श्रमिक की बेटी सुनिधि ने रायफल शूटिंग में बढ़ाया मध्य प्रदेश का गौरव

एनसीसी में रहकर सीखा रायफल चलाना और अब शामिल हैं ओलम्पिक कोर ग्रुप में

खेलपथ प्रतिनिधि

भोपाल। प्रतिभा किसी को आगे बढ़ने से कभी नहीं रोक सकती है, बस उसमें आगे बढ़ने का जुनून होना चाहिए। भोपाल की सुनिधि  चौहान  ने भी कभी नहीं सोचा था कि वह रायफल शूटिंग में ओलम्पिक कोर ग्रुप में थर्ड पोजीशन प्राप्त कर पाएगी। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा खिलाड़ियों को उपलब्ध कराई जा रही अंतरराष्ट्रीय स्तर की खेल सुविधाओं और उच्च स्तरीय प्रशिक्षण के चलते श्रमिक की बेटी सुनिधि  चौहान आज इस मुकाम पर पहुंची है।

भोपाल स्थित आचार्य नरेन्द्र देव नगर गोविन्दपुरा निवासी श्रमिक राम समुझ  चौहान की बेटी सुनिधि  चौहान को बचपन से ही शूटिंग से लगाव रहा है। वह जब कालेज में पहुंची तब एनसीसी में रहकर उसकी रायफल चलाने की हसरत पूरी हुई और यहाँ रहकर सुनिधि को राष्ट्रीय स्पर्धा में प्रतिभा प्रदर्शन का अवसर मिला। उसकी शानदार प्रतिभा से प्रभावित एनसीसी कमांडर आफीसर ने उन्हें शूटिंग खेल में करियर बनाने के लिए मध्य प्रदेश शूटिंग अकादमी में प्रवेश के लिए प्रोत्साहित किया।

सुनिधि ने वर्ष 2017 में खेल अकादमी में ट्रायल दिया और उसकी प्रतिभा को देखते हुए उसे मध्य प्रदेश राज्य शूटिंग अकादमी में प्रवेश मिल गया। सुनिधि की लगन और परिश्रम से उसे वर्ष 2018 में त्रिवेन्द्रम में 62वीं एनएससीसी शूटिंग प्रतियोगिता में प्रदर्शन का अवसर मिला और उसने वहां कांस्य पदक अर्जित किया। वर्ष 2019 में दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय के.एस.एस.एम.एस.सी. प्रतियोगिता में मध्य प्रदेश के लिए रजत पदक अर्जित किया। इसी वर्ष सुनिधि ने नेपाल में आयोजित साउथ एशियन गेम्स काठमाण्डू में शानदार प्रदर्शन करते हुए देश को स्वर्ण पदक दिलाया। उसने 2019 में पांच अंतरराष्ट्रीय शूटिंग प्रतियोगिताओं में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व भी किया।

ओलम्पिक कोर ग्रुप में ओलम्पिक के दावेदार खिलाड़ियों में शामिल सुनिधि  चौहान इन दिनों प्रतिभा निखारने के लिए कड़ा परिश्रम कर रही है। सुनिधि ने बताया कि प्रदेश की खेल मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया की पहल पर स्थापित विश्व स्तरीय शूटिंग अकादमी के माध्यम से मुझे राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिभा प्रदर्शन का अवसर मिला। अकादमी के माध्यम से मिल रहे उच्च स्तरीय प्रशिक्षण एवं आधुनिक खेल सुविधाओं की बदौलत आज मुझे यह मुकाम हासिल हुआ है और इसके लिए मैं हृदय से मध्य प्रदेश सरकार की आभारी हूं।

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