अंतरराष्ट्रीय फुटबॉलर संगीता की मदद करेगा खेल मंत्रालय

आर्थिक ​तंगहाली के चलते मजदूरी करने को थी मजबूर
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
खेल मंत्रालय दिहाड़ी मजदूरी करने के लिए मजबूर झारखंड की फुटबॉल खिलाड़ी संगीता सोरेन की मदद करेगा। इस बात की जानकारी खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने रविवार को दी। रिजिजू ने कहा कि संगीता को उनका विभाग जल्द ही वित्तीय मदद मुहैया कराएगा। 
रिजिजू ने ट्वीट किया, 'मुझे फुटबॉलर संगीता सोरेन के बारे में सूचित किया गया है, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व किया है और इस महामारी में वित्तीय संकट में हैं। मेरे कार्यालय ने उनसे संपर्क किया है और जल्द ही वित्तीय मदद दी जाएगी। खिलाड़ियों के लिए सम्मानजनक जीवन सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता है।'
रिजिजू के कदम के बाद झारखंड सरकार भी इस खिलाड़ी की मदद के लिए आगे आई। मुख्यमंत्री कार्यालय के मुताबिक, 'संगीता सोरेन की हालत के बारे में कल संज्ञान लिया गया था। आज सुबह बाघमारा के बीडीओ (प्रखंड विकास अधिकारी) ने उनसे मुलाकात की और उन्हें तत्काल वित्तीय सहायता और राशन मुहैया कराया गया।' कार्यालय ने कहा, 'उन्हें अपने खेल को जारी रखने के लिए जल्द ही राज्य खिलाड़ी कल्याण कोष के तहत एक लाख रुपये की सहायता दी जाएगी।'
कार्यालय ने बताया, 'धनबाद के उपायुक्त आवासीय फुटबॉल केंद्र के कार्य को देखेंगे जहां संगीता को कोच/ प्रशिक्षक के रूप में रखा जाएगा, जिससे कि महिला खिलाड़ियों को नियमित आय और प्रेरणा सुनिश्चित हो सके।' उन्होंने बताया, हेमंत सोरेन (मुख्यमंत्री) के नेतृत्व में राज्य सरकार खिलाड़ियों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।' मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक लाख रुपये की त्वरित सहायता की घोषणा करते हुए कहा कि इस फुटबॉलर को भविष्य में नियमित आय के लिए एक कोच / प्रशिक्षक के रूप में रोजगार दिया जाएगा।
भूटान और थाईलैंड में कर चुकी हैं भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व
राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने उनके संघर्षों को देखते हुए झारखंड सरकार को पत्र लिखकर राज्य से इस अंतरराष्ट्रीय फुटबॉलर को मदद और समर्थन देने की मांग की है। एनसीडब्ल्यू के पत्र की एक प्रति अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल को भी भेजी गई है। आर्थिक तंगी के बाद भी संगीता ने फुटबॉल के सपने को नहीं छोड़ा है और वह नियमित रूप से पास के मैदान में अभ्यास करती है। संगीता के पिता नेत्रहीन हैं और उनका बड़ा भाई रोजगार पाने के लिए संघर्ष कर रहा है। वह पहले भी एक ईंट भट्ठे में काम कर चुका है।
गौरतलब है कि संगीता को आयु-वर्ग के टूर्नामेंटों में प्रभावी प्रदर्शन के बाद भारतीय टीम के लिए चुना गया था लेकिन राष्ट्रीय टीम के लिए खेलने का उनका सपना पूरा होता इससे पहले ही महामारी के कारण देश में लॉकडाउन लागू हो गया। बता दें कि संगीता ने अंडर-18 और अंडर-19 टूर्नामेंटों में क्रमश: भूटान और थाईलैंड में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया है। पिछले साल उन्हें सीनियर महिला टीम के लिए भी चुना गया था। वह धनबाद जिले के बांसमुंडी गांव में ईंट भट्ठे पर काम कर रही हैं। 

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