कानपुर की उभरती जूडोका मनीषा कर रही कमाल
राज्य और राष्ट्रीय क्षितिज पर दिखा रही जौहर
खेलपथ संवाद
कानपुर। जूडो के खेल में इस समय कानपुर की बेटियां राष्ट्रीय क्षितिज पर अपने दमदार प्रदर्शन से लगातार शोहरत हासिल कर रही हैं। जनवरी माह में गुवाहाटी में हुए तीसरे खेलो इंडिया यूथ गेम्स में जहां सारिका ने चांदी का पदक जीतकर कानपुर के गौरव को चार चांद लगाए थे वहीं अब एक अन्य जूडोका मनीषा भारद्वाज राष्ट्रीय खेल क्षितिज पर जौहर दिखाने को बेताब है। होनहार मनीषा राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर अब तक दर्जनों पदक जीतकर इस बात को सिद्ध कर चुकी है कि उसमें जीत का जज्बा कूट-कूट कर भरा है। यह बिटिया एशियन चैम्पियनशिप में भी ट्रायल दे चुकी है।
सिंकू-विनोद भारद्वाज की जूडोका बिटिया ने अब तक जो भी सफलताएं हासिल की हैं उसमें उसके जज्बे और कभी हार न मानने की इच्छाशक्ति को प्रमुख माना जा सकता है। ईडब्ल्यूएस-4396 आवास विकास कालोनी नम्बर-3, कल्याणपुर कानपुर निवासी इस बेटी को जूडो के खेल में फौलादी बनाने का श्रेय उसके प्रशिक्षक राजेश भारद्वाज को जाता है। राजेश भारद्वाज के गहन प्रशिक्षण का ही कमाल है कि सारिका के साथ मनीषा भी कानपुर को गौरवान्वित करने को दृढ़ प्रतिज्ञ है। मनीषा अब तक राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर सात स्वर्ण, दो रजत तथा एक कांस्य पदक जीत चुकी है।
मनीषा की उपलब्धियां इस बात की तरफ साफ इशारा करती हैं कि यह बेटी भविष्य में राष्ट्रीय स्तर पर ही नहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को गौरवान्वित कर सकती है। प्रशिक्षक राजेश भारद्वाज का मानना है कि मनीषा में गजब की प्रतिभा है। यह होनहार बिटिया जो ठान लेती है, उसे पूरा करके ही दम लेती है। कानपुर को राजेश भारद्वाज जैसे प्रशिक्षकों का कद्रदान होना चाहिए जिनके प्रयासों से आज कानपुर की कई प्रतिभाएं जूडो जैसे खेल में शोहरत हासिल कर रही हैं। मनीषा की जहां तक बात है यह बेटी स्कूल नेशनल, खेलो इंडिया स्कूल गेम्स तथा कई कैडेट नेशनल जूडो प्रतियोगिताओं में अपनी प्रतिभा की छाप छोड़ चुकी है।
मनीषा ने अपना नेशनल पदक 2016 में पटना में हुई सब जूनियर नेशनल जूडो प्रतियोगिता में कांस्य पदक के रूप में जीता था। 2016 में ही सहारनपुर और मुरादाबाद में हुई सब जूनियर नेशनल प्रतियोगिताओं में मनीषा ने स्वर्णिम सफलताएं हासिल की थीं। इस जांबाज बेटी ने 2017 में लखनऊ में हुई सब जूनियर नेशनल ट्रायल में भी स्वर्ण पदक अपने नाम किया था। राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर दर्जनों पदक जीतने वाली इस बेटी में अपने खेल के प्रति जहां समर्पण है वहीं जीत की प्रबल इच्छाशक्ति भी है। अपने शानदार प्रदर्शन से राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर लगातार सफलताएं हासिल करने वाली इस बेटी को कानपुर ही नहीं संचालनालय खेल उत्तर प्रदेश शासन को भी प्रोत्साहन और आर्थिक मदद देनी चाहिए क्योंकि मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाली यह बेटी भारत का भविष्य है।
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