नीरज का स्वर्ण एथलेटिक्स का महत्वपूर्ण पल

पीटी ऊषा और अंजू बॉबी ने की सराहना
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
भाला फेंक के स्टार एथलीट नीरज चोपड़ा के स्वर्ण पदक जीतने पर भारतीय एथलेटिक्स के कुछ महान खिलाड़ी भावुक हो गये जबकि कुछ इस नयी शुरूआत से काफी खुश थे। इन सभी ने उनकी उपलब्धि को देश के खेल इतिहास के लिये महत्वपूर्ण और बदलाव लाने वाला क्षण करार दिया। 
महान एथलीट पीटी ऊषा ने केरल से अपने घर से कहा, ‘नीरज ने जब स्वर्ण पदक जीता, मैं भावुक हो गयी। यह ऐतिहासिक क्षण है और निश्चित रूप से हमारे एथलेटिक्स इतिहास का महत्वपूर्ण पल है।' यह पूछने पर कि क्या वह भावुक हो गयी थीं क्योंकि वह 1984 ओलम्पिक में कांस्य पदक से चूक गयी थीं तो ऊषा ने कहा, ‘आज यह शानदार क्षण था और हमें इसका लुत्फ उठाना चाहिए।' उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि यह स्वर्ण भारतीय एथलेटिक्स को एक अन्य स्तर पर ले जायेगा। हम एथलेटिक्स के अपने प्रशंसकों को ओलम्पिक में एथलेटिक्स का पदक नहीं दे सके थे। मुझे लगता है कि हमने नीरज के स्वर्ण पदक से इसकी भरपायी कर दी।'
भारत की विश्व चैम्पियनशिप में एकमात्र पदक विजेता अंजू बॉबी जार्ज ने कहा कि इससे भारतीय एथलेटिक्स में कई अच्छी चीजों की शुरुआत होनी चाहिए। भारतीय एथलेटिक्स महासंघ की सीनियर उपाध्यक्ष अंजू ने 23 वर्षीय चोपड़ा के बारे में बात करते हुए कहा, ‘वह अभी काफी युवा है और हम उससे आगामी टूर्नामेंट और ओलम्पिक में काफी उम्मीदें कर सकते हैं।' 
राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता चक्का फेंक एथलीट कृष्णा पूनिया ने चोपड़ा के अनुशासन और लक्ष्य को हासिल करने के उनके दृढ़निश्चय की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, ‘वह काफी अनुशासित खिलाड़ी है और फाइनल में उसका आत्मविश्वास झलक रहा था। वह कोई दबाव नहीं ले रहा था।' 
महान एथलीट श्रीराम सिंह और गुरबचन सिंह रंधावा ने भी चोपड़ा के स्वर्ण पदक को भारतीय एथलेटिक्स का ‘टर्निंग प्वाइंट' बताया। दो बार के एशियाई स्वर्ण पदक विजेता श्रीराम 1976 ओलंपिक में 800 मीटर फाइनल में सातवें स्थान पर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘हम अपने देशवासियों को एथलेटिक्स में एक भी ओलंपिक पदक नहीं दे सके थे। इसलिये यह बदलाव लाने का पल है।' महासंघ के अध्यक्ष आदिल सुमरीवाला ने कहा कि चोपड़ा का स्वर्ण पदक भारतीय खेल जगत के लिये बहुत ही गौरव का पल है।

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