कानपुर में अंशकालिक खेल प्रशिक्षकों और शारीरिक शिक्षकों ने भरी हुंकार

मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री और जिलाधिकारी से की वेतन दिलाने की मांग

खेलपथ संवाद

कानपुर। कोरोना संक्रमण ने शारीरिक शिक्षकों और अंशकालिक प्रशिक्षकों पर इस कदर सितम ढाया है कि आज यह भुखमरी के दौर से गुजर रहे हैं। इनकी व्यथा की तरफ न ही सरकार ने ध्यान दिया और न ही उन विद्यालय प्रबंधकों ने जिनके लिए इन्होंने अपना अधिकांश जीवन बर्बाद कर दिया। आर्थिक तंगहाली से गुजर रहे अंशकालिक खेल प्रशिक्षकों और शारीरिक शिक्षकों ने शुक्रवार को कानपुर के जिलाधिकारी को ज्ञापन के माध्यम से अपनी व्यथा से अवगत कराया।

शुक्रवार को कानपुर के लगभग एक सैकड़ा अंशकालिक खेल प्रशिक्षकों और शारीरिक शिक्षकों ने जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर स्कूल संचालकों से उन्हें वेतन दिलाए जाने की मांग की है। खेल गुरुजनों ने अपनी पीड़ा से प्रदेश के मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री को भी अवगत कराया है। खेलपथ लगातार शारीरिक शिक्षकों और अंशकालिक खेल प्रशिक्षकों की आवाज उठा रहा है।

गौरतलब है कि पिछले 16 महीनों से जिस पीड़ा के दौर से खेलगुरु गुजर रहे हैं उसकी कल्पना मात्र से दिल दहल जाता है। सभी को ज्ञात है कि इनमें से ऐसे खेलगुरु भी हैं जोकि पिछले 20 से 25 वर्षों से खिलाड़ी तैयार कर उत्तर प्रदेश के गौरव को चार चांद लगाए हैं। इनमें सैकड़ों योग्य युवा शारीरिक शिक्षक-प्रशिक्षक भी हैं जोकि प्रतिभाओं के कौशल को निखार कर अशासकीय विद्यालयों को पदक विजेता खिलाड़ी दिए हैं। अफसोस की बात है कि इनकी पीड़ा पर अब तक न सरकार ने ध्यान दिया न ही धन्नासेठों की कानों पर जूं रेंगी है।

कानपुर शहर के विभिन्न आईसीएससी और सीबीएससी स्कूलों में पार्टटाइम खेलों की कोचिंग करके अपना व अपने परिवार का पालन पोषण करने वाले खेलगुरु आज भुखमरी के दौर से गुजर रहे हैं। मार्च 2020 से कोरोना महामारी के बाद से स्कूल संचालकों ने वेतन देना तो दूर इन्हें नौकरी से ही निकाल दिया है। दिलचस्प बात यह है कि स्कूल संचालकों द्वारा छात्र-छात्राओं से पूरी फीस वसूली जा रही है। आज खेल प्रशिक्षकों और शारीरिक शिक्षकों की हालत बहुत ही खराब है। वह न तो किसी को अपनी बात बता सकते हैं और स्वाभिमानी होने के नाते किसी से आर्थिक मदद भी नहीं मांग सकते। स्कूलों में तन-मन से खिलाड़ियों का कौशल निखारने वाले इन खेलगुरुजनों के बच्चों को स्कूल संचालक फीस तक में रियायत नहीं दे रहे।

इन खेल प्रशिक्षकों और शारीरिक शिक्षकों में ऐसे लोग भी हैं जिन्होंने उत्तर प्रदेश को कई अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी दिए हैं। जिलाधिकारी को ज्ञापन देने वालों में बॉक्सिंग प्रशिक्षक उपेन्द्र कुमार पाण्डेय, कानपुर तीरंदाजी संघ के सचिव व प्रशिक्षक वैभव गौड़, राजकुमार आर्य, अश्वनी गुप्ता, राहुल दीक्षित, कुलदीप कुमार, एच.पी. सिंह, प्रयाग सिंह, विजय दत्त, सतीश कुमार, दुर्गेश पाठक, शिवम राजपाल, संजय टंडन, सपना शर्मा, अतुल दुबेष राज वर्मा, गोपीनाथ साहू, शिवलाल, रामजी, नरेश निगम, पवन सूर्यवंशी आदि शामिल थे।  

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