हमारा लक्ष्य प्रतिभाओं की तलाश और मददः गगन नारंग

दिग्गज शूटर की कलम से
नई दिल्ली।
आखिरकार टोक्यो ओलम्पिक की शुरुआत होने जा रही है। ये अपने साथ मेरी अपनी यात्रा की ढेर सारी यादें ले आया है। 2004 में जब मैं एथेंस गया तो मेरे लिए सब कुछ नया और किसी परीकथा जैसा था। चार साल बाद बीजिंग में मेरा दिल उस समय टूट गया, जब एयर राइफल फाइनल में जगह बनाने से मैं सिर्फ एक प्वाइंट से चूक गया। लंदन 2012 में इसकी कुछ भरपाई हुई और मैंने कांस्य पदक जीता। 2016 की कहानी तो बिल्कुल ही अलग रही।
एक प्रशंसक से खिलाड़ी तक फिर पदक से मेंटर तक का सफर पूरा करने के बाद मैं कह सकता हूं कि मैं खेल को वापस कुछ देने की चुनौती का लुत्फ उठा रहा हूं। मेरे फाउंडेशन जो रन फार ग्लोरी कार्यक्रम चलाता है, उसने अहमदाबाद के संस्कारधाम स्कूल की एयर राइफल निशानेबाज इलावेनिल वालारिवन की खोज की और उसे दुनिया की नंबर एक निशानेबाज बनाने का सफर शानदार रहा।
निशानेबाजी महंगा खेल है और बहुत सी प्रतिभाएं इस वजह से हिम्मत हार जाती हैं। हमारा लक्ष्य ऐसे हीरों को तलाशना, उन्हें निखारकर फिर राष्ट्रीय कैंप भेजना है। इसके लिए हम सभी की जिम्मेदारी और जवाबदेही है। किसी एथलीट के रास्ते में कोई अड़चन ना आए, यह सुनिश्चित करने के लिए हम अपनी सर्वश्रेष्ठ कोशिश कर रहे हैं।
भारतीय निशानेबाजी टीम
1) अंजुम मौदगिल, 10 मीटर महिला एयर राइफल
2) अपूर्वी चंदेला, 10 मीटर महिला एयर राइफल
3) दिव्यांश सिंह पंवार, 10 मीटर पुरुषों की एयर राइफल
4) दीपक कुमार, 10 मीटर पुरुषों की एयर राइफल
5) तेजस्विनी सावंत, 50 मीटर महिला राइफल 3 स्थिति
6) संजीव राजपूत, 50 मीटर पुरुष राइफल थ्री पोजीशन
7) ऐश्वर्य प्रताप सिंह तोमर, 50 मीटर पुरुषों की राइफल 3 स्थिति
8) मनु भाकर, 10 मीटर महिला एयर पिस्टल
9) यशस्विनी सिंह देसवाल, 10 मीटर महिला एयर पिस्टल
10) सौरभ चौधरी, 10 मीटर पुरुषों की एयर पिस्टल
11) अभिषेक वर्मा, 10 मीटर पुरुषों की एयर पिस्टल
12) राही सरनोबत, 25मी महिला पिस्टल
13) चिंकी यादव, 25 मीटर महिला पिस्टल
14) अंगद वीर सिंह बाजवा, पुरुषों की स्कीट
15) मैराज अहमद खान, पुरुषों की स्कीट

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