14 लाख की नई बॉक्सिंग रिंग कबाड़ में बिकीं
रखे-रखे ही डिसमेंटल मटेरियल में शामिल कर दीं
ब्रह्म प्रकाश श्रीवास्तव
भोपाल। एक तरफ जहां प्रदेश के आम बच्चों को खेल का सामान मुहैया नहीं हो पा रहा वहीं खेल विभाग के ग्वालियर कार्यालय ने दो नई बॉक्सिंग रिंगों को कबाड़ सामान के साथ नीलाम कर दिया। दोनों बॉक्सिंग रिंग तीन साल पहले करीब सात-सात लाख रुपए में खरीदी गई थीं। गुरुवार को कम्पू खेल परिसर में पुराने सामान की छह लाख रुपए से ज्यादा की नीलामी हुई। अमूमन, बॉक्सिंग रिंग में सिर्फ रस्सा खराब होता बाकी पार्ट मजबूत लोहे के होते हैं और इसका उपयोग बीसों साल तक किया जा सकता है।
खेल विभाग ग्वालियर में गुरुवार को पुराने सामान की नीलामी की गई। सामान में शामिल दो बॉक्सिंग रिंगों पर सबकी नजर रही। 2017 में खरीदी गईं बॉक्सिंग रिंग की विभागीय कीमत सात-सात लाख रुपए बताई गई है। बड़ी संख्या में शामिल सामान में पुराने एसी-कूलर से लेकर तमाम लोहे का कबाड़ा था। नीलामी में विभागीय प्रबंधन ने सभी कर्मचारियों को चश्मदीद बनाया। पूरा सामान न्यूनतम तय राशि 6,38,995 रुपए में ही नीलाम हुआ। डीएसओ आशीष पांडे के अनुसार राहुल गोयल नामक व्यक्ति ने तीन अन्य लोगों को शामिल कर बोली तोड़ी।
नीलामी में आग से खराब हुआ सामान भी:
नीलामी में पिछले साल फरवरी में खेल सामान में लगी आग से खराब हुआ सामान भी शामिल था। बताते हैं, तत्कालीन डीएसओ रामाराव नागले की साजिश के कारण बिना बिजली कनेक्शन वाले रूम में आग लग गई थी और लाखों का खेल सामान जल गया था। जांच भी हुई, लेकिन परिणाम सामने नहीं आया। बस, एक माह पहले नागले का तबादला छिंदवाड़ा जरूर कर दिया गया।
बॉक्सिंग रिंग एवं अन्य डिसमेंटल सामान परिसर के क्रिकेट ग्राउंड में पड़ा था। रिंग 2014-15 में खरीदी गई थी। कई जगह उसमें जंग लग चुकी थी। परिसर से बहुत सामान चोरी हो रहा था। सामान की नीलामी की फाइल मेरे आने से पहले से चल रही है। रिंग के पेंच और प्लाईबुड, रस्सा भी खराब हो गया था। सरकारी वेल्युअर से वेल्यू कराने के बाद सामान की नीलामी की गई है।
आशीष पांडे,जिला खेल अधिकारी ग्वालियर
ये तो मंत्री का क्षेत्र,बाकी के क्या हालात होंगे
रिंग की उपयोगिता नहीं थी तो ग्वालियर को क्यों दी गई, किसी और जिले को दी जाती तो उसका सदुपयोग होता। इसके अलावा बॉक्सिंग रिंग में कुछ खराब होने वाली चीज ही नहीं होती, सिर्फ रस्से के। इसका उपयोग तो बीस साल तक किया जा सकता है। इस तरह रिंग की नीलामी करना गलत है। रिंग ज्यादा खराब कैसे हो गई जो भी हो इसकी वसूली जिम्मेदार अधिकारी से होनी चाहिए। यह सब मंत्री के क्षेत्र में हो रहा है तो बाकी जिलों के क्या हालात होंगे?
-दीपक गौड़, सचिव, भोपाल जिला बॉक्सिंग संघ