दिग्गज वंदना कटारिया ने फिर से हॉकी थामने का मन बनाया

कहा- टीम प्रबंधन चाहे तो वह दोबारा वापसी करने को तैयार

खेलपथ संवाद

नई दिल्ली। भारतीय महिला हॉकी टीम की अनुभवी स्ट्राइकर रहीं वंदना कटारिया ने इस साल अप्रैल में अंतरराष्ट्रीय हॉकी से विदा ली थी। हालांकि, उन्होंने अब अपने संन्यास के फैसले पर चुप्पी तोड़ी है। कटारिया का कहना है कि वह खुद को उपेक्षित महसूस कर रही थीं जिस कारण उन्होंने संन्यास का फैसला लिया था। वंदना ने साथ ही कहा कि अगर टीम प्रबंधन चाहे तो वह दोबारा वापसी करने के लिए तैयार हैं।

दो बार की ओलम्पियन 33 वर्ष की वंदना कटारिया ने 15 साल के करियर को समाप्त करने का फैसला लिया था। उन्होंने भारत के लिए सर्वाधिक 320 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलकर 158 गोल किए हैं। वंदना ने कहा, जब मुझे लगा कि टीम प्रबंधन को मुझसे कोई अपेक्षा नहीं है तो मैं मानसिक दबाव में आ गई। मैं फिट थी और खेलने में सक्षम भी लेकिन जब मुझे उपेक्षित महसूस होने लगा तो फिर खेलने के कोई मायने नहीं थे।

उन्होंने कहा, मेरा मनोबल गिर गया था। हम आत्मविश्वास के साथ अभ्यास करते हैं लेकिन कई बार नतीजे नहीं मिलते। मैं यह नहीं कहती कि युवा खिलाड़ी अच्छे नहीं हैं, वे शानदार हैं। उन्हें रूटीन के बारे में पता है लेकिन मुझे एक मैच खेलकर अगले दो मैचों में बाहर रहना बहुत खराब लग रहा था। अगर किसी खिलाड़ी को जानबूझकर दबाव में रखा जाएगा तो वह क्या करेगा। मैं लम्बे समय से संन्यास के बारे में सोच रही थी और मानसिक रूप से भी इससे परेशान हो गई थी।

महिला हॉकी लीग में श्राची बंगाल टाइगर्स की कप्तानी कर रहीं कटारिया ने कहा, मुझे पता है कि मैं अभी भी खेल सकती हूं और मेरी जरूरत हुई तो मैं तैयार हूं। कोच आते जाते रहते हैं लेकिन टीम को छोड़ना कठिन था जिसके साथ जीवन का अधिकांश हिस्सा बिताया है। संन्यास के बाद भी मैंने रूटीन नहीं बदला है और किसी भी रूप में हॉकी की सेवा के लिए तैयार हूं।

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