मध्य प्रदेश में एक अगस्त से होगा प्रतिभा चयन

खेल विभाग ले रहा शिक्षा एवं आदिम जाति विभाग से सहयोग

खेलपथ संवाद

भोपाल। सुदूरवर्ती ग्रामीण अंचलों, कस्बों और जिलास्तर पर छिपी खेल प्रतिभाओं का चयन करने और उन्हें राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिभा प्रदर्शन का अवसर प्रदान करने के लिए प्रदेश में एक अगस्त से प्रतिभा चयन कार्यक्रम प्रारंभ किया जाएगा। खेल विभाग द्वारा स्कूल शिक्षा और आदिम जाति कल्याण विभाग के समन्वित प्रयासों से जिला, संभाग एवं राज्यस्तर पर प्रतिभाओं की तलाश करेगा।

संचालक खेल पवन जैन ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रदेश के समस्त जिलों के पुलिस अधीक्षकों, जिला खेल अधिकारियों, स्कूल शिक्षा और आदिम जाति कल्याण विभाग के अधिकारियों से इस संदर्भ में बात की। इस अवसर पर श्री पवन जैन, आयुक्त स्कूल शिक्षा जयश्री कियावत, डिप्टी कमिश्नर आदिम जाति सुश्री रीता सिंह एवं उप संचालक स्कूल शिक्षा आलोक खरे द्वारा दिशा-निर्देश दिए गए। इस अवसर पर संयुक्त संचालक खेल डॉ. विनोद प्रधान एवं बी.एस. यादव सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में खेल संचालक पवन जैन ने जिला पुलिस अधीक्षकों, जिला खेल अधिकारियों और स्कूल शिक्षा एवं आदिम जाति कल्याण विभाग के अधिकारियों से जिलों की खेल गतिविधियों के संबंध में विस्तार से चर्चा की और कहा कि टैलेंट सर्च के लिए सुविधाजनक स्थल (मैदान) का चयन करें। प्रथम चरण में जिलास्तर पर खिलाड़ियों का फिजिकल टेस्ट (शारीरिक परीक्षण) एवं संभाग स्तर पर स्किल टेस्ट (कौशल परीक्षण) किया जाएगा। उन्होंने बताया कि टैलेन्ट सर्च के लिए जिलों को आवश्यक सामग्री, धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में खेल संचालक श्री पवन जैन ने बताया कि एक से 10 अगस्त तक जिलास्तर पर तथा 11 से 20 अगस्त तक संभाग स्तर पर टैलेंट सर्च कार्यक्रम स्कूल शिक्षा और आदिम जाति कल्याण विभाग के सहयोग से संचालित किया जाएगा। उन्होंने टैलेंट सर्च से पूर्व जिला स्तर पर गठित समिति की बैठक आयोजित करने और आवश्यक तैयारी पूर्ण करने के निर्देश देते हुए कहा कि अधिक से अधिक खेल प्रतिभाओं की पहचान के लिए कार्यक्रम का व्यापक रूप से प्रचार-प्रसार किया जाए। उन्होंने बताया कि टैलेंट सर्च में भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) सहित अन्य राज्यों के नार्म्स को शामिल किया जाए।

खेल संचालक श्री पवन जैन ने शिवपुरी, सागर, सतना, उज्जैन, धार, होशंगाबाद, छिंदवाड़ा, जबलपुर, विदिशा, पन्ना आदि जिलों में उपलब्ध खेल अधोसंरचनाओं की जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश के अन्य जिलों को एक्सीलेंस सेंटर के रूप में विकसित किया जाएगा ताकि चयनित खेल प्रतिभाओं को इसका लाभ मिल सके। आयुक्त स्कूल शिक्षा जयश्री कियावत ने टैलेंट सर्च कार्यक्रम को खेल प्रतिभाओं के लिए एक स्वर्णिम अवसर बताते हुए अधिकारियों से कहा कि प्रदेश के सभी स्कूलों में प्रतिभा चयन कार्यक्रम की जानकारी पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया, प्रिन्ट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया का सहयोग लिया जाए। साथ ही सूचना के सभी माध्यमों का उपयोग किया जाये ताकि कोई भी प्रतिभा टैलेंट सर्च कार्यक्रम में शामिल होने से वंचित न रहे।

आदिम जाति विभाग की डिप्टी कमिश्नर रीता सिंह ने विभागीय अधिकारियों से कहा कि सुदूरवर्ती अंचलों में अनेक प्रतिभाएं हैं और इन खेल प्रतिभाओं को सामने लाने के लिए सभी अधिकारी टीमभावना से कार्य कर खेल विभाग के टैलेंट सर्च कार्यक्रम को परिणामदायी बनाएं। संयुक्त संचालक खेल डॉ. विनोद प्रधान ने बताया कि टैलेंट सर्च के लिए खिलाड़ियों के रजिस्ट्रेशन हेतु गूगल फार्म की लिंक सभी जिलों को भेजी जा रही हैं।

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