गुरबत से निकली 'गोल्डन गर्ल' कावेरी ढीमर

कभी मछलियां पकड़ती थी सीहोर की बिटिया
कैनोइंग में नेशनल लेवल पर जीते 30 गोल्ड मेडल
खेलपथ संवाद
भोपाल।
कभी गरीबी के चलते मछलियां पकड़ने वाली सीहोर (मध्य प्रदेश) कावेरी ढीमर आज देश की कैनोइंग चैम्पियन है। हर प्रतियोगिता में अपने दमदार प्रदर्शन से न केवल खेलप्रेमियों का दिल जीत लेती है बल्कि स्वर्ण पदकों से गला भी सजाती है। अपने अदम्य कौशल से इस बिटिया ने लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की हार नहीं होती, पंक्तियों को सही चरितार्थ कर दिखाया है।
मध्यप्रदेश के सीहोर जिले की कावेरी ढीमर आज किसी परिचय की मोहताज नहीं है। कावेरी ढीमर ने एक मछली पकड़ने वाली लड़की से देश की कैनोइंग चैम्पियन बनने का सफर तय किया है। कावेरी आज 'मध्यप्रदेश की गोल्डन गर्ल' के रूप में पहचानी जाती है। कावेरी ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश और प्रदेश का नाम गौरवान्वित किया है। वह अब तक नेशनल लेवल पर करीब 30 गोल्ड मेडल और एक सिल्वर मेडल जीत चुकी है।  
कावेरी ढीमर की सफलता की कहानी उन तमाम युवाओं के लिए प्रेरणा का सबक है जो मुसीबतों का रोना रोकर अपना जीवन बदलने की कोशिश नहीं करते। कावेरी एक मजदूर परिवार की बेटी है। बचपन में वह पिता का कर्ज चुकाने और परिवार चलाने के लिए नर्मदा नदी में पिता के साथ मछलियां पकड़ा करती थी। नाव में मछलियां पकड़ने के हुनर ने ही कावेरी को आज कैनोइंग चैम्पियन बना दिया है।
उत्तराखंड में जीते पांच स्वर्ण पदक
हाल ही में कावेरी ढीमर ने उत्तराखंड में 22 से 25 अगस्त तक आयोजित 33वीं राष्ट्रीय कैनो स्प्रिंट सीनियर महिला चैम्पियनशिप में 5 स्वर्ण पदक एवं एक रजत पदक जीता है। कावेरी को कयाकिंग और कैनोइंग की 1000, 500, 200 मीटर की छह रेसों में से पांच स्वर्ण पदक मिले हैं। 17 वर्षीय कावेरी ने चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में बीए प्रथम वर्ष में प्रवेश लिया है।

रिलेटेड पोस्ट्स