शटलर पलक से देश को स्वर्ण पदक की उम्मीद

उम्र छोटी पर संकल्प बहुत बड़े
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
टोक्यो पैरालम्पिक में भारत की 19 वर्षीय पलक कोहली से देश को पदक की उम्मीद है। पलक खेलों में तीन कैटेगरी में क्वालीफाई करने वाली एकमात्र भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। पलक ने अपनी प्रतिबद्धता और समर्पण के बलबूते पैरालम्पिक में जगह बनाई है। इस खिलाड़ी के जोश, जुनून और जज्बे को सलाम है। पलक बचपन से बाएं हाथ से दिव्यांग थी। मगर जीवन में कभी हार नहीं मानी। विश्व रैंकिंग में छठे स्थान पर मौजूद पलक का सपना है पैरालम्पिक में स्वर्ण पदक जीतना।
पलक का कहना है, 'अगर कोई मुझे पहली बार देखता है तो सबसे पहले यही पूछता है कि तुम्हारे हाथ को क्या हुआ? मैं उसे यही कहती हूं कि बचपन से है। जब मैं बच्ची थी तब मैं ये नहीं समझती थी कि 'बचपन से ही है' का मतलब नहीं समझती थी। मगर मैं दुनिया को बताना चाहती हूं कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं किसी भी खेल को अपना प्रोफेशन बनाऊंगी। 
जहां भी जाती थी सब यही कहते थे कि खेल तुम्हारे वश की नहीं है। मगर मैंने उस चीज को कभी जेहन में नहीं रखा और खेलना शुरू कर दिया।' बता दें कि पलक ने अपनी 18 साल की जिंदगी में कई उतार चढ़ाव देखे लेकिन उन्होंने खेल से समझौता नहीं किया। बस खेलती गईं और आज पूरे देश की निगाहें टोक्यो पैरालंपिक में पलक पर टिकी हैं।
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पलक के जोश और जज्बे की तारीफ की थी। पीएम मोदी ने अपने वर्चुअल संवाद के दौरान पलक की तारीफ करते हुए कहा था, 'जालंधर, पंजाब की पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी पलक कोहली की उम्र बहुत छोटी है, लेकिन उनके संकल्प बहुत बड़े हैं। उन्होंने बताया कि कैसे उनकी Disability आज Super Ability बन गई है।' 
बता दें कि पलक ने साल 2017 से ट्रेनिंग शुरू की। इसके दो साल बाद यानी 2019 में पलक ने पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप में बल प्रतिस्पर्धा में स्वर्ण पदक और एकल प्रतिस्पर्धा में रजत पदक जीता। इसके बाद इसी साल अप्रैल में पलक ने तीसरे दुबई पैरा बैडमिंटन इंटरनेशनल 2021 में एक रजत और दो कांस्य पदक अपने नाम किए।
बता दें कि टोक्यो पैरालंपिक में 4000 से अधिक खिलाड़ी शिरकत करेंगे। 24 अगस्त से पांच सितंबर तक चलने वाले पैरालंपिक खेलों में भारत का 54 सदस्यीय दल भाग लेगा, जो अब तक का सबसे बड़ा दल है। पैरालंपिक खेलों की नौ स्पर्धाओं में भारत हिस्सा लेगा। पलक के अलावा टीम में देवेंद्र झाझरिया (एफ-46 भाला फेंक), मरियप्पन थांगवेलू (टी-63 ऊंची कूद) और विश्व चैंपियन संदीप चौधरी (एफ-64 भाला फेंक) जैसे खिलाड़ी मौजूद हैं, जो पदक के दावेदारों में शुमार हैं। देश को इस बार पैरालंपिक खेलों में अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की उम्मीद है। एथलीटों के टोक्यो रवानगी से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने शुभकामनाएं दी। बता दें कि पैरालंपिक में 2016 रियो ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता मरियप्पन थांगवेलू भारत के ध्वजवाहक होंगे।

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