योगी जी अंशकालिक खेल प्रशिक्षकों को शोषण से बचाओ
प्रशिक्षकों में प्रमुख सचिव खेल एवं निदेशक खेल के प्रति आक्रोश
खेलपथ प्रतिनिधि
वाराणसी। उत्तर प्रदेश के अंशकालिक खेल प्रशिक्षकों में प्रमुख सचिव खेल कल्पना अवस्थी एवं निदेशक खेल डा. आर.पी. सिंह की हठधर्मिता को लेकर जबर्दस्त आक्रोश है। सात माह से सेवा से पृथक चल रहे अंशकालिक खेल प्रशिक्षकों ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर सात माह का मानदेय दिलाने तथा खेल अधिकारियों के शोषण से बचाने की गुहार लगाई है।
ज्ञातव्य है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के विपरीत संचालनालय खेल उत्तर प्रदेश द्वारा 25 मार्च, 2020 को लगभग साढ़े चार सौ अंशकालिक खेल प्रशिक्षकों को सेवामुक्त कर दिया गया था। नियमतः एक अप्रैल को इन खेल प्रशिक्षकों की बहाली हो जानी थी लेकिन खेल विभाग के आलाधिकारियों के मन में खोट होने के चलते प्रशिक्षकों को सेवा में लेने की बजाय ठेकाप्रथा से भर्ती का फरमान जारी कर दिया गया। सात माह से फूटी कौड़ी न मिलने से साढ़े चार सौ खेल प्रशिक्षकों के परिवार भुखमरी का शिकार हो गए।
देखा जाए तो अंशकालिक खेल प्रशिक्षकों की नियुक्ति से पहले उनसे कहीं दूसरी जगह कार्य न करने का शपथ-पत्र लिया जाता है। यही शपथ-पत्र खेल प्रशिक्षकों के जी का जंजाल बन गया है। इन प्रशिक्षकों में अधिकांश तो प्रशिक्षण के क्षेत्र में अपना सम्पूर्ण जीवन ही होम कर चुके हैं। गत दिवस उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने प्रशिक्षकों से चर्चा के दौरान उन्हें दूसरा काम करने की नसीहत दी थी। अपना सम्पूर्ण जीवन राजनीति को समर्पित कर चुकी महामहिम आनंदी बेन पटेल से यदि आज दूसरा काम करने का मशविरा दिया जाए तो उन्हें कैसा लगेगा। महामहिम की सलाह समझ से परे है।
खैर, उत्तर प्रदेश के अंशकालिक खेल प्रशिक्षकों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से न्याय की फरियाद करते हुए मानवता के आधार पर अतिशीघ्र पिछले सात माह का मानदेय दिलाने तथा सेवा में लेने की मांग की है। इन प्रशिक्षकों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखे अपने पत्र में प्रमुख सचिव खेल एवं खेल निदेशक पर हठधर्मिता का आरोप लगाया है। प्रशिक्षकों ने रिन्यूअल के बजाय आउटसोर्सिंग से भर्ती प्रक्रिया को भी गलत करार दिया है। ठेकाप्रथा के नियम से खेल विभाग में 20-25 वर्षों से कार्य कर रहे खेल प्रशिक्षकों का भविष्य अंधकार में हो जाएगा और इस उम्र में वह कुछ अन्य कार्य भी नहीं कर पाएंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को प्रशिक्षकों की माली हालत पर ध्यान देते हुए पुराने खेल प्रशिक्षकों को नियमित करने तथा नए खेल प्रशिक्षकों को शीघ्र सेवा में लेने के आदेश संचालनालय खेल को देने चाहिए।