खिलाड़ी को उसकी कमियां उसके कोच ही बता सकते हैं- जलालुद्दीन
ओलम्पिक पर खेल विभाग ने किया टॉक शो का आयोजन
ओलम्पियन एवं अर्जुन अवॉर्डी प्रशिक्षकों ने की भागीदारी
खेलपथ संवाद
भोपाल। मध्य प्रदेश में ओलम्पिक के प्रति जन-जागरूकता लाने और खेल का वातावरण तैयार करने के उद्देश्य से टी.टी. नगर स्टेडियम भोपाल में एक टॉक शो का आयोजन किया गया। अर्जुन अवॉर्डी हॉकी ओलम्पियन सैय्यद जलालुद्दीन, ओलम्पियन एवं पुरुष हॉकी अकादमी के प्रशिक्षक समीर दाद, साईं भोपाल के मुख्य प्रशिक्षक हॉकी वाई.एस. चौहान, अर्जुन अवॉर्डी एवं मुख्य प्रशिक्षक सेलिंग जी.एल. यादव और अर्जुन अवॉर्डी एवं मुख्य प्रशिक्षक रोइंग कैप्टन दलबीर सिंह तथा जिला खेल अधिकारी भोपाल जोंस चाको ने परिचर्चा में भाग लिया।
टॉक शो से ऑनलाइन जुड़कर अर्जुन एवं द्रोणाचार्य अवॉर्डी और मध्य प्रदेश पुरुष हॉकी अकादमी के मुख्य प्रशिक्षक राजिंदर सिंह, लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्डी एवं म.प्र. राज्य महिला हॉकी अकादमी के मुख्य प्रशिक्षक परमजीत सिंह, डॉ. करणी सिंह शूटिंग रेंज दिल्ली के एडमिनिस्ट्रेटर डॉ. जी.पी. गोस्वामी सहित प्रदेश के कई खिलाड़ी और खेलप्रेमियों ने परिचर्चा में हिस्सा लिया। खेल और युवा कल्याण मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया की पहल पर आयोजित इस टॉक शो का संचालन दामोदर आर्य ने किया।
कार्यक्रम में सैय्यद जलालुद्दीन ने कहा कि मुझे खुशी है कि खेल विभाग द्वारा टॉक शो का आयोजन किया गया, जिसके माध्यम से खिलाड़ियों और खेलप्रेमियों को इस कार्यक्रम से जुड़ने और ओलम्पिक के संबंध में नई-नई जानकारियां जानने और सीखने का अवसर मिला। उन्होंने कहा कि मैं शुक्रगुजार हूं प्रदेश की खेल और युवा कल्याण मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया का जिन्होंने भोपाल के ओलम्पियन समीर दाद को मध्यप्रदेश राज्य पुरुष हॉकी अकादमी में कोच के रूप में सेवाएं देने का अवसर प्रदान किया।
जलालुद्दीन ने ओलम्पिक के अपने संस्मरण सुनाते हुए कहा कि खिलाड़ी अपने आपको पहचान कर और अपनी कमियां दूर कर ही बहुत बेहतर कर सकता है। खिलाड़ी को उसकी कमियां उसके कोच ही बता सकते हैं और कोच की जिम्मेदारी है कि वह खिलाड़ी पर नजर बनाए रखें। उन्होंने कहा कि ओलम्पिक में मेडल जीतने वाला खिलाड़ी भी अगले दिन फिर प्रैक्टिस में जुड़ जाता है क्योंकि उसे अगला ओलम्पिक जीतना होता है।
परिचर्चा में भाग लेते हुए ओलम्पियन समीर दाद ने कहा कि खेल में जीत हार होती है और हार को स्वीकारना और जीते हुए खिलाड़ी से गले मिलना ही खेलभावना है। उन्होंने कहा कि हॉकी में पहले से काफी बदलाव आया है। खिलाड़ी को अपनी फिटनेस और खेल की स्पीड पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है।
वाई.एस. चौहान ने कहा कि खेल ऐसी विधा है जहां खिलाड़ी को कभी अपने परिवार या दोस्त के खिलाफ भी खेलकर जीत-हार का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि ओलम्पियन किस्मत वाले तो होते ही हैं साथ ही वे बहुत ही परिश्रमी भी होते हैं, जो लक्ष्य बनाकर खेलते हैं। कार्यक्रम में जी.एल. यादव ने कहा कि अच्छा खिलाड़ी वही होता है जिसमें खेलभावना जन्मजात होती है। ऐसे खिलाड़ी की तो सिर्फ प्रतिभा निखारने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि खेल मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया की पहल पर भोपाल में स्थापित नेशनल सेलिंग स्कूल के परिणाम हमारे सामने हैं। वाटर स्पोर्ट्स में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हमारे खिलाड़ी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर पदक जीत रहे हैं और मध्य प्रदेश का गौरव बढ़ा रहे हैं।
कैप्टन दलबीर सिंह ने बताया कि मध्यप्रदेश में खिलाड़ियों के लिए वे सब सुविधाएं उपलब्ध हैं, जिनकी आज खिलाड़ियों को जरूरत है। उन्होंने ओलम्पिक में भागीदारी करने वाले मध्य प्रदेश के खिलाड़ियों का जिक्र करते हुए इसे बड़ी उपलब्धि बताया। जिला खेल अधिकारी, भोपाल जोंस चाको के अलावा परिचर्चा में ऑनलाइन जुड़े राजिंदर सिंह, परमजीत सिंह, डॉ. जी.पी गोस्वामी आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए। अधिकांश वक्ताओं ने मध्य प्रदेश के खिलाड़ियों को मिल रही अंतरराष्ट्रीय खेल सुविधाओं और उच्चस्तरीय प्रशिक्षण के लिए प्रदेश की खेल और युवा कल्याण मंत्री को धन्यवाद दिया।