तो क्या विराट सेना अंग्रेजों को पढ़ाएगी पराजय का पाठ
35 साल पुराना इतिहास दोहराने का मौका
भारत-इंग्लैंड तीसरा टेस्ट आज से
1986 के बाद इंग्लैंड में एक सीरीज में दो टेस्ट नहीं जीते
लीड्स। भारत और इंग्लैंड के बीच 5 टेस्ट मैचों की सीरीज का तीसरा मुकाबला थोड़ी देर बाद हेडिंग्ले (लीड्स) में शुरू हो रहा है। 1-0 की बढ़त हासिल कर चुकी टीम इंडिया अगर यह मैच जीत लेती है तो वह 35 साल पुराने रिकॉर्ड की बराबरी कर लेगी। यह रिकॉर्ड है इंग्लैंड में एक टेस्ट सीरीज में सबसे सबसे ज्यादा मैच जीतने का। 1986 में कपिल देव की अगुआई वाली भारतीय टीम ने इंग्लैंड को 2-0 से हराया था। यह इंग्लैंड में भारत-इंग्लैंड के बीच खेली गई इकलौती ऐसी टेस्ट सीरीज है जिसमें भारतीय टीम ने दो से ज्यादा मैच जीते।
न्यूजीलैंड के खिलाफ वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल और इंग्लैंड के खिलाफ मौजूदा टेस्ट सीरीज के पहले मुकाबले में चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे खास परफॉर्म नहीं कर पाए थे। इसके बाद यह बहस तेज हो गई थी कि क्या इन्हें ड्रॉप कर देना चाहिए, लेकिन दूसरे टेस्ट मैच में भारत की दूसरी पारी में दोनों ने शतकीय साझेदारी कर टीम इंडिया की जीत की जमीन तैयार की थी। ऐसे में इस बात की संभावना अधिक है कि दोनों ही तीसरे टेस्ट के लिए भी अपनी जगह कायम रखने में सफल होंगे।
लॉर्ड्स में भारत 4 फास्ट बॉलर्स और रवींद्र जडेजा के रूप में इकलौते स्पिनर के साथ उतरा था। लॉर्ड्स टेस्ट में ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन का खेलना तय था, लेकिन मैच से ठीक पहले बारिश के कारण भारतीय टीम मैनेजमेंट ने उनकी जगह ईशांत शर्मा को शामिल कर लिया। तीसरे टेस्ट की पिच ड्राई रहने की उम्मीद है। ऐसे में गेंदबाजी के मोर्चे पर कप्तान विराट कोहली बदलाव कर सकते हैं। भारतीय टीम ईशांत को बाहर कर अश्विन को शामिल कर सकती है।
मंगलवार को नेट सेशन में हनुमा विहारी ऑफ स्पिन डालते देखे गए हैं। ऐसे में ईशांत की जगह विहारी को शामिल करना दूसरा विकल्प हो सकता है। इससे भारत की बल्लेबाजी भी मजबूत होगी। लॉर्ड्स टेस्ट के कॉम्बिनेशन को रिपीट करना पहले ही एक विकल्प है। दूसरे टेस्ट मैच के दौरान कंधा चोटिल कर बैठे इंग्लैंड के फास्ट बॉलर मार्क वुड तीसरे मुकाबले से बाहर हो गए हैं। उनकी जगह इंग्लैंड के पास दो विकल्प हैं। इंग्लैंड की टीम क्रेग ओवर्टन और शाकिब महमूद में से किसी एक को प्लेइंग-11 में शामिल कर सकती है। ओवर्टन अच्छी बल्लेबाजी भी कर लेते हैं। वहीं, शाकिब अच्छी स्पीड के साथ नई गेंद को स्विंग कराने की बेहतर क्षमता रखते हैं।
धीमी और ड्राई हो सकती है पिच
इंग्लैंड में टीम इंडिया को आम तौर पर तेज और स्विंग गेंदबाजी की मददगार पिचें मिलती हैं, लेकिन हेडिंग्ले की पिच ड्राई और धीमी हो सकती है। हेडिंग्ले में भारत ने 1986 और 2002 में जीत हासिल की थी। 2002 के बाद यहां भारत और इंग्लैंड की टीम पहली बार आमने-सामने हो रही हैं।