रविन्द्र जडेजा और अश्विन दोनों के खेलने की उम्मीद: गावस्कर
विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनलः साउथम्पटन में भीषण गर्मी
नयी दिल्ली। महान सलामी बल्लेबाज सुनील गावस्कर का मानना है कि साउथम्पटन की भीषण गर्मी में न्यूजीलैंड के खिलाफ विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल में भारतीय टीम में रविंद्र जडेजा और रविचंद्रन अश्विन दोनों को उतारा जा सकता है क्योंकि पिच धीरे-धीरे सूखने के बाद स्पिनरों की मदद करेगी।
गावस्कर 18 जून से शुरू हो रहे मैच की कमेंट्री पैनल का हिस्सा हैं और इस समय साउथम्पटन में हैं। उन्होंने इंटरव्यू में कहा,‘साउथम्पटन में पिछले कुछ दिनों से भीषण गर्मी पड़ रही है। ऐसे में पिच सूखी होगी और स्पिनरों की मदद करेगी लिहाजा अश्विन और जडेजा दोनों खेल सकते हैं।'
साउथम्पटन में अधिकतम तापमान पिछले कुछ दिन से 25 डिग्री सेल्सियस से ऊपर है लेकिन बृहस्पतिवार को बारिश का अनुमान है। गावस्कर ने कहा कि सिर्फ गेंदबाजी ही नहीं बल्कि हरफनमौला काबिलियत के दम पर भारतीय टीम में इस तरह के अहम मैच से पहले संतुलन नजर आ रहा है। उन्होंने कहा,‘अश्विन और जडेजा बल्लेबाजी को भी गहराई देते हैं और गेंदबाजी में संतुलन लाते हैं।
इंगलैंड के खिलाफ बाद में होने वाली श्रृंखला में बहुत कुछ मौसम और पिच पर निर्भर करेगा।' इंगलैंड को श्रृंखला में हराने के बाद न्यूजीलैंड के हौसले बुलंद है लेकिन गावस्कर का मानना है कि अभ्यास मैच नहीं मिलने के बावजूद भारतीय टीम की तैयारी भी मजबूत है। अश्विन इस दौरे पर अपने अनुभव से अहम भूमिका निभायेंगे और गावस्कर का मानना है कि तमिलनाडु के इस स्पिनर को गेंदबाजी करते देखना उतना ही शानदार अनुभव है जितना ईरापल्ली प्रसन्ना या हरभजन सिंह को देखना।
उन्होंने कहा,‘ये सभी शानदार गेंदबाज है। प्रसन्ना को चतुर लोमड़ी कहा जाता था क्योंकि वह बल्लेबाजों को खराब शॉट खेलने के लिये उकसाने में माहिर थे। हरभजन सिंह भी चतुराई से विविधता लाते थे और उनके पास दूसरा भी था।' गावस्कर ने कहा,‘अश्विन के पास यह सब है और उसने इसमें फ्लिकर या कैरम बॉल भी जोड़ ली है जो वाकई शानदार है।'
कोहली की सफलता के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा ,‘‘ वनडे क्रिकेट के प्रभाव के कारण कई बार बल्लेबाज उछाल लेती गेंद को खेलने के चक्कर में पड़ जाते हैं । जहां गेंद स्विंग नहीं लेती, वहां चल जाता है लेकिन इंगलैंड में गेंद स्विंग लेती है और शरीर के पास खेलना जरूरी है।' उन्होंने कहा,‘विराट कोहली सपाट पिचों पर ऐन मौके तक गेंद के आने का इंतजार करते हैं। यही वजह है कि हर तरह की पिच पर वह कामयाब हैं।
इंगलैंड के खिलाफ भारत में श्रृंखला में वह शतक नहीं बना सके लेकिन 60 रन की पारी से दिखा दिया कि स्पिन गेंदबाजी को कैसे खेलना है। वह गेंद को सूंघ लेता था और यह महान बल्लेबाज की निशानी है।''