राष्ट्रीय महिला मुक्केबाजी में रेलवे का रहा दबदबा

निकहत सर्वश्रेष्ठ मुक्केबाज
खेलपथ संवाद
हिसार।
रेलवे खेल संवर्धन बोर्ड (आरएसपीबी) ने पांच स्वर्ण पदक के साथ राष्ट्रीय महिला मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में दबदबा बनाते हुए लगातार दूसरा खिताब जीता जबकि एशियाई चैम्पियनशिप की पूर्व कांस्य पदक विजेता तेलंगाना की निकहत जरीन (52 किलोग्राम) को प्रतियोगिता का सर्वश्रेष्ठ मुक्केबाज चुना गया।
टीम आरएसपीबी ने प्रतियोगिता का अंत पांच स्वर्ण, छह रजत और एक कांस्य पदक से कुल 12 पदक के साथ किया। आरएसपीबी के मुक्केबाजों ने प्रत्येक वजन वर्ग में पदक जीते। जरीन ने हरियाणा की मीनाक्षी को फाइनल में 4-1 से हराकर खिताब जीता। दो बार की एशियाई चैम्पियन हरियाणा की पूजा रानी ने 81 किलोग्राम के फाइनल में आरएसपीबी की नूपुर को एकतरफा मुकाबले में 5-0 से हराया। हरियाणा की ही नीतू ने उलटफेर करते हुए आरएसपीबी की मंजूर रानी को 48 किलोग्राम वर्ग के फाइनल में सर्वसम्मत फैसले से हराया।
विश्व चैम्पियनशिप 2016 की रजत पदक विजेता आरएसपीबी की सोनिया लाठेर ने 57 किलोग्राम वर्ग के अखिल भारतीय पुलिस की मनीष के खिलाफ 5-0 की आसान जीत दर्ज की। आरएसपीबी की मीना रानी ने 60 किलोग्राम वर्ग में कड़े मुकाबले में हरियाणा की जास्मिन को 3-2 से हराकर टीम के लिए दूसरा स्वर्ण पदक जीता।
जास्मिन को सर्वश्रेष्ठ चैलेंजर का पुरस्कार मिला। आरएसपीबी के लिए अनामिका (50 किलोग्राम), शिक्षा (54 किलोग्राम) और नंदिनी (+81 किलोग्राम) ने भी स्वर्ण पदक जीते। हरियाणा चार स्वर्ण, चार रजत और एक कांस्य पदक सहित कुल नौ पदक के साथ दूसरे स्थान पर रहा। दिल्ली ने एक स्वर्ण और दो कांस्य से तीसरा स्थान हासिल किया।
चैम्पियनशिप के स्वर्ण और रजत पदक विजेताओं ने राष्ट्रीय कोचिंग शिविर में जगह बनाई। भारतीय मुक्केबाजी महासंघ ने घोषणा की थी कि सभी स्वर्ण पदक विजेताओं को 70 किलोग्राम वर्ग के अलावा अन्य में विश्व चैम्पियनशिप टीम में सीधे जगह मिलेगी। टोक्यो ओलम्पिक की कांस्य पदक विजेता लवलीना बोरगोहेन को 70 किलोग्राम वर्ग के लिए टीम में सीधे जगह मिली है। हालांकि संकेत हैं कि राष्ट्रीय प्रदर्शन के आधार पर कुछ वजन वर्ग में ट्रायल हो सकते हैं।

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