सुरक्षा बलों ने जंतर मंतर से पहलवानों के टेंट उखाड़े

विनेश-संगीता फोगाट, साक्षी रिहा, बजरंग हिरासत में
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
संसद की नई बिल्डिंग के सामने पुलिस और धरना दे रहे पहलवानों के बीच झड़प हो गई। पहलवान बैरिकेड्स लांघकर नई संसद की तरफ जा रहे थे। पुलिस ने उन्हें रोका और बजरंग पूनिया, विनेश-संगीता फोगाट, साक्षी मलिक सहित अन्य को हिरासत में ले लिया। इसके बाद पुलिस ने धरना स्थल जंतर-मंतर पर लगे टेंट, कुर्सियां और दूसरा सामान हटाकर शाम 4 बजे उसे पूरी तरह खाली कर दिया।
घटना के बाद दिल्ली पुलिस ने बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक, विनेश फोगाट सहित प्रोटेस्ट ऑर्गनाइजेसर्स के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इन पर दंगा करने और सरकारी काम में बाधा डालने की धाराएं लगाई गई हैं। इसके बाद शाम 7.15 बजे कुछ पहलवानों को छोड़ दिया गया। विनेश फोगाट ने कहा कि मुझे, संगीता फोगाट और साक्षी मलिक को रिलीज कर दिया गया है। बजरंग पूनिया अभी भी पुलिस की हिरासत में हैं। हमने पुलिस को कहा कि बिना किसी लीगल प्रोसीजर के हमें अंदर नहीं रख सकते तो वे बोले कि हमें कानून मत सिखाओ।
दरअसल, 34 दिन से जंतर-मंतर पर धरना दे रहे पहलवान रविवार को नई संसद के सामने महिला महापंचायत में शामिल होने जा रहे थे, लेकिन दिल्ली पुलिस ने इस महापंचायत की अनुमति नहीं दी थी। पहलवानों ने इसके बावजूद महापंचायत का आयोजन किया और संसद की तरफ जाने लगे। इस पर उनका पुलिस के साथ टकराव हो गया।
हमारा धरना खत्म नहीं हुआ: साक्षी
साक्षी मलिक ने कहा कि हमारा आंदोलन खत्म नहीं हुआ है। पुलिस हिरासत से छूटकर हम वापस जंतर-मंतर पर अपना सत्याग्रह शुरू करेंगे। आरोपी बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी नहीं हुई। उसका संसद में बैठाकर सम्मान किया गया। देश का गौरव बढ़ाने वाली महिला खिलाड़ियों के मान-सम्मान को सड़कों पर कुचला जा रहा।
पहलवान बजरंग पुनिया ने कहा कि क्या कोई सरकार अपने देश के चैम्पियंस के साथ ऐसे बर्ताव करवाती है? हमने क्या गुनाह किया है? एक तरफ प्रधानमंत्री संसद में सेंगोल (राजदंड) स्थापित कर न्याय और नीति परायणता की बड़ी-बड़ी बातें कर रहे थे, वहीं सड़कों पर न्याय मांग रही देश की बेटियों के साथ उनकी ही सरकार और सरकारी तंत्र क्रूरता कर रहा था।
विनेश बोली- नया देश मुबारक हो
विनेश और संगीता फोगाट को हिरासत में लिए जाने के दौरान महिला पुलिसकर्मियों की पहलवानों के साथ अच्छी-खासी धक्कामुक्की हुई। जब पुलिस विनेश और संगीता फोगाट को बस में बैठाकर ले जा रही थी, तब विनेश ने कहा कि ‘नया देश मुबारक हो।’ उधर पहलवानों को गिरफ्तार किए जाने पर साक्षी मलिक ने कहा कि पहलवानों और बुजुर्गों माताओं को हिरासत में लेने के बाद अब पुलिस जंतर-मंतर पर उनका मोर्चा उखाड़ रही है। हमारा सामान उठाया जा रहा है। ये कैसी गुंडागर्दी है?
दिल्ली वुमेन कमीशन की चेयरपर्सन स्वाति मालीवाल ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को चिट्‌ठी लिखकर WFI चीफ बृजभूषण को गिरफ्तार करने, पहलवानों को छोड़ने और उन्हें हिरासत में लेने वाले अफसरों पर कार्रवाई के लिए कहा।
दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शन में गए 3 बच्चों को भी हिरासत में लिया है। इनकी उम्र 12 साल से भी कम बताई जा रही है। महापंचायत में हरियाणा, यूपी और पंजाब समेत कई राज्यों से भारी संख्या में किसानों के पहुंचने की संभावना को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने रविवार सुबह ही सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर बैरिकेडिंग कर दी।
दिल्ली में केंद्रीय सचिवालय और उद्योग भवन मेट्रो स्टेशनों के सभी एंट्री और एग्जिट गेट भी बंद कर दिए गए। हरियाणा में सोनीपत के पास सिंघु बॉर्डर पर एक स्कूल में अस्थाई जेल बना दी गई। हरियाणा पुलिस ने रविवार सुबह ही हिसार, सोनीपत, पानीपत, रोहतक, जींद और अंबाला में खाप प्रतिनिधियों और किसान नेताओं को हिरासत में ले लिया। हरियाणा में सभी टोल प्लाजा पर पुलिस तैनात कर दी गई। महापंचायत के लिए दिल्ली जाने वालों को हिरासत में ले लिया गया।
हरियाणा-यूपी-पंजाब समेत 5 राज्यों के किसान आने वाले थे महिला महापंचायत में
दिल्ली में नए संसद भवन के बाहर ये महापंचायत भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर होनी थी। बृजभूषण की गिरफ्तारी के लिए पहलवान विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक की अगुआई में जंतर-मंतर पर 23 अप्रैल से धरना चल रहा है। महिला महापंचायत में हरियाणा के अलावा यूपी, राजस्थान, उत्तराखंड, पंजाब और दिल्ली की खापों के लोग और किसानों शामिल होने वाले थे।

18 जनवरी 2023 को दिल्ली के जंतर-मंतर पर विनेश फोगाट, साक्षी मलिक के साथ बजरंग पूनिया ने धरना शुरू किया। आरोप लगाया कि WFI अध्यक्ष बृजभूषण सिंह ने कई महिला पहलवानों का यौन शोषण किया। विनेश ने आरोप लगाया कि बृजभूषण होटल के उसी फ्लोर पर रुकते थे, जहां महिला पहलवान ठहरती थीं।
21 जनवरी को विवाद बढ़ने के बाद केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने पहलवानों से मुलाकात की और धरना खत्म कराया। अनुराग ठाकुर ने भरोसा दिया कि मामले की जांच के लिए बनाई गई कमेटी की रिपोर्ट चार हफ्ते के अंदर आएगी, तब तक बृजभूषण के अधिकार छीने जाते हैं। बाद में जांच की मियाद दो हफ्ते बढ़ा दी गई। हालांकि कमेटी की रिपोर्ट आज तक सार्वजनिक नहीं हुई।
23 अप्रैल को पहलवान एक बार फिर जंतर-मंतर पर धरने पर बैठ गए। उन्होंने कहा कि इंसाफ नहीं मिला है और जब तक बृजभूषण की गिरफ्तारी नहीं होती, धरना जारी रहेगा। 28 अप्रैल को पहलवानों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद दिल्ली पुलिस ने दो एफआईआर दर्ज कर ली। इनमें से एक एफआईआर नाबालिग पहलवान के यौन उत्पीड़न की है जिसमें पॉक्सो एक्ट लगा है। दूसरी एफआईआर वयस्क महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के संबंध में है।
3 मई की रात को पहलवानों और पुलिसकर्मियों के बीच जंतर-मंतर पर झड़प हो गई। झड़प में पहलवान राकेश यादव और विनेश फोगाट के भाई दुष्यंत को चोटें आई। वहीं दिल्ली पुलिस का कहना है कि रेसलर पर बल प्रयोग नहीं किया गया और पहलवानों की ओर से की गई मारपीट में 5 पुलिस वाले घायल हुए।
दिल्ली पुलिस के जंतर-मंतर पर धरना दे रहे रेसलर्स के खिलाफ रविवार को लिए गए एक्शन का तमाम विपक्षी पार्टियों ने विरोध किया है। दिल्ली पुलिस ने नए संसद भवन के सामने महापंचायत करने जा रहे पहलवानों को न सिर्फ हिरासत में लिया बल्कि उनके टेंट वगैरह भी उखाड़ दिए। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, प्रियंका गांधी, राहुल गांधी से लेकर आम आदमी पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने खिलाड़ियों के साथ की गई धक्कामुक्की का विरोध किया।
7 मई को जंतर-मंतर पर हरियाणा, यूपी, राजस्थान और पंजाब की खापों की महापंचायत हुई। इसमें बृजभूषण की गिरफ्तारी के लिए केंद्र सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया गया। कोई एक्शन न होने पर 21 मई को फिर महापंचायत हुई। इसमें इंडिया गेट पर कैंडल मार्च और 28 मई को नए संसद भवन पर महिला महापंचायत करने का फैसला लिया गया। 21 मई की शाम को बृजभूषण ने अपना और पहलवानों का नार्को टेस्ट करवाने की बात कही।
22 मई को पहलवानों ने जंतर-मंतर से पत्रकार वार्ता कर बृजभूषण की नार्को टेस्ट करवाने की चुनौती को स्वीकार किया। साथ ही कहा कि टेस्ट प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हो और पूरा टेलीकास्ट लाइव हो। 25 मई को विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया जींद में हुई महापंचायत में पहुंचे और लोगों को 28 मई को नए संसद भवन के सामने होने वाली महिला महापंचायत में शामिल होने का आंमत्रण दिया। 26 मई को पहलवानों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि 28 मई को वे धरना स्थल से नए संसद भवन तक पैदल मार्च करेंगे। इस बीच दिल्ली पुलिस उन्हें जहां रोकेगी, वे वहीं पर महापंचायत शुरू कर देंगे।

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