आदित्या यादव और उनकी जोड़ीदार जर्लिन का कमाल

ब्राजील डेफ ओलम्पिक में भारत को गोल्ड
शटलरों ने बैडमिंटन में दिखाया दम
खेलपथ संवाद
गोरखपुर।
गोरखपुर की बेटी आदित्या यादव ने ब्राजील में इतिहास रच दिया है। 12 साल की उम्र में डेफ ओलम्पिक खेल रही आदित्या ने निर्णायक मैच में अपनी टीम को जीत दिलाकर टीम चैम्पियनशिप में भारत को गोल्ड दिलाया। भारत ने पहली बार बैडमिंटन चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल जीता है।
ब्राजील में एक मई से शुरू हुए डेफ ओलम्पिक में 2 मई को भारत ने टीम चैम्पियनशिप में आगाज किया था। पहले मैच में भी फ्रांस के खिलाफ भारत ने 4-1 से प्रतियोगिता जीती थी। उसमें भी उद्घाटन मैच मिक्स डबल्स में आदित्या यादव ने अपने जोड़ीदार रोहित भाकर के साथ खेला था। पहला मैच 21-15, 17-21, 21-16 से जीतकर भारत को मनोवैज्ञानिक बढ़त दिलाई थी। प्री क्वार्टर फाइनल में 3 मई को ब्राजील के खिलाफ आदित्या को खेलने का मौका नहीं मिला था। उसमें भारत ने 5-0 से ब्राजील को शिकस्त दी थी। क्वार्टर फाइनल में तुर्की के खिलाफ भारत ने पहले ही तीन-एक से मुकाबला जीत लिया, जिसके कारण पांचवां मैच जो आदित्या को खेलना था, उस मैच की जरूरत ही नहीं पड़ी।
सेमीफाइनल में बेहद मजबूत मानी जा रही और पिछली बार की गोल्ड मेडलिस्ट चीनी ताइपे से भारत का मुकाबला था। सेमीफाइनल के पहले मैच में मिक्स डबल में आदित्या और उनके जोड़ीदार अभिनव शर्मा नजदीकी मुकाबले में 21-17, 21-14 से हार गए। इसके बाद महिला सिंगल्स, पुरुष सिंगल्स और महिला डबल्स में लगातार तीन मैच जीतकर भारत ने फाइनल में प्रवेश किया।
सेमीफाइनल के चौथे और निर्णायक मैच में बुधवार देर रात महिला डबल्स में आदित्या यादव ने अपनी जोड़ीदार जर्लिन के साथ 20-22, 23-21, 21-17 से मुकाबला जीतकर फाइनल में जगह बनाई। धड़कनें रोक देने वाला यह मैच 51 मिनट तक चला। भारतीय समयानुसार गुरुवार को तड़के टीम चैम्पियनशिप का फाइनल मैच खेला गया। इसमें भी आदित्या यादव और अभिनव शर्मा की जोड़ी पहला मैच 16-21, 11-21 से हार गई। उसके बाद महिला सिंगल्स और पुरुष सिंगल्स का मैच जीतकर टीम ने 2-1 की बढ़त बना ली। चौथा मैच महिला डबल्स में आदित्या यादव और उनकी जोड़ीदार जर्लिन ने 21-15, 21-15 से जीतकर न सिर्फ फाइनल में निर्णायक जीत दिलाई बल्कि भारत को स्वर्ण पदक भी दिला दिया।

 

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