सैफई स्पोर्ट्स कॉलेज में खिलाड़ियों के साथ खेलवाड़

मान्यता हाईस्कूल की, चल रहा इंटर तक
दसवीं पास करने के बाद प्रवेश को भटक रहे खिलाड़ी
खेलपथ संवाद
इटावा।
मुलायम सिंह यादव के गांव सैफई में संचालित मेजर ध्यान चंद स्पोर्ट्स कॉलेज की बदइंतजामी से 43 छात्रों का भविष्य चौपट होता दिखाई दे रहा है। सैफई के स्पोर्ट्स कॉलेज में हाईस्कूल पास करने के बाद 11वीं में दाखिले को लेकर छात्रों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इस स्पोर्ट्स कॉलेज के प्रति खेल विभाग उत्तर प्रदेश भी पूरी तरह से उदासीनता बरत रहा है। 
इसी वर्ष हाईस्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण हुए छात्रों के अभी तक 11वीं कक्षा में प्रवेश नहीं हुए हैं। विभागीय लापरवाही के चलते 43 खिलाड़ी छात्र स्पोर्ट्स कॉलेज में प्रवेश को भटक रहे हैं। सपा सरकार में  तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा सैफई के स्पोर्ट्स कॉलेज को हाईस्कूल की मान्यता दी गई थी जबकि स्पोर्ट्स कॉलेजों में खिलाड़ी छात्रों को 12वीं तक की शिक्षा दी जाती है। देखा जाए तो कागजों में सैफई स्पोर्ट्स कॉलेज 12वीं तक है लेकिन हाईस्कूल की परीक्षा पास करने के बाद 43 छात्र फिलवक्त एडमीशन के लिए भटक रहे हैं।  वजह साफ है, सैफई के स्पोर्ट्स कॉलेज को अभी सिर्फ हाईस्कूल तक की मान्यता ही है और 11वीं व 12वीं कक्षा के लिए स्पोर्ट्स कालेज सैफई अमिताभ बच्चन राजकीय इंटर कॉलेज में छात्रों के एडमीशन कराता आ रहा है। पिछले वर्ष तीन दर्जन छात्रों के एडमीशन 11वीं कक्षा में अमिताभ बच्चन राजकीय इंटर कॉलेज में कराए गए थे। 
सैफई स्पोर्ट्स कॉलेज के प्रधानाचार्य एस.के. लहरी भी लगातार शासन को पत्राचार कर रहे हैं लेकिन उसके बाद भी खेल विभाग के उच्चाधिकारियों के कान पर जूं नहीं रेंग रही है। पिछले वर्ष भी लगभग तीन दर्जन छात्रों के एडमीशन सैफई के अमिताभ बच्चन राजकीय इंटर कॉलेज में कराए गए थे और इस बार भी 43 छात्रों के एडमीशन वहीं कराने के प्रयास चल रहे हैं। जबकि छात्र ऐसा नहीं चाहते।
स्पोर्ट्स कॉलेज के छात्र इशांक चौधरी शामली, विशाल चौधरी शामली, शंकर चौधरी बिजनौर, फराद खान इलाहाबाद, मोहम्मद कैफ इटावा, हर्ष रावल बिजनौर, कर्मवीर आगरा, कन्हैयालाल निषाद गोरखपुर, सुभाष पटेल बनारस, दीपक चौधरी बनारस, गौरव गुर्जर आगरा, अंकुर कुमार मुजफ्फरनगर, जीतेंद्र यादव गोरखपुर समेत लगभग दो दर्जन छात्रों ने प्रधानाचार्य से मुलाकात की और अपनी व्यथा बताई। छात्रों का आरोप है कि प्रधानाचार्य व क्लर्क द्वारा कोई सहयोग नहीं किया जा रहा है तथा उनका भविष्य चौपट किया जा रहा है। छात्रों ने आरोप लगाया कि जब प्रधानाचार्य को पता है कि स्पोर्ट्स कॉलेज के छात्र 10वीं की परीक्षा में पास होकर 11वीं में एडमीशन लेंगे तो उन्होंने मान्यता के लिए प्रयास पहले ही क्यों नहीं किए। तीन सालों से छात्रों के साथ यही समस्या है उसके बाद भी अभी तक निदान नहीं किया गया। शासन के खेल विभाग में बैठे अधिकारियों ने भी मान्यता के लिए ठोस कदम नहीं उठाये। 
पिछले तीन वर्षों से छात्रों के गुपचुप तरीके से बिना जानकारी दिए उनके एडमीशन अमिताभ बच्चन राजकीय इंटर कॉलेज में कराए जा रहे हैं जबकि सैफई का स्पोर्ट्स कॉलेज कागजों में कक्षा 6 से 12वीं तक है लेकिन यहां 12वीं तक पढ़ाई नहीं हो रही। छात्रों ने मांग की है कि यदि हमारा एडमीशन मेजर ध्यान चंद स्पोर्ट्स कॉलेज सैफई में नहीं हो पा रहा है तो हम लोगों का ट्रांसफर लखनऊ या गोरखपुर के स्पोर्ट्स स्टेडियम में कर दिया जाए। इस बारे में सैफई स्पोर्ट्स कॉलेज के प्रधानाचार्य एस.के. लहरी का कहना है कि कुछ दिनों में सैफई स्पोर्ट्स कॉलेज को 12वीं तक की मान्यता मिल जाएगी और छात्रों का प्रवेश शुरू हो जाएगा। जो दिक्कत है वह कोरोना संक्रमण की वजह से है।

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