हॉकी की रानी बनना चाहती हैं शाहजहांपुर की श्रुति
खेलपथ प्रतिनिधि
शाहजहांपुर। भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल आज हर युवा हॉकी खिलाड़ी की आदर्श हैं। हॉकी की रानी ने अपने संघर्ष और जज्बे से महिला हॉकी को एक नई दिशा दिखाई है। रानी के हैरतअंगेज प्रदर्शन ने शाहजहांपुर की श्रुति धीमान को भी काफी प्रभावित किया है। श्रुति रानी की ही तरह हॉकी में देश का गौरव बढ़ाने का सपना देख रही हैं।
शाहजहांपुर निवासी नीरज कुमार-अनुराधा की बेटी श्रुति धीमान की जहां तक बात है, इसे बचपन से ही खेलों से बेशुमार लगाव है। रोहेलखण्ड बरेली से स्नातक तथा कानपुर विश्वविद्यालय से बीपीएड करने वाली श्रुति ने खेलों की शुरुआत कक्षा आठ में पढ़ते समय ही कर दी थी। श्रुति जिला, मण्डल, प्रदेश, जूनियर नेशनल, सीनियर नेशनल, यूनिवर्सिटी खेलों सहित शाहजहांपुर खेल महोत्सव में अपनी प्रतिभा और कौशल का नायाब उदाहरण पेश कर चुकी हैं।
हर खिलाड़ी का कोई न कोई आदर्श होता है। श्रुति भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल को अपना आदर्श मानती हैं और उन्हीं की तरह हॉकी में देश का नाम रोशन करना चाहती हैं। श्रुति कहती हैं कि मेरे जीवन में खेलों का विशेष महत्व है। खेलों से न केवल शरीर चुस्त-दुरुस्त रहता है बल्कि खेलों के माध्यम से हम देश-दुनिया में ख्याति अर्जित कर सकते हैं।