राष्ट्रीय खेल विधेयक 21 जुलाई को होगा संसद में पेश

खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा- आईओसी से भी लिया परामर्श

खेलपथ संवाद

नई दिल्ली। खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने बृहस्पतिवार को कहा कि राष्ट्रीय खेल संचालन विधेयक का मसौदा न केवल यहां के हितधारकों, बल्कि अंतरराष्ट्रीय ओलम्पिक समिति (आईओसी) और विश्व में फुटबॉल की सर्वोच्च संस्था फीफा जैसी अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से भी राय लेकर तैयार किया गया है। यह विधेयक 21 जुलाई से शुरू होने वाले संसद के मानसून सत्र में पेश किया जाएगा।

भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए), राष्ट्रीय खेल महासंघों (एनएसएफ), कॉरपोरेट जगत और खिलाड़ियों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी वाले एक दिवसीय ‘खेलो भारत सम्मेलन’ को सम्बोधित करते हुए मंत्री ने विधेयक पारित कराने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई, जिसके लिए उन्होंने पूर्व खेल मंत्री और कांग्रेस नेता अजय माकन से भी चर्चा की है।

मांडविया ने कहा, 'मैंने एनएसएफ, खिलाड़ियों, कोचों के साथ कई बार विचार-विमर्श किया और जब ड्राफ्ट को सुझावों के लिए ऑनलाइन डाला गया तो जनता से 600 इनपुट भी प्राप्त किए। मैंने खेलों से जुड़े वकीलों के साथ भी तीन घंटे की बैठक की ताकि उनका दृष्टिकोण समझा जा सके। आईओसी के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय खेल महासंघों से भी परामर्श किया गया। फीफा का एक सवाल था और मैंने उनके साथ चर्चा करने के लिए एक अधिकारी को उनके मुख्यालय भेजा। राष्ट्रीय खेल विधेयक अब पूरी तरह से तैयार है और इसे मानसून सत्र के दौरान संसद में पेश किया जाएगा।'

विधेयक में देश के खेल प्रशासकों को एक नियामक बोर्ड के प्रावधान के साथ अधिक जवाबदेह बनाने का प्रयास किया गया है। इसके अलावा विधेयक में शासन में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए नैतिकता आयोग और विवाद समाधान आयोग की स्थापना का प्रस्ताव है। आईओए ने इसका विरोध किया है, जिसका मानना है कि नियामक बोर्ड सभी एनएसएफ के लिए नोडल निकाय के रूप में उसकी स्थिति को कमजोर करेगा। मांडविया ने कहा, 'मैंने अजय माकन (वरिष्ठ कांग्रेस नेता) से भी बात की। उन्होंने इस विधेयक को पारित करवाने के लिए अच्छे प्रयास किए हैं।'

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