उम्र फरेब में पकड़ा गया हरियाणा का एथलीट
सच्चाई पता चलते ही छिन गया रजत पदक
खेलपथ प्रतिनिधि
गुवाहाटी। हरियाणा के पैदल चाल एथलीट परमदीप मोर को राष्ट्रीय जूनियर एथलेटिक्स में अधिक उम्र का पाए जाने के बाद उसका रजत पदक छीन लिया गया। मोर ने 10 किलोमीटर पैदल चाल स्पर्धा में लड़कों के अंडर-20 वर्ग में 41:19.87 मिनट का समय निकालकर रजत पदक जीता था, लेकिन बाद में मेडिकल परीक्षण में उसे उम्र से अधिक पाया गया।
परमदीप ने 10 किलोमीटर पैदल चाल स्पर्धा में अंडर-20 वर्ग में रजत पदक जीता था, लेकिन जब उनकी जांच की गई तो पता चला कि उम्र इस वर्ग के लिए सही नहीं है। उसकी उम्र इस स्पर्धा के निर्धारित स्पर्धा की उम्र से ज्यादा निकली। इसके बाद उससे रजत पदक वापस ले लिया गया।
भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) के टूर्नामेंट के परिचालन मैनेजर नितिन आर्या ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि परमदीप मोर की उम्र इस स्पर्धा के निर्धारित स्पर्धा की उम्र से अधिक है। उन्हें इस बात का पता तब जब चला जब परमदीप की हड्डी का परीक्षण हुआ। उन्होंने कहा कि एएफआई उम्र की धोखाधड़ी बिलकुल बर्दाश्त नहीं करती इसलिए उन्हें डिस्क्वालीफाई कर दिया गया और उनका रजत पदक वापस ले लिया गया।
बता दें, परमदीप के डिस्क्वालीफाई होने के बाद मणिपुर के निंगथोखोंगजा को रजत पदक दिया गया। उन्होंने इस पैदल चाल स्पर्धा को 44 मिनट 04: 11सेकेंड में पूरा कर लिया था वहीं उत्तराखंड के सूरज पंवार ने स्वर्ण पदक जीता। सूरज ने इस स्पर्धा को 41 मिनट 17.40 11सेकेंड में पूरा कर लिया था। जबकि असम के बिक्रम दास को तीसरा स्थान दिया गया। उन्होंने इस पैदल रेस को 44 मिनट 07.61 सेकेंड में पूरा किया था। अन्य स्पर्धाओं में उत्तराखंड की रेशमा पटेल ने बालिका अंडर-18 5000 मीटर में राष्ट्रीय रिकार्ड से पहला स्थान हासिल किया। उन्होंने 23 मिनट 38.57 सेकेंड के समय से 2014 में केटी नीना द्वारा गोवा में बनाये गए अंडर-18 रिकार्ड को तोड़ दिया।