श्रीराम अखाड़े के दो पहलवान नेपाल में ठोकेंगे ताल

पहलवानों के सपनों को पंख लगाता कानपुर का श्रीराम अखाड़ा

सुविधाओं के अभाव में जीत के गुर सिखाते दुर्गेश पाठक

खेलपथ प्रतिनिधि

कानपुर। जिन्दगी एक जंग है लेकिन इस जंग में वही जीत पाता है जिसमें कुछ करने की हिम्मत हो। ऐसे ही हिम्मती और दिलेर हैं कानपुर के दुर्गेश पाठक। श्री पाठक कानपुर के लोगों को न केवल फिटनेस की मुफ्त सलाह देते हैं बल्कि सुविधाविहीन श्रीराम अखाड़े में पहलवानों का कौशल भी निखारते हैं। इनसे प्रशिक्षण प्राप्त दर्जनों पहलवान अब तक राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर कानपुर व उत्तर प्रदेश को गौरवान्वित कर चुके हैं।

पिछले महीने 29 से 31 अक्टूबर के बीच अखिल भारतीय खेल विकास संघ द्वारा हरदोई में राष्ट्रीय स्तर की कुश्ती प्रतियोगिता आयोजित की गई थी जिसमें दुर्गेश पाठक के दो शिष्यों ने शानदार सफलता हासिल कर कानपुर और श्रीराम अखाड़े का गौरव बढ़ाया। 65 किलोग्राम भारवर्ग की जूनियर फ्री स्टाइल कुश्ती में शाद इरफान ने जहां अपने दांव-पेंचों से प्रतिद्वंद्वी पहलवानों को पस्त कर स्वर्ण पदक जीता वहीं 75 किलोग्राम भारवर्ग की जूनियर फ्री स्टाइल कुश्ती में शिखर शुक्ला ने भी स्वर्णिम सफलता हासिल कर कानपुर और उत्तर प्रदेश का नाम रोशन किया।

श्रीराम अखाड़े के इन होनहार पहलवानों के बेजोड़ प्रदर्शन को देखते हुए इनका चयन अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा के लिए भारतीय टीम में हुआ है। यह प्रतियोगिता नेपाल की राजधानी काठमांडू में होगी। शाद इरफान और शिखर शुक्ला के अलावा भी श्रीराम अखाड़े के कई पहलवान अब तक प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर पर अपनी छाप छोड़ चुके हैं। दुर्गेश पाठक की जहां तक बात है यह बच्चों को निःशुल्क प्रशिक्षण देकर उनका कौशल निखारते हैं। बहुमुखी प्रतिभा के धनी श्री पाठक कानपुर के लोगों को योग के माध्यम से भी निरोगी रखने की कोशिश करते रहते हैं।

श्री पाठक का कहना है कि श्रीराम अखाड़े में सुविधाओं का अभाव है। यहां बरसात के समय प्रशिक्षण हासिल करने वाले प्रतिभाशाली पहलवानों को काफी परेशानी होती है। इस अखाड़े के पास एक कमरा है जोकि वर्षों से बंद पड़ा है। यह कमरा यदि श्रीराम अखाड़े को मिल जाए तो यहां बच्चों को प्रशिक्षण हासिल करने में न केवल सहूलियत होगी बल्कि बरसात के समय भी उन्हें कोई परेशानी नहीं होगी। यह कमरा वैसे भी अनुपयुक्त है, ऐसे में खेलपथ की कानपुर के जिलाधिकारी से गुजारिश है कि खेलहित में इसे श्रीराम अखाड़े को दे देना चाहिए।

जिलाधिकारी और लेबर ऑफिसर दिखाएं उदारता

कानपुर का श्रीराम अखाड़ा उत्तर प्रदेश का गौरव स्थल है। सुविधाविहीन इस अखाड़े को एक अदद कमरे की तलाश है। ऐसे में श्रीराम अखाड़े के पास जो कमरा अनुपयुक्त वर्षों से बंद पड़ा है, उसको कानपुर के खेलप्रेमी जिलाधिकारी और लेबर ऑफिसर प्रशिक्षक दुर्गेश पाठक के हैंडओवर कर कानपुर के प्रतिभाशाली पहलवानों के सपनों को पंख लगा सकते हैं। उम्मीद है कि खेलहित में जिलाधिकारी अवश्य कोई अच्छा निर्णय लेंगे।        

 

 

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