गौरांशी ने बढ़ाया मध्य प्रदेश का गौरव

डेफ ओलम्पिक में जीता स्वर्ण पदक 
खेलपथ संवाद
भोपाल।
मध्य प्रदेश राज्य बैंडमिंटन अकादमी की दिव्यांग खिलाड़ी गौरांशी शर्मा ने ब्राजील में आयोजित डेफ ओलम्पिक के टीम इवेंट में स्वर्ण पदक हासिल कर प्रदेश का गौरव बढ़ाया है। इससे पहले भी यह शटलर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई मेडल जीत चुकी है। गौरांशी के माता-पिता भी मूक-बधिर हैं।
गौरांशी शर्मा की उपलब्धि पर खेल एवं युवा कल्याण मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने बधाई दी, खेल मंत्री ने कहा कि गौरांशी ने ये साबित कर दिया है कि मध्य प्रदेश में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि गौरांशी की प्रतिभा को निखारने का श्रेय राज्य अकादमी की बेहतर सुविधाओं और प्रशिक्षकों को जाता है। साथ ही मैं उनके समर्पित माता-पिता को भी बधाई देती हूँ। गौरांशी के माता-पिता भी दिव्यांग हैं, लेकिन उन्होंने कभी इसे गौरांशी के सपनों के बीच बाधा नहीं बनने दिया।
खेल मंत्री यधोधरा राजे सिंधिया ने कहा कि जब गौरांशी टी.टी. नगर स्टेडियम में समर कैम्प में शामिल होने आई थी, तब वो मात्र सात वर्ष की थी। उसकी लगन और जुनून के चलते वह मध्य प्रदेश राज्य बैंडमिंटन अकादमी का प्रतिनिधित्व कर रही है। उसकी इस प्रतिभा को निरंतर जारी रखने और बेहतर प्रशिक्षण के लिए खेल विभाग द्वारा एक लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई थी।
खेल मंत्री ने कहा कि गौरांशी ने डेफ ओलम्पिक में स्वर्ण पदक हासिल कर हमें गौरवान्वित किया है। मुझे उम्मीद है कि गौरांशी इंडिविजुअल इवेंट में भी स्वर्ण पदक हासिल कर प्रदेश और देश का नाम रोशन करेगी। भोपाल की रहने वाली दिव्यांग खिलाड़ी गौरांशी शर्मा सुन और बोल नहीं पाती। शारीरिक कमियों के बावजूद गौरांशी ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं। गौरांशी राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में 5 रजत और 1 कांस्य जीत चुकी है वहीं, गौरांशी को मध्य प्रदेश सरकार 2020 में एकलव्य पुरस्कार से सम्मानित कर चुकी हैं। 
गौरांशी अंतरराष्ट्रीय पदक भी अपने नाम कर चुकी है वहीं, चीन के ताइपे में वर्ल्ड डीफ बैडमिंटन चैम्पियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व भी कर चुकी हैं। जमशेदपुर में जूनियर व सब जूनियर नेशनल एथलेटिक्स गेम्स ऑफ द डीफ में गौरांशी ने कांस्य पदक हासिल किया था, भोपाल में आयोजित नेशनल बैडमिंटन चैम्पियनशिप में चौथा स्थान प्राप्त किया था। गौरांशी करीब 12 स्टेट लेवल टूर्नामेंट खेल चुकी है।

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