विजय कुमार ने निशानेबाजी महासंघ अध्यक्ष को लिखा पत्र

ओलम्पिक रजत पदक विजेता कोच पद की अनदेखी से खफा
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली। राष्ट्रीय निशानेबाजी महासंघ द्वारा राष्ट्रीय कोच के पद के लिए बार-बार अनदेखी से आहत ओलम्पिक रजत पदक विजेता विजय कुमार ने महासंघ अध्यक्ष को पत्र लिखकर उनकी असंख्य उपलब्धियों पर गौर करके भावी पीढी के निशानेबाजों को तैयार करने का मौका देने का अनुरोध किया है।
लंदन ओलम्पिक 2012 के रजत पदक विजेता पिस्टल निशानेबाज विजय ने कहा कि कई ऐसे कोचों को नियुक्त किया गया है जिनके पास अंतरराष्ट्रीय अनुभव या प्रदर्शन नहीं है लेकिन योग्यता के बावजूद उनकी अनदेखी की जा रही है। भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) के अध्यक्ष कलिकेश सिंह देव ने हालांकि कहा कि उन्हें विजय के पत्र की कोई जानकारी नहीं है और वह योग्य दावेदार हैं। उन्होंने यह भी कहा कि एशियाई चैम्पियनशिप (कजाखस्तान, 16 से 30 अगस्त ) के बाद कोचों की नियुक्ति की फिर से समीक्षा की जायेगी।
कलिकेश ने कहा, 'हम कुछ नये कोचों को नियुक्त करेंगे और कुछ पुराने कोचों को बाहर करेंगे।' एनआरएआई ने फरवरी में तीन दर्जन कोचों और हाइ परफॉर्मेंस विशेषज्ञों की नियुक्ति की जिनमें जसपाल राणा और दीपाली देशपांडे शामिल हैं लेकिन विजय का नाम नहीं है।
विजय ने पत्र में कहा, 'फरवरी 2025 में भारतीय निशानेबाजी टीम के पिस्टल कोच के पद के लिये चयन समिति द्वारा उपेक्षा किये जाने के बाद मैंने आपको पत्र लिखा है। आपने मुझे आश्वासन दिया था कि उस फैसले की समीक्षा की जायेगी।मैंने एनआरएआई महासचिव और चयन समिति के सदस्यों से भी यह जानने की कोशिश की कि मेरा चयन क्यों नहीं हुआ लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला।'
हिमाचल प्रदेश में पुलिस उप अधीक्षक के पद पर तैनात विजय ने कहा, 'भारत के लिये मेरी उपलब्धियां अपार हैं और अगली पीढी के निशानेबाजों को तैयार करना मेरा फर्ज है। ओलम्पिक पदक जीतने और अन्य शीर्ष स्पर्धाओं में अच्छे प्रदर्शन के लिये प्रतिभा के साथ मानसिक तैयारी भी जरूरी है जिसमें मैं मदद कर सकता हूं।
कुछ बेहतरीन कोचों की नियुक्ति भी हुई है लेकिन चयन समिति ने ऐसे उम्मीदवारों को भी चुना है जिनकी कोई उपलब्धि नहीं है और जिनका डोपिंग या अनुशासनहीनता का इतिहास रहा है। मैं आपसे इस मामले में दखल देने का अनुरोध करता हूं ताकि मुझे वही बर्ताव किया जाये जिसका एक ओलम्पिक पदक विजेता हकदार होता है।'