नेशनल एथलेटिक्स में मेरठ की ख्याति माथुर को स्वर्ण

ऊंचीकूद में दिलाया पदक
खेलपथ प्रतिनिधि
गुवाहाटी।
गुवाहाटी में चल रही जूनियर नेशनल एथलेटिक चैम्पियनशिप में मेरठ की ख्याति माथुर ने ऊंची कूद में स्वर्ण पदक हासिल किया है। ख्याति ने 1.77 मीटर की छलांग लगाकर सोने का तमगा अपने नाम कर लिया है। इस राष्ट्रीय प्रतियोगिता में यह मेरठ के नाम पहला स्वर्ण पदक है। ख्याति के नाम पिछला रिकार्ड 1.68 मीटर की छलांग का था जिसे उन्होंने पार करते हुए 1.77 मीटर करते हुए व्यक्तिगत रिकार्ड को पीछे छोड़ दिया है। 
इस बार नेशनल रिकार्ड बनाने से ख्याति थोड़ा ही पीछे रहीं। जूनियर नेशनल में ऊंची कूद का रिकार्ड 1.81 मीटर है और ख्याति इससे 0.05 मीटर ही पीछे रहीं और 1.77 मीटर की छलांग लगाई। इसी प्रतियोगिता में मंगलवार को अंडर-14 बालक वर्ग में मेरठ के कृत यादव ने पहली राष्ट्रीय प्रतियोगिता में 600 मीटर दौड़ में हिस्सा लिया। यह दौड़ कृत ने व्यक्तिगत बेहतरीन टाइमिंग के साथ पूरा किया। कृत ने 600 मीटर की दौड़ 1:34:12 मिनट में पूरा की और टूर्नामेंट में 13वें स्थान पर रहे। जिला एथलेटिक संघ के सचिव अनु कुमार ने ख्याति को स्वर्ण पदक की बधाई देते हुए कृत के प्रदर्शन की भी सराहना ही। उन्होंने कहा कि पहली नेशनल चैम्पियनशिप और उसमें जिस टाइमिग में कृत दौड़े वह सराहनीय है। कृत रोहटा रोड पर गगन एन्क्लेव में रहते हैं वहीं पर रास्तों पर दौड़ कर कोच निधि सिंह और गौरव त्यागी के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण ले रहे हैं।
पावना नागराज का जलवा
इसी प्रतियोगिता में ऊंचीकूद एथलीट पावना नागराज ने अपने बेहतरीन प्रदर्शन से न केवल गोल्ड मेडल हासिल किया बल्कि अंडर-16 का राष्ट्रीय रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लिया। 15 साल की हाई जम्पर पावना नागराज के लिए स्टेडियम दूसरा घर है। जब वह चार साल की थीं तब से ही स्टूडियो जा रही थीं। पावना के माता-पिता दोनों ही राष्ट्रीय स्तर के पूर्व एथलीट हैं और कई बार स्वर्ण पदक विजेता रह चुके हैं।
5 फुट 8 इंच की किशोरी पावना ने अपनी पारिवारिक परम्परा को जारी रखा और 36वीं राष्ट्रीय जूनियर एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में हाईजंप में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए गोल्ड मेडल के साथ अंडर-16 का राष्ट्रीय रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लिया। कर्नाटक निवासी इस एथलीट ने ऊंची कूद स्पर्धा में शीर्ष पोडियम फिनिश के लिए पश्चिम बंगाल के मोहुर मुखर्जी को हराकर 1.73 मीटर की छलांग लगाई।
मां ने भी बनाया था रिकॉर्ड
2012 में पावना की मां सहाना कुमारी ने भी 1.92 मीटर की छलांग लगाई थी, जो एक ऐसा रिकॉर्ड था जिसे आज तक कोई भारतीय महिला नहीं तोड़ पाई है। उनके पिता बीजी नागराज एक प्रशंसित रेसर रहे हैं। उन्हें 2010 में अंतर-राज्यीय प्रतियोगिता में 100 मीटर स्प्रिंट जीता था जिसके बाद उन्हें भारत में सबसे तेज पुरुष का ताज पहनाया गया था। उनका रिकॉर्ड 10.50 सेकंड रहा, जो उन्होंने एशियाई खेलों के ट्रायल में दर्ज किया था।
पावना कहती हैं कि उन्हें अपने माता-पिता के साथ ट्रैक पर जाना बहुत पसंद है। उसने कहा कि मुझे बुरा तब लगता था जब माँ खेलने जाती थीं और मुझे घर पर ही छोड़ देती थीं। इसलिए, ज्यादातर दिनों में वह मुझे साथ ले जाया करतीं। पावना ने अपनी जीत का श्रेय अपने माता-पिता को देते हुए कहा, “मेरे यहां तक पहुंचने के पीछे माता-पिता की कड़ी मेहनत है, “वह कहती हैं ऐसा नहीं है कि मैं कड़ी मेहनत नहीं करती, खेल मेरी रुचि और जुनून है और मेरे पास बहुत बड़े सपने हैं।”
पिता ने कहा घर में हैं दो रिकॉर्ड सेंटर
गोल्ड मेडलिस्ट पावना के पिता नागराज कहते हैं कि उनकी बेटी को रिकॉर्ड सेट करते हुए देख वो काफी खुश हैं। नागराज कहते हैं कि एथलेटिक्स मेरी बेटी के खून में था। मैं बहुत उत्साहित हूं कि हमारे घर में दो राष्ट्रीय रिकॉर्ड सेंटर हैं। यह सिर्फ शुरुआत है, हमारे पास उसके लिए बहुत बड़ी योजनाएं हैं, नागराज फिलहाल स्पोर्ट्स कोच के रूप में भारतीय रेलवे के साथ काम करते हैं।
पावना की मां सहाना कहती हैं कि स्कूल मीट में पावना भी अपने पिता की तरह 100 मीटर दौड़ में भाग लेना चाहती थी लेकिन अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाने की वजह से वो काफी निराश थी तब पावना के स्कूल कोच ने उसे ऊंचीकूद लगाने के लिए कहा और इस खेल में उसका प्रदर्शन शानदार रहा। इसके बाद पावना एक के बाद एक प्रतियोगिताओं में भाग लेती रही और विभिन्न आयु-समूहों के पुरस्कार जीतती रही।

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