खेलों के फंड  आवंटन में बरती जाए पारदर्शिता

खेलपथ प्रतिनिधि
भिवानी।
अन्तरराष्ट्रीय बॉक्सर बिजेंद्र सिंह का कहना है कि सरकार को जमीनी स्तर पर खेल परियोजनाओं को सही ढंग से लागू करना होगा। सरकार द्वारा घोषित खेल नर्सरियां व अखाड़े महज दिखावा बनकर रह गए हैं। इन खेल नर्सरियों में ट्रेंड कोच होने जरूरी हैं, साथ ही इन नर्सरियों में समुचित सुविधाओं की जरूरत है। अगर सरकार खेल नर्सरियों में समुचित सुविधाएं मुहैया करवाए तो देश को कई अन्तरराष्ट्रीय खिलाड़ी मिल सकते हैं।
भिवानी बॉक्सिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष कमल सिंह का कहना है कि जब तक खिलाड़ियों के लिए आवंटित बजट में पारदर्शिता नहीं बरती जाएगी खिलाड़ियों के साथ न्याय नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा अलग-अलग जिलों में अलग-अलग खेलों के लिए बजट मार्क होना चाहिए। ऐसा न होने पर विभिन्न खेलों के साथ भेदभाव तो होता ही बल्कि ऊंची राजनीतिक पहुंचे वाले जिलों में ज्यादा पैसा दे दिया जाता है।
वहीं अन्तरराष्ट्रीय मुक्केबाज कविता चहल का कहना है कि खिलाड़ियों की डाइट खर्च में बढ़ोतरी की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जहां भारतीय खेल प्राधिकरण द्वारा प्रत्येक खिलाड़ी को 350 रुपए प्रतिदिन डाइट खर्चा दिया जाता है जबकि हरियाणा में खर्चा महज 125 रुपए प्रतिदिन है, इसे बढ़ाया जाना जरूरी है।

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