पद्मश्री डा. कृष्णा पूनिया ने हर क्षेत्र में दिलाया गौरव

सादुलपुर विधायक राजनीति में भी कर रहीं अनोखे काम
खेलपथ प्रतिनिधि
जयपुर।
एक गौरवशाली खिलाड़ी से राजनीतिज्ञ बनीं पद्मश्री डा. कृष्णा पूनिया का हर क्षेत्र में जलवा कायम है। कांग्रेस को पूरी तरह समर्पित पद्मश्री डा. कृष्णा पूनिया सिर्फ सादुलपुर विधान सभा क्षेत्र ही नहीं सम्पूर्ण राजस्थान के विकास का सपना देखती हैं। पद्मश्री डा. कृष्णा पूनिया कृष्णा को डिस्कस थ्रोअर के रूप में पहचाना जाता है। खेल के मैदान से विधानसभा तक पहुंचने का इनका सफर बेहद रोचक और गौरवमयी रहा है।
कृष्णा पूनिया को वर्ष 2018 से पहले तक डिस्कस थ्रोअर के रूप में ही पहचाना जाता था। लेकिन, यह खिलाड़ी अब राजस्थान ​के सादुलपुर क्षेत्र से विधायक भी हैं। 15 मई, 1982 को हरियाणा के अग्रोहा के एक जाट किसान परिवार में कृष्णा पूनिया ने जन्म लिया। इनके पिता का डेयरी फार्म हाउस था, जिसमें खुद कृष्णा भी भैंस का दूध निकाला करती थीं। विधायक बनने के बाद कृष्णा पूनिया ने साफतौर पर कहा था कि मैं विश्वास दिलाती हूं कि अपना काम ईमानदारी से करूंगी। मैं हर वर्ग के लिए बिना भेदभाव से काम करूंगीं।'
कृष्णा पूनिया ने कॉलेज लाइफ में डिस्कस थ्रो को चुना और यूनिवर्सिटी लेवल की प्रतियोगिताओं में मेडल जीतने लगीं। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में 48 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़कर सुर्खियों में आईं। फिर नेशनल के लिए चुनी गईं और ओलम्पिक तक का सफर तय किया। पूनिया ने वर्ष 2004, 2008 व 2012 के ओलम्पिक खेलों में हिस्सा लिया।
एक दोस्त की शादी में कृष्णा की मुलाकात राजस्थान के रहने वाले वीरेंद्र पूनिया से हुई। छोटी सी मुलाकात के बाद बातों का सिलसिला शुरू हो गया और दोनों ने 24 नवम्बर, 1999 में परिवार की सहमति से शादी कर ली। शादी के बाद वीरेंद्र पूनिया ने एक बेहतर कोच बन कृष्णा पूनिया को डिस्कस थ्रो की बारीकियों से रूबरू करवाया। एक इंटरव्यू में दोनों ने बताया था कि खेल के मैदान में उनका रिश्ता एक खिलाड़ी और कोच का रहा है।
पति कोच बने तो कृष्णा पूनिया ने डिस्क्स थ्रो में पदकों की झड़ी लगा दी। 2006 में दोहा व 2010 में ग्वांगझू एशियाड में कृष्णा ने कांस्य पदक जीता। कॉमनवेल्थ गेम 2010 दिल्ली में कृष्णा ने स्वर्ण पदक पर निशाना साधा। वर्ष 2011 में कृष्णा पूनिया को पद्मश्री अवार्ड से नवाजा गया। खेल में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद कृष्णा ने राजनीति का रुख किया और साल 2013 में कांग्रेस ज्वाइन की। राजस्थान विधानसभा चुनाव 2013 में चूरू जिले की सादुलपुर (राजगढ़) सीट से चुनाव लड़ा। पहली बार में कृष्णा तीसरे स्थान पर रहीं, लेकिन हार नहीं मानी। राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018 में फिर कांग्रेस ने यहीं से इन पर भरोसा जताया और कृष्णा ने भारी मतों से जीत दर्ज की। आज कृष्णा पूनिया जन-जन की प्रिय नेता के रूप में जानी जाती हैं।

 

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