भोपाल के बाद गुवाहाटी में भी तरनजीत को गोल्ड

20 स्वर्ण सहित 55 पदकों के साथ हरियाणा बना चैम्पियन

91 खिलाड़ी उम्र फरेब में पकड़े गए

खेलपथ प्रतिनिधि

गुवाहाटी। भोपाल के बाद गुवाहाटी में भी दिल्ली की फर्राटा धावक तरनजीत कौर ने अण्डर-20 आयुवर्ग में 100 मीटर दौड़ का स्वर्ण पदक अपने नाम किया। तरनजीत ने 200 मीटर दौड़ में चांदी का पदक जीता। पिछले एक पखवाड़े में दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम की इस धावक ने राष्ट्रीय स्तर पर तीन स्वर्ण और एक चांदी का पदक जीतकर अपने सुनहरे भविष्य की आहट दी। गुवाहाटी में खेली गई 36वीं राष्ट्रीय जूनियर एथलेटिक्स प्रतियोगिता में हरियाणा के एथलीटों ने 55 पदकों के साथ ओवरआल चैम्पियनशिप ट्राफी पर कब्जा जमाया। इस प्रतियोगिता में 91 खिलाड़ी उम्र फरेब में पकड़े गए।

इस पांच दिवसीय एथलेटिक्स प्रतियोगिता में हरियाणा के एथलीटों ने 20 स्वर्ण, 20 रजत और 14 कांस्य पदक जीते वहीं 37 पदकों के साथ तमिलनाडु दूसरे स्थान पर रहा। उत्तर प्रदेश 35 पदकों के साथ तीसरे स्थान पर रहा। हरियाणा एथलेटिक एसोसिएशन के महासचिव राजकुमार मिटान ने बताया कि प्रतियोगिता के अंतिम दिन बुधवार को खिलाड़ियों ने 17 पदक जीतकर पदकों की झड़ी लगा दी। मिटान ने बताया कि अंडर-14 में पूजा ने ऊंची कूद स्पर्धा में स्वर्ण, प्रतीक ने हैमर थ्रो में रजत, आकांशु ने 600 मीटर दौड़ में रजत पदक जीता वहीं अंडर-16 में दीपक ने 300 मीटर दौड़ में स्वर्ण, प्रियंका ने 200 मीटर दौड़ में रजत व रोहित ने 2000 मीटर दौड़ में कांस्य, कपिल ने हैमर थ्रो स्पर्धा में कांस्य, दीपिका ने भाला फेंक स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता। हरियाणा के एथलीट संयम को अंडर-18 आयु वर्ग में बेस्ट एथलीट होने का अवार्ड मिला। संयम ने शाटपुट स्पर्धा में 19.35 मीटर गोला फेंक कर स्वर्ण पदक हासिल किया था।

दिल्ली की तरनजीत की जहां तक बात है उसने भोपाल के तात्या टोपे नगर स्टेडियम में हुई 18वीं फेडेरेशन कप जूनियर अंडर-20 राष्ट्रीय एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में 100 और 200 मीटर दौड़ों में स्वर्णिम सफलता हासिल कर नई पटकथा लिखी थी। तरनजीत ने 100 मीटर की दौड़ 11.70 सेकेण्ड तो 200 मीटर की दौड़ 24.11 सेकेण्ड समय के साथ पूरी की। गुवाहाटी में खराब व्यवस्थाओं के बीच तरनजीत ने 100 मीटर दौड़ 12.02 सेकेंड तो 200 मीटर दौड़ 24.65 सेकेंड में पूरी कर क्रमशः स्वर्ण और रजत पदक जीते।

कोविड संक्रमणकाल ने हर किसी के जीवन से एक साल चुरा लिया है। लेकिन अनलाक की प्रक्रिया शुरू होते ही सबसे पहले घरों से निकलकर खिलाड़ियों ने ही दौड़ लगानी शुरू की। एथलीटों ने गांव-गांव, रास्ते-रास्ते अपने प्रशिक्षकों से आनलाइन मार्गदर्शन लेते हुए प्रशिक्षण और स्ट्रेंथ बिल्डिंग पर फोकस बनाए रखा। संभवत: उन्हीं प्रयासों का परिणाम है कि नए साल में जूनियर स्तर पर दो प्रतियोगिताएं सम्पन्न हो चुकी हैं। हर बार की तरह इस बार भी हरियाणा के एथलीटों ने अपनी बादशाहत कायम रखी है। मध्य प्रदेश को प्रतियोगिता में 13 पदक हासिल हुए है, जिनमें 7 स्वर्ण, 3 रजत और 3 कांस्य पदक शामिल हैं। इस प्रतियोगिता में मध्य प्रदेश एथलेटिक्स अकादमी के खिलाड़ियों ने 4 स्वर्ण, 1 रजत और 2 कांस्य सहित कुल सात पदक मध्य प्रदेश को दिलाए।

 

रिलेटेड पोस्ट्स