खेल और देशभक्ति एक सिक्के के दो पहलू
वेटरंस इंडिया स्पोर्ट्स विंग के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. अशोक कुमार लेंका का संदेश
खेलपथ संवाद
ग्वालियर। खेल और देशभक्ति एक सिक्के के दो पहलू हैं। वेटरंस इंडिया स्पोर्ट विंग इस देश के सम्पूर्ण विकास को पोषित करने के लिए दोनों को उच्चतम स्तर से जोड़कर इस अवधारणा में क्रांतिकारी बदलाव लाने की कोशिश कर रहा है। दिल, चरित्र और राष्ट्र सम्मान से ही खेलों में खेलभावना के बीज बोए जा सकते हैं। खेलों में शिरकत करने की एकमात्र योग्यता सिर्फ भारतीय होनी चाहिए। यह कहना है वेटरंस इंडिया स्पोर्ट विंग के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. अशोक कुमार लेंका का।
डॉ. लेंका अपने संदेश में कहते हैं कि कोई जाति नहीं, कोई पंथ नहीं, कोई धर्म नहीं, कोई राजनीति नहीं और संघ की कोई अमूर्त सीमा नहीं। सबका मंत्र होगा महापुरुषों के लिए प्यार, बड़ों का सम्मान, उन लोगों के लिए प्रेरणा जो खेल से प्यार करते हैं और राष्ट्र निर्माण की जिम्मेदारी लेने के लिए युवाओं को पोषित-प्रेरित करने को तैयार हैं। डॉ. लेंका कहते हैं कि अब देशभक्ति के पाठ मैदान से शुरू होंगे क्योंकि वेटरंस इंडिया स्पोर्ट विंग ने खेल और खेलभावना के माध्यम से नए भारत के निर्माण की चुनौती अपने हाथों में ली है। आप तैयार हैं तो आएं हमारे साथ तथा अपने राष्ट्र को विश्व में सर्वश्रेष्ठ बनाएं।
हमारा नारा है "राष्ट्र भक्ति खेल से शक्ति"। यह दुख की बात है कि खेलों का राष्ट्रवाद अपनी साख खो रहा है। इसलिए हम दिग्गजों ने जमीनी स्तर के विकास से दोनों का उत्थान करने का फैसला किया है। वेटरंस इंडिया स्पोर्ट विंग की यह सोच है कि अगर भारत को ओलम्पिक खेलों में एक महाशक्ति के रूप में जगह बनानी है तो हमें गांवों में जाना होगा और गांव स्तर से खेल प्रतिभाओं की खोज शुरू करनी होगी। सच कहें तो आज प्रतिभाओं को भारत के सुदूर इलाकों में खोजने और उनके कौशल को निखारने की जरूरत है। प्रतिभाओं को परिपक्व और उपलब्धि हासिल करने वाला खिलाड़ी बनाने के लिए आज बड़े पैमाने पर काम करने की जरूरत है। यह काम वेटरंस इंडिया स्पोर्ट विंग करेगा, जरूर करेगा।
भारत युवाओं का देश है। यहां युवाओं की आबादी विश्व में अग्रणी है। जरूरत इस युवा शक्ति को खेल के माध्यम से राष्ट्रवाद और देशभक्ति सिखाने की है। वेटरंस इंडिया स्पोर्ट विंग राष्ट्र निर्माण के लिए देशभक्ति और खेल को एक मंच पर जोड़ने का प्रयास कर रहा है। स्पोर्ट्स मैन को देश का असली सिपाही बनाने के लिए कई मेजर लिए जाते हैं। इसलिए हम नहीं चाहते कि जातिवाद के कारण किसी भी खेल में केवल राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खिलाड़ियों के चयन में सिर्फ 25 से 35 फीसदी एथलीट ही सहभागिता करें। हम चाहते हैं कि पूरी पारदर्शिता के साथ राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय चयन परीक्षणों में शत-प्रतिशत प्रतिभाएं शामिल हों। वेटरंस इंडिया स्पोर्ट विंग खेल के माध्यम से भारतीयों का नजरिया बदलने का काम करने वाला एकमात्र सामाजिक संगठन है। संगठन का उद्देश्य खेलों में बिना पक्षपात खिलाड़ियों के चयन को प्राथमिकता दिलाना है। यदि खिलाड़ियों के चयन में पक्षपात बंद हो जाए तो सच मानिए आने वाले वर्षों में इसके चमत्कारी परिणाम देखने को जरूर मिलेंगे।
वेटरंस इंडिया स्पोर्ट विंग एक ऐसा मंच है जहां कोई भी व्यक्ति अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकता है। यदि वेटरंस इंडिया स्पोर्ट विंग से प्रतिभाएं जुड़ती हैं तो संगठन उन्हें शिखर तक पहुंचाने की हरमुमकिन कोशिश करेगा। हम अराजनीतिक, निष्पक्ष हैं तथा किसी भी तरह के सामाजिक आरक्षण के प्रति झुकाव नहीं रखते। हमारा उद्देश्य जमीनी स्तर पर वेटरंस इंडिया के विभिन्न विंगों के माध्यम से राष्ट्रवाद और देशभक्ति को बढ़ावा देना है। हमारा संकल्प और उद्देश्य एक बार फिर से भारत को "विश्व गुरु" बनाना है। आइए अपने राष्ट्र को सबसे अच्छा बनाने के लिए हरसम्भव योगदान देकर मजबूत करें। मैंने समझता हूं कि विकास का सबसे अच्छा तरीका खेल और खेल कौशल है। मैंने रक्षा और खेल दोनों का प्रशिक्षण लिया है। दोनों का उद्देश्य एक सच्चा देशभक्त बनाना है।
देशभक्त और खेलभक्त दोनों को अपने शरीर के चारों ओर राष्ट्रीय ध्वज लपेटने का अधिकार है। एक खिलाड़ी जब देश के लिए मेडल जीतता है तथा एक राष्ट्रभक्त की देशसेवा करते हुए जब मृत्यु हो जाती है, तभी उसे तिरंगा मयस्सर होता है। मैं एक खिलाड़ी तथा पर्वतारोही के रूप में पहचान रखता हूं। ताइक्वांडो तथा पर्वतारोही के रूप में मुझे कई विलक्षण उपलब्धियां हासिल हुई हैं। मैं 11 बार पहाड़ों के शिखर पर चढ़ चुका हूं। मुझे खेलों और खिलाड़ियों का मर्म तथा परेशानिया मालूम हैं। मैं हिमालय की कई पर्वत चोटियों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद अब चाहता हूं कि भारतीय युवा शक्ति भी ऐसा करे। मैं खेल बिरादरी से अपनी पक्षपाती सोच से बाहर आने का आग्रह करता हूं। दोस्तों आइए. हम सब मिलकर देश के विकास के लिए काम करें।
वेटरंस इंडिया स्पोर्ट विंग खेल के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में भाग लेने के लिए हर आयु वर्ग के सभी खिलाड़ियों का स्वागत करता है। आइए भारत के हर नुक्कड़ और दूरदराज के हिस्से तक पहुंचें ताकि भारत की सर्वश्रेष्ठ प्रतिभा को राष्ट्रोत्थान के लिए बाहर लाया जा सके। अंत में, 20 जनवरी 1961 को अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ. केनेडी का सम्बोधन, जिसने मुझे हमेशा प्रेरित किया है, यह मत पूछो कि आपका देश आपके लिए क्या कर सकता है, पूछें कि आप अपने देश के लिए क्या कर सकते हैं। आओ हम सब कड़ी मेहनत और समर्पण के साथ वेटरंस इंडिया स्पोर्ट विंग के माध्यम से राष्ट्र के विकास में अपना अमूल्य योगदान दें ताकि दुनिया भारत को सलाम करे।
-जय हिन्द