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जिलाधिकारी नीतीश कुमार से मिला फुटबॉल प्रशिक्षक अविनाश को भरोसा
कर्ज से भी मिलेगी निजात, मदद को लोग सामने आए
खेलपथ संवाद
बरेली। जिलाधिकारी बरेली नीतीश कुमार ने आखिरकार लॉक डाउन में नौकरी खोने वाले फुटबॉलर अविनाश शर्मा को मदद का भरोसा देकर उसके मायूस चेहरे पर मुस्कान लौटा दी है। काश डीएम नीतीश कुमार जैसी मानवता उत्तर प्रदेश का हर जिलाधिकारी दिखा दे तो शायद लगभग पांच सौ बेरोजगार खेल प्रशिक्षकों के दिन बहुर जाएं और उनके परिवारों की आर्थिक स्थिति भी सुधर जाए।
जिलाधिकारी बरेली नीतीश कुमार ने फुटबालर और प्रशिक्षक अविनाश शर्मा को नौकरी देने का ऐलान करते हुए आरएसओ को भी निर्देशित किया है। डीएम ने बताया कि एक फुटबॉलर के तौर पर अविनाश में जो हुनर है उसका इस्तेमाल किया जाएगा। शासन को भी अविनाश की रिपोर्ट बनाकर भेजी जा रही है। हमारी मंशा है कि वह खुद भी प्रैक्टिस करें और दूसरे खिलाड़ियों को भी तैयार करें।
ज्ञातव्य है कि राष्ट्रीय फुटबाल खिलाड़ी रहे अविनाश शर्मा ने एनआईएस का डिप्लोमा करने के लिए कर्ज लिया था। इसमें से करीब 50 हजार का कर्ज अभी भी बकाया है। अविनाश की खराब आर्थिक स्थिति को देखते हुए लोगों ने दिल खोलकर उसकी मदद की। लोग लगातार उसके खाते में पैसे भेज रहे हैं। उम्मीद है कि जिस कर्ज को चुकाने की अविनाश बीते दो वर्षों से कोशिश कर रहे थे, वह अब एक झटके में ही उतर जाएगा।
राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षक लाल बहादुर गंगवार और भाजपा जिला शिक्षक प्रकोष्ठ के संयोजक महेश चंद्र पांडे ने अविनाश को जहां 2100 रुपये की मदद दी वहीं मनरेगा में एपीओ अभिषेक द्विवेदी, रोटरेक्ट क्लब के गौरव खंडेलवाल, व्यापारी अजय प्रताप सक्सेना, डॉ. आर.के. मिश्रा आदि ने भी अविनाश को मदद भेजी। अपना नाम न छापने की शर्त पर साहू राम स्वरूप डिग्री कालेज की एक शिक्षिका ने 5000 रुपए, एक युवा कारोबारी ने 3100 रुपये तथा एक आर्किटेक्ट ने 2500 रुपए की मदद की।
अविनाश शर्मा ने लोगों द्वारा मिल रही मदद पर शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि मेरी सरकार से गुजारिश है कि जितने भी अंशकालिक कोच हैं, उन सभी का नवीनीकरण किया जाए। लॉकडाउन में उन सभी की नौकरी खत्म हो चुकी है और वह भुखमरी के कगार पर आ गए हैं।
इस संदर्भ में जिलाधिकारी नीतीश कुमार का कहना है कि हम फुटबॉलर अविनाश शर्मा की प्रतिभा का इस्तेमाल करेंगे। एक खिलाड़ी को सबसे अधिक खुशी तभी होती है, जब उसकी प्रतिभा का सही दिशा में इस्तेमाल हो। हम उनको खेल और खिलाड़ियों के विकास में लगाएंगे और अविनाश को नौकरी भी दी जाएगी।