10 साल का बच्चा शौर्यजीत बना देश की शान

मलखम्ब में कांस्य जीत रचा इतिहास
30 सितम्बर को ही सिर से उठ गया पिता का साया
खेलपथ संवाद
अहमदाबाद।
गुजरात में खेले जा रहे नेशनल गेम्स में सोमवार को मेजबान राज्य के 10 साल के शौर्यजीत खैरे ने पदक जीतकर इतिहास रच दिया है। इस बच्चे ने पोल मलखम्ब में कांस्य पदक अपने नाम किया और इसी के साथ शौर्यजीत इन खेलों में पदक जीतने वाला सबसे युवा खिलाड़ी बन गया। गुजरात हालांकि पदक तालिका में शीर्ष-3 से बाहर है। यहां महाराष्ट्र ने अपना दम दिखाते हुए हरियाणा को दूसरे स्थान से हटा यह स्थान अपने नाम कर लिया है।
36वें राष्ट्रीय खेलों में शौर्यजीत ने अपने करतबों से सभी को हैरान किया और वह अपने खेल के दम पर पदक जीतने में भी सफल रहा। कुछ दिन पहले ही इस बच्चे का वीडियो वायरल हुआ था और ये बच्चा पूरे भारत की नजरों में आ गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शौर्यजीत की तारीफ की थी और ट्वीट करते हुए लिखा था, “शौर्यजीत क्या स्टार है?
शौर्यजीत का प्रदर्शन इसलिए भी काबिलेतारीफ है, क्योंकि उसने 11 दिन पहले ही अपने पिता को खोया है। सिर से पिता का साया उठने के बावजूद उसने हिम्मत नहीं हारी और राष्ट्रीय खेलों में हिस्सा लिया। केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी उसकी तारीफ की है। खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने राष्ट्रीय खेलों में हिस्सा लेते हुए शौर्यजीत का एक वीडियो शेयर किया है। इसमें उन्होंने लिखा, ‘गुजरात के 10 वर्षीय शौर्यजीत खैरे ने नेशनल गेम्स 2022 में मलखम्ब प्रतियोगिता में अपनी महारत से साबित कर दिल जीत लिया है! जब युवा भारतीय हमारे पारम्परिक खेलों का अभ्यास करते हैं और उन्हें बढ़ावा देते हैं, तो यह पूरे देश के लिए गर्व की बात है। वेल डन, शौर्यजीत!’
बता दें कि 30 सितम्बर 2022 को शौर्यजीत खैरे के पिता का निधन हो गया था। शौर्यजीत तब राष्ट्रीय खेलों की तैयारियों में जुटे थे। शौर्यजीत के पिता का सपना था उनका बेटा राष्ट्रीय खेलों में हिस्सा ले और पदक जीते। ऐसे में शौर्यजीत ने पिता के सपने को पूरा करने के लिए दिल पर दुखों का पहाड़ लिए राष्ट्रीय खेलों में हिस्सा लेने का फैसला किया। इस काम में उनकी मां और उनके कोच ने शौर्यजीत का हौसला बढ़ाया। शौर्यजीत छुट्टी लेकर पिता का अंतिम संस्कार करने वड़ोदरा गया। इसके बाद अहमदाबाद लौट आया, क्योंकि उसका मुकाबला होना था। उसने कहा, ‘लोगों ने जिस तरह से मेरा हौसला बढ़ाया, वह देखकर काफी गर्व महसूस कर रहा हूं। मेरे पिता का सपना था कि मैं राष्ट्रीय खेलों में हिस्सा लूं और गोल्ड मेडल जीतूं। मैं उनके सपने को जरूर पूरा करूंगा।’

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