प्रशिक्षकों को जिला खेल एवं विकास प्रोत्साहन समिति का झुनझुना थमाने की तैयारी

मुख्यमंत्री के जिले गोरखपुर में रखे जाएंगे 10 हजार रुपये मासिक पर प्रशिक्षक  

10 खेलों में अंशकालिक मानदेय प्रशिक्षक रखने की तैयारी

खेलपथ संवाद

गोरखपुर। जैम पोर्टल के माध्यम से प्रशिक्षकों की नियुक्ति कर पाने में असफल खेल निदेशालय अब उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में प्रशिक्षकों को जिला खेल एवं विकास प्रोत्साहन समिति का झुनझुना थमाने की तैयारी कर चुका है। यह सब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भ्रमित करने का ही एक कूटनीतिक प्रयास है। यह काम गोरखपुर में बड़ी संजीदगी से परवान चढ़ाया जा रहा है, इसकी मुख्य वजह प्रशिक्षकों को मुख्यमंत्री के पास जाने से रोकना भी मान सकते हैं। मजेदार बात तो यह है कि समानता का राग अलापने वाली सरकार में ही प्रशिक्षकों के वेतन में असमानता का खेल खेला जा रहा है।   

गौरतलब है कि रीजनल स्पोर्ट्स स्टेडियम गोरखपुर में जेम पोर्टल के जरिए अंशकालिक मानदेय प्रशिक्षकों की नियुक्ति में देरी को देखते हुए खेल निदेशालय ने जिला खेल एवं विकास प्रोत्साहन समिति के माध्यम से ऐसी कोशिश की है ताकि सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे। जिला खेल एवं विकास प्रोत्साहन समिति के माध्यम से गोरखपुर स्टेडियम में खिलाड़ियों को कुशल प्रशिक्षण के लिए 10 खेलों के अंशकालिक मानदेय प्रशिक्षकों की नियुक्ति का ढिंढोरा पीटने के गहरे निहितार्थ हैं। हालांकि खेल निदेशालय यदि अपनी कोशिशों में सफल भी हो जाए तो यह चोचलेबाजी लम्बे समय तक नहीं चलने वाली क्योंकि जिला खेल एवं विकास प्रोत्साहन समिति के पास इतना पैसा होता ही नहीं कि वह लम्बे समय तक प्रशिक्षकों को उनका मेहनताना दे सके।

दरअसल, खेल निदेशालय लगभग 18 महीने से दर-दर की ठोकरें खा रहे प्रशिक्षकों को एन-केन-प्रकारेण अपने जाल में फंसाने और उनकी मजबूरी का फायदा उठाने की कोशिश कर रहा है। सोचने वाली बात तो यह है कि 25 हजार रुपये पाने वाला प्रशिक्षक 10 हजार रुपये में सेवाएं देने को क्यों और कैसे तैयार होगा। हां जिन प्रशिक्षकों के सब्र का बांध टूट गया हो वे ऐसा कर भी सकते हैं।   

गौरतलब यह है कि रीजनल स्टेडियम गोरखपुर में 14 खेलों का अभ्यास कराया जाता है। इनमें कुश्ती और बास्केटबाल के स्थाई कोच हैं। एथलेटिक्स और स्वीमिंग के लिए अंशकालिक कोचों की नियुक्ति दो महीने पहले ही हुई है। शेष 10 खेलों के लिए कोई प्रशिक्षक नहीं होने से इन खेलों के खिलाड़ियों का प्रशिक्षण प्रभावित हो रहा है। इसे देखते हुए गोरखपुर जिला खेल विकास एवं प्रोत्साहन समिति ने इन 10 खेलों में अंशकालिक मानदेय प्रशिक्षकों की नियुक्ति का निर्णय लिया है। इसके लिए शैक्षिक योग्यता एनआईएस या एलएनआईपीई से डिप्लोमाधारी रखी गई है। इसे दुर्भाग्य कहें या कुछ और खेल निदेशालय प्रशिक्षकों की स्थिति मजदूरों से भी बदहाल करने की कोशिश कर रहा है।

गोरखपुर जिला खेल एवं विकास प्रोत्साहन समिति उन्हीं प्रशिक्षकों को सेवा का मौका देगी जिनके पास स्पो‌र्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया या लक्ष्मी बाई इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन द्वारा जारी डिप्लोमा सर्टिफिकेट होगा। इच्छुक अभ्यर्थियों से 16 सितम्बर को दोपहर दो बजे तक क्षेत्रीय खेल कार्यालय में आवेदन करने को कहा गया है। गोरखपुर में हॉकी, फुटबॉल, बैडमिंटन, भारोत्तोलन, पॉवरलिफ्टिंग, वॉलीबाल, जिम्नास्टिक, बॉक्सिंग, हैंडबॉल व कबड्डी खेल में प्रशिक्षक नहीं हैं।

अंशकालिक प्रशिक्षकों के लिए यह हैं शर्तें

- अभ्यर्थी का सेवा योजन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन जरूरी है।

- चयन प्रक्रिया में हिस्सा लेने वाले अभ्यर्थी को खेलो इंडिया ऐप पर रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होगा।

- खेल विभाग से इन खेलों में तैनाती होने पर उनकी तैनाती निरस्त मानी जाएगी।

बोले क्षेत्रीय क्रीड़ाधिकारी

जिला खेल विकास एवं प्रोत्साहन समिति के आदेशानुसार अंशकालिक मानदेय प्रशिक्षकों के लिए प्रशिक्षकों की तैनाती की जाएगी। इसके लिए आवेदन मांगे गए हैं। 16 सितम्बर को दोपहर 2 बजे तक आवेदन स्वीकार किए जाएंगे।

- आले हैदर, क्षेत्रीय क्रीड़ाधिकारी

- 10 हजार रुपए निर्धारित मानदेय पर होगी प्रशिक्षकों की तैनाती

- 25 से 60 साल उम्र होनी चाहिए।

- अंशकालिक मानदेय के लिए अर्हता स्नातक, जबकि अंतरराष्ट्रीय खिला‌ड़ियों के लिए इंटरमीडिएट है।

- एनआईएस या एलएनआईपीई का डिप्लोमा होना जरूरी है।

रिलेटेड पोस्ट्स