फिर उठी केडी जाधव को पद्म भूषण अवॉर्ड देने की मांग

खेल मंत्रालय ने इस बार पद्म पुरस्कार के लिए नहीं की किसी की सिफारिश
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
देश को पहला व्यक्तिगत ओलम्पिक पदक दिलाने वाले दिवंगत पहलवान केडी जाधव को एक बार फिर पद्म भूषण दिलाने की आवाज उठ खड़ी हुई है। महाराष्ट्र के कुछ सांसदों और उनके बेटे रंजीत जाधव ने खेल मंत्रालय से गुहार लगाई है कि दिग्गज पहलवान को देश का तीसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिलाया जाए। 
उनकी ओर से जाधव के लिए खेल और गृह मंत्रालय को पद्म भूषण के लिए आवेदन भी भेजा गया है। हालांकि सच्चाई यह है कि इस बार खेल मंत्रालय ने परिपाटी तोड़ते हुए किसी भी खिलाड़ी के नाम की सिफारिश पद्म पुरस्कारों के लिए नहीं की है। माना जा रहा था कि ओलम्पिक और पैरालम्पिक में अविस्मरणीय प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए मंत्रालय खिलाड़ियों के नामों की सिफारिश करेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पद्म भूषण की दौड़ में क्रिकेटर हरभजन सिंह और टोक्यो में रजत जीतने वाले पैरा जेवलिन थ्रोअर देवेंद्र झाझरिया भी शामिल हैं।
1952 के हेलसिंकी ओलम्पिक में कांस्य पदक जीतने वाले केडी जाधव 2016 के रियो ओलम्पिक तक इकलौते ऐसे व्यक्तिगत ओलम्पिक पदक विजेता हैं, जिन्हें पद्म पुरस्कार नहीं मिला है। उन्होंने अपने जीवन के अंतिम दिन बेहद कष्ट में गुजारे बावजूद इसके उन्होंने किसी के आगे हाथ नहीं फैलाया। अब उनके बेटे रंजीत जाधव पिछले कुछ वर्षों से पिता के लिए आवाज उठा रहे हैं, जिसमें महाराष्ट्र के सांसद उनका साथ दे रहे हैं।
संसद में भी सांसद केडी जाधव को पद्म पुरस्कार दिए जाने की आवाज उठा चुके हैं, लेकिन बना कुछ नहीं। रंजीत और सांसदों ने इस बार भी हिम्मत नहीं हारते हुए केडी जाधव के लिए पद्म भूषण का आवेदन किया है। पंजाब सरकार इस बार क्रिकेटर हरभजन सिंह को पद्म भूषण और एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता शूटर रॉजन सोढ़ी को पद्मश्री दिलाने के लिए आगे आई है। राज्य सरकार ने दोनों का आवेदन गृह मंत्रालय को भेजा है। 1964 के टोक्यो ओलम्पिक में स्वर्ण जीतने वाली हॉकी टीम के सदस्य हरविंदर सिंह को भी पद्म पुरस्कार नहीं मिला है। उन्होंने पद्मश्री के लिए आवेदन किया है।
देवेंद्र, दीपा भी पद्म भूषण की दौड़ में
एथेंस पैरालम्पिक में स्वर्ण जीतने के बाद देवेंद्र झाझरिया को पद्मश्री दिया गया था। अब टोक्यो में पदक जीतने  के बाद उन्होंने पद्म भूषण पर दावा जताया है वहीं पैरा बैडमिंटन में प्रमोद भगत, सुहास एलवाई, कृष्णा नागर, मनोज सरकार जैसे पैरालम्पिक पदक विजेताओं को कोचिंग देने वाले कोच गौरव खन्ना भी पद्मश्री की रेस में हैं। यही नहीं पैरालम्पिक कमेटी ऑफ इंडिया की अध्यक्ष दीपा मलिक ने टोक्यो में पैरा एथलीटों की शानदार सफलता के बाद पद्म भूषण के लिए आवेदन किया है।

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