कप्तान और मैनेजमेंट ने हमेशा मुझ पर भरोसा दिखायाः अजिंक्य रहाणे

बतौर खिलाड़ी आपका योगदान हमेशा शत-प्रतिशत होना चाहिए
मुम्बई।
कंगारुओं को उन्हीं की धरती पर पराजय का हलाहल पिलाने वाले कप्तान अजिंक्य रहाणे का कहना है कि उन्हें टीम में बने रहने को लेकर कभी भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा। कप्तान और मैनेजमेंट ने हमेशा मुझ पर भरोसा दिखाया। भारत के अजेय टेस्ट कप्तान अजिंक्य रहाणे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ऐतिहासिक सीरीज जीत का श्रेय नहीं लेना चाहते। वे जीत का श्रेय पूरी टीम को देते हैं। वे कहते हैं कि जब आप एक मैच या सीरीज जीतते हैं तो इसमें सामूहिक या टीम प्रयास होता है। इसमें सिर्फ एक व्यक्ति का योगदान कभी नहीं हो सकता। विराट कोहली पैटरनिटी लीव लेकर ऑस्ट्रेलिया से भारत वापस आ गए थे। इसके बाद रहाणे ने टीम की कमान संभालते हुए ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार टेस्ट की सीरीज 2-1 से जीती थी।
32 साल के रहाणे मानते हैं कि साथी खिलाड़ी आपको एक अच्छा लीडर बनाते हैं। रहाणे को पिछले कुछ साल में टीम में जगह बनाने के लिए संघर्ष करना पड़ा। 2017-18 में दक्षिण अफ्रीका दौरे पर रहाणे को उप-कप्तान होने के बावजूद दो टेस्ट के लिए बाहर कर दिया गया था। ऑस्ट्रेलिया दौरे के पहले लोग सोचने लगे थे कि यह दौरा उनकी टीम में जगह पक्की कर सकता है या फिर हमेशा के लिए खतरे में डाल सकता है। लेकिन रहाणे ऐसा नहीं मानते। उन्होंने कहा, ‘ईमानदारी से कहूं तो मुझे कभी नहीं लगा कि टीम में मेरी जगह खतरे में है।
कप्तान और टीम मैनेजमेंट ने मुझ पर हमेशा भरोसा दिखाया। हां, कभी-कभी खिलाड़ी आउट आफ फाॅर्म चला जाता है लेकिन इसका मतलब यह नहीं होता कि उसकी क्लास या टेक्निक खत्म हो गई है।’रहाणे ने टीम में जगह बनाने के लिए काफी संघर्ष किया था। खिलाड़ियों की खराब फॉर्म पर रहाणे ने कहा, ‘खिलाड़ी को फॉर्म में वापसी करने के लिए सिर्फ एक अच्छी पारी की जरूरत होती है। जब मैं खराब दौर से गुजर रहा था तो मेरे कोच और कप्तान ने हमेशा मनोबल बढ़ाया। इससे मुझे सफलता भी मिली।’
दाएं हाथ के बल्लेबाज ने कहा, ‘एक क्रिकेटर होने के कारण आपको हमेशा बेस्ट देना होता है हालांकि एक खराब सीरीज आपको बुरा क्रिकेटर नहीं बनाती। लेकिन हमारे यहां एक सीरीज से ही आपके बारे में राय बननी शुरू हो जाती है। खिलाड़ियों को पहले भी इस समस्या का सामना करना पड़ता था और अभी भी हम इससे जूझ रहे हैं।’ रहाणे का मानना है कि टीम में आपकी भूमिका चाहे जो भी हो, लेकिन बतौर खिलाड़ी आपका योगदान हमेशा शत-प्रतिशत होना चाहिए।

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