में दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना देने वाले पहलवानों ने अप्रैल में फिर से प्रदर्शन किया। पहलवान बृजभूषण को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे हैं। अन्य खेलों के दिग्गज खिलाड़ियों ने भी पहलवानों को इंसाफ दिलाने की मुहिम छेड़ दी है। 
28 मई को पहलवानों के नए संसद भवन की तरफ कूच किया था। इस पर दिल्ली पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। हालांकि, बाद में सबको छोड़ दिया गया। पहलवानों के प्रदर्शन को काफी समर्थन मिला है। मशहूर खेल हस्तियों में देखें तो क्रिकेट से लेकर फुटबॉल तक के खिलाड़ियों ने उनके लिए आवाज उठाई है। भारत के पदकवीरों को 1983 वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम इंडिया के खिलाड़ियों का समर्थन मिला है। इनमें कपिल देव, सुनील गावस्कर, दिलीप वेंगसरकर और मदनलाल समेत कई दिग्गज क्रिकेटर्स शामिल हैं। इन सब ने एक साझा बयान जारी किया है और पहलवानों से पदक को गंगा में न बहाने की अपील की है। बयान में इन पूर्व दिग्गज क्रिकेटर्स ने कहा है कि पहलवानों के साथ जो हुआ वह दुखद है, लेकिन वह मेहनत से हासिल किए गए पदकों को गंगा में न बहाएं। 1983 की चैंपियन टीम ने कहा कि पहलवानों ने देश का मान बढ़ाया है। वह जल्दबाजी में कोई फैसला न लें। उम्मीद है कि पहलवानों की मांग सुनी जाएगी।
नीरज चोपड़ा: ओलंपिक चैंपियन भालाफेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा का नाम इस मामले में सबसे ऊपर है। उन्होंने कई बार पहलवानों के पक्ष में आवाज उठाई है। नीरज ने 28 अप्रैल और 28 मई को ट्वीट किया। नीरज ने 28 अप्रैल को लिखा था, ''पहलवान इतनी मेहनत करते हैं और उनको इस हालत में देखना दुखी है। उन्होंने इस मामले पर त्वरित कार्रवाई की और लिखा कि जल्द से जल्द न्याय मिलना चाहिए।'' वहीं, 28 मई को उन्होंने दिल्ली पुलिस की कार्रवाई का एक वीडियो शेयर किया और लिखा, ''यह देखकर मुझे बहुत दुख हो रहा है। इस मामले को बेहतर तरीके से निपाटाया जाना चाहिए।''
सुनील छेत्री: भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री ने लिखा, ''हमारे पहलवानों को बिना किसी मतलब के घसीटे जाने की क्या जरूरत है? यह किसी के साथ व्यवहार करने का तरीका नहीं है। मैं वास्तव में उम्मीद करता हूं कि इस पूरी स्थिति का आकलन उसी तरह किया जाए जैसा होना चाहिए।''
अनिल कुंबले: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और दिग्गज गेंदबाज अनिल कुंबले ने पहलवानों के लिए लिखा, ''28 मई को हमारे पहलवानों के साथ बदसलूकी के बारे में सुनकर बहुत दुख हुआ। उचित संवाद से किसी भी बात का समाधान निकाला जा सकता है। जल्द से जल्द समाधान की उम्मीद है।"
वीरेंद्र सहवाग: पूर्व भारतीय क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने लिखा "बहुत दुःख की बात है की हमारे चैंपियंस, जिन्होंने देश का बड़ा नाम किया है , झंडा लहराया है , हम सबको इतनी खुशियां दी हैं, उन्हें आज सड़क पर आना पड़ा है। बड़ा संवेदनशील मामला है और इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। उम्मीद है खिलाड़ियों को न्याय मिलेगा।"
हरभजन सिंह: भारत के पूर्व दिग्गज स्पिनर हरभजन ने ट्विटर पर लिखा, ''साक्षी, विनेश भारत की शान हैं। मैं एक खिलाड़ी के रूप में सड़कों पर विरोध करने के लिए अपने देश के गौरव को देखकर दुखी हूं। मैं प्रार्थना करता हूं कि उन्हें न्याय मिले।''
इरफान पठान: 2007 में टी20 विश्व कप जीतने वाली टीम के सदस्य इरफान पठान ने भी पहलवानों के समर्थन में आवाज उठाई। उन्होंने ट्वीट किया, ''मैं अपने एथलीटों के तस्वीरों को देखकर बहुत दुखी हूं…। कृपया इसका जल्द से जल्द समाधान करें।''
निकहत जरीन: विश्व चैंपियन मुक्केबाज निकहत जरीन ने ट्वीट कर कहा, ''अपने ओलंपिक और विश्व पदक विजेताओं को इस हालत में देखना दिल दुखाने वाला है। खिलाड़ी गौरव और ख्याति लाकर देश की सेवा करते हैं। मैं पूरी उम्मीद और प्रार्थना करती हूं कि कानून अपना काम करे और पहलवानों को जल्द से जल्द न्याय मिले। जय हिन्द।"
सानिया मिर्जा: टेनिस स्टार सानिया मिर्जा ने लिखा "एक एथलीट और एक महिला के रूप में यह देखना बहुत मुश्किल है.. उन्होंने हमारे देश का नाम रोशन किया है और हम सभी ने उस पर उनके साथ जश्न मनाया है, .. यदि आपने ऐसा किया है तो अब समय आ गया है कि इसमें उनके साथ मुश्किल समय में भी खड़े हों.. यह बेहद संवेदनशील मामला है और गंभीर आरोप हैं।"
नवजोत सिंह सिद्धू: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व ओपनर नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा, ''नौ नामी पहलवानों की शिकायत के बावजूद एफआईआर नहीं होना हैरान करने वाला है। कोई भी देश जो अपने आइकन का अपमान करता है, वह अपने ही गौरव को ठेस पहुंचाता है, इन महिला खिलाड़ियों ने ना सिर्फ देश का नाम रोशन किया है बल्कि लाखों लोगों की आकांक्षाओं को पंख दिए है, ऐसे में उनके स्वाभिमान को चोट पहुंचाना भारत के गौरव को चोट पहुंचा रहा है। क्या हमारे देश के बड़े लोग अब कानून से भी ऊपर हैं? कानून को एक निवारक स्थापित करना चाहिए कि पीढ़ियों को महिलाओं का अपमान करने से पहले कांपना चाहिए, एक अच्छा उदाहरण सबसे अच्छा उपदेश है जो आप दे सकते हैं।''
रानी रामपाल: भारत के पूर्व महिला हॉकी कप्तान रानी रामपाल ने भी पहलवानों का समर्थन किया। उन्होंने लिखा, ''भारत शीर्ष पहलवानों को सड़कों पर इस तरह देखना काफी दुखद है। . मेरे साथी खिलाड़ी जिन्होंने आजीवन कड़ी मेहनत की और भारत के लिए पदक जीता, उन्हें ऐसे देखकर टूट गई।''

 

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