फ्रीहैंड बैट्समैनों के सामने भुवी को थमाई जाती है बॉल

प्रशिक्षक संजय रस्तोगी उवाच
मेरठ।
टीम इंडिया के खिलाड़ी और स्विंग मास्टर भुवनेश्वर कुमार ने मेरठ में क्रिकेट सीखा है। यहां विक्टोरिया पार्क के भामाशाह मैदान पर भुवनेश्वर की गेंदबाजी को धार मिली है। उनके कोच संजय रस्तोगी को भुवी से बड़ी उम्मीदें हैं। उनका कहना है कि जब बैट्समैन फ्रीहैंड होता है या लास्ट में जब बैट्समैन को रन बनाना ही बनाना है तब भुवी को बॉलिंग दी जाती है। ऐसे में बैट्समैन रन बनाने में पूरा जोर लगाता है।
इसलिए लोगों को लग सकता है कि भुवी आईपीएल में अपना बेस्ट नहीं दे पाए, मगर टीम मैनेजमेंट को उन पर कितना भरोसा है इस पर भी ध्यान देने की जरूरत है। कोच को उम्मीद है कि उनका शिष्य टी-20 में शानदार प्रदर्शन करेगा। कोच संजय रस्तोगी ने क्या कहा- पढ़ें
टी-20 में भुवनेश्वर के गेम से क्या उम्मीद हैं?
भुवनेश्वर हमेशा कंसिस्टेंट परफार्मर रहा है। पाकिस्तान के खिलाफ हर मैच में उसने बेस्ट दिया है। टी-20 ऐसा गेम है जिसमें एक ओवर से टीम माइनस, प्लस हो जाती है। टीम मैनेजमेंट को भुवी पर भरोसा है तो वो कोई कारण होगा। भुवी लगातार अच्छा खेल रहा है। बीच में हेल्थ इश्यू के कारण उसको खेलने में दिक्कत रही। लेकिन, अब सब ठीक है और वो टी-20 में अच्छा करेगा।
किस कंडीशन, किस सरफेस पर गेम हो रहा है इस पर निर्भर करता है। 40 प्लस तापमान है, ड्राय विकेट हैं, उस हालात में उसका बॉलिंग औसत 6 से 7 रहा है। दूसरे गेंदबाजों को देखें तो उनसे बेहतर हैं। हमारी उम्मीदें हमेशा ज्यादा होती हैं, लेकिन हालात भी देखना चाहिए।
इंटरनेशनल क्रिकेट, आईपीएल दोनों का प्रेशर?
इंटरनेशनल क्रिकेट, आईपीएल दोनों अलग है। आईपीएल में लीग मैच होते हैं एक हारा दूसरा जीत लिया, लीग मैच में प्रेशर कम होता है। लेकिन, वर्ल्ड कप में कंट्री के लिए मैच होता है। खिलाड़ी देश के लिए खेलता है। इसमें डिफरेंट तरह का प्रेशर होता है।
टीम गेम में पूरी टीम को एफर्ट करना होता है जो टीम को जिताता है। बोर्ड ने पूरी रणनीति के साथ टीम बनाई है, उसी के तहत भुवनेश्वर को रखा है। इंग्लैंड टूर में जब भुवी को नहीं लेकर गए तो विवाद भी चला था। सिलेक्टर्स के मन में पहले से तय था कि उनको भुवी को वर्ल्ड कप के लिए रखना है।
स्विंग मास्टर की गेंदों में अब कंसिस्टेंसी की कमी दिखती है?
यह सच नहीं है, जितना दूसरे गेंदबाजों से भुवी को कंपेयर करें तो देखेंगे कि विपरीत हालातों में भी भुवी अच्छा फेंकते हैं। जो हालात फास्ट बॉलिंग के लिए अच्छे नहीं हैं वहां भी भुवनेश्वर ने बेस्ट किया है।
शार्दूल, चाहर ऐसे नाम हैं जो बैटिंग में भी बेस्ट हैं, जबकि भुवी उसमें पीछे हैं?
भुवनेश्वर का अगर ट्रैक रिकार्ड चेक करें तो भुवी ने बैटिंग में जितना अच्छा किया है, उसमें शायद दूसरे किसी का नहीं है। जितने फिफ्टीज भुवनेश की हैं उतनी किसी की नहीं हैं। लेकिन, मायने ये रखता है कि बैटिंग कब मिल रही है इस पर निर्भर करता है।
भुवी को जब भी मौका मिला उसने अच्छा किया है। इंग्लैंड में जब भी मौका मिला उसने बेस्ट किया। भुवनेश को अच्छे ऑलराउंडर्स के रूप में जाना जाता है। टीम में बैटिंग इस समय इतनी अच्छी चल रही है कि 90% मैचों में तो बैटिंग ही नहीं मिलती। जब दो या तीन ओवर के लिए मिलती है तो वो अच्छा करता है। डोमेस्टिक मैचों में उसकी सेंचुरी है। रणजी, दिलीप ट्राफी में उसने बेस्ट किया। टेस्ट मैच में भी उसने अच्छी पार्टनरशिप की है।
क्या वर्ल्डकप में जाने से पहले भुवनेश्वर ने आपसे कोई सलाह ली?
भुवनेश्वर जब भी मेरठ आते हैं मेरे पास आते हैं इसी मैदान पर अभ्यास भी करते हैं। अभी क्रिकेट बोर्ड से उन्हें गाइडेंस मिल रहा है, फिर भी जहां जरूरत होती है वो बात करते हैं। वर्ल्ड कप में भी भुवनेश्वर बेहतरी से खेलेंगे, पूरी स्ट्रेटजी से खेलेंगे।
भुवनेश्वर स्पीडअप नहीं लगते क्या खास वजह?
ऐसा नहीं है भुवनेश्वर मौसम, माहौल में ढलते हुए बेहतरीन परफार्म करते हैं। वो स्विंग मास्टर हैं वही उनकी खूबी है। उसमें कोई कमी नहीं है। पिच पर जैसी जरूरत हो भुवनेश्वर करते हैं यही यूएई में भी दिखेगा।
(साभार भास्कर)

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