हमारे खिलाड़ी ओलम्पिक में अमेरिका-चीन का मुकाबला नहीं कर सकतेः किरेन रिजिजू
खेल मंत्री ने साक्षात्कार में कहा इन देशों का बेस बहुत बड़ा
खेलपथ प्रतिनिधि
नई दिल्ली। भारत को खेलों में सुपर पावर बनाने का सपना देखने वाले केन्द्रीय खेल मंत्री किरेन रिजिजू का कहना है कि अमेरिका और चीन का बेस बहुत बड़ा है इसलिए हमें यह कहने में जरा भी संकोच नहीं कि भारतीय खिलाड़ी ओलम्पिक खेलों में इन देशों को कतई चुनौती नहीं दे सकते। खेल मंत्री किरेन रिजिजू का कहना है कि भारत ओलम्पिक में चीन और अमेरिका का मुकाबला अभी नहीं कर सकता क्योंकि इन दोनों देशों का लेवल अलग है। हम उस लेवल तक पहुंचने के लिए फाउंडेशन तैयार कर रहे हैं। हमारा लक्ष्य 2028 तक भारत को टॉप-10 देशों में शामिल कराना है। तैयारी भी शुरू कर दी है।
सवालः टोक्यो ओलम्पिक में खिलाड़ियों से कितने पदक की उम्मीद है?
जवाबः खिलाड़ियों के लिए सुविधाएं बढ़ा दी गई हैं। इसलिए उम्मीद भी ज्यादा है। हालांकि मेडल का अनुमान किसी को नहीं करना चाहिए क्योंकि यह खिलाड़ी की उस दिन की फॉर्म पर निर्भर करता है। मेंटल स्टेटस, फिजिकल फिटनेस भी प्रदर्शन पर असर डालती है। उम्मीद है कि टोक्यो में खिलाड़ी पहले से ज्यादा मेडल जीतेंगे।
सवालः कोरोना के कारण कई खिलाड़ी एक साल पिछड़ गए। क्या खेलो इंडिया में उम्र को लेकर बदलाव हो सकते हैं?
जवाबः कोविड के कारण जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई तो हम नहीं कर सकते। इस साल होने वाले महिला अंडर-17 वर्ल्ड कप के 2022 तक स्थगित होने से कई खिलाड़ियों के सपने टूट गए क्योंकि इस साल कुछ खिलाड़ी थीं जो 15 साल से ज्यादा उम्र की थीं। 2022 में उनकी उम्र 17 से ज्यादा हो जाएगी। वे वर्ल्ड कप नहीं खेल सकेंगी। लेकिन उनके पास अंडर-20 में खेलने का मौका रहेगा।
सवालः खेलो इंडिया के 1000 सेंटर से क्या निचले स्तर से प्रतिभाएं आगे ला सकेंगे?
जवाबः कम उम्र में खिलाड़ियों की प्रतिभा पहचानना जरूरी है। राज्य सरकारें इन सेंटरों से खिलाड़ियों की पहचान करेंगी। फिर बेहतर खिलाड़ी चुनकर प्रोफेशनल एकेडमी में जाएंगे। यहां से खिलाड़ी नेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में ट्रेनिंग लेंगे।
सवालः क्या साई यह नहीं कर पा रहा था?
जवाबः साई का काम ट्रेनिंग देना है। उसके पास इतने संसाधन नहीं हैं कि गांव-गांव जाकर प्रतिभा खोज करें। हम भारतीय खेल प्राधिकरण की ताकत बढ़ा रहे हैं। प्राइवेट एकेडमी की मदद भी ले रहे हैं।
सवालः क्या फिट इंडिया मूवमेंट सफल रहा?
जवाबः फिट इंडिया मूवमेंट की अभी तो शुरुआत है। हमें लोगों की जीने की शैली में बदलाव लाना और उन्हें जागरूक करना है हालांकि डेढ़ साल में बदलाव देखने को मिला है। फिटनेस रेटिंग 50% बढ़ी है।