मोहित ने मोहा भारत का दिल

ग्वालियर के लाल ने सैफ फुटबाल में किया कमाल

श्रीप्रकाश शुक्ला

ग्वालियर। कहते हैं प्रतिभा उम्र की मोहताज नहीं होती, बशर्ते खुद में कुछ करने का जुनून हो। 15 साल के प्रतिभाशाली मोहित धामी ने अपनी कड़ी मेहनत और हौसले के दम पर दुनिया के नम्बर एक खेल फुटबाल में वह मुकाम हासिल किया जोकि आज तक इस खेल में ग्वालियर-चम्बल सम्भाग का कोई खिलाड़ी नहीं कर सका। ग्वालियर के उदीयमान गोलकीपर मोहित धामी ने अपने लाजवाह रक्षण कौशल से भारत को अंडर-15 फुटबॉल प्रतियोगिता का चैम्पियन बनाया है। फाइनल में भारत ने नेपाल को 7-0 से पराजित किया। भारत की इस खिताबी सफलता में स्ट्राइकर श्रीद्धार्थ नोंगमेईकपम की शानदार हैटट्रिक तथा गोलकीपर मोहित की सराहनीय गोलकीपिंग रही। प्रतियोगिता में भारत ने प्रतिद्वन्द्वी टीमों पर 28 गोल दागे जबकि कोई भी टीम मोहित के फौलादी रक्षण के सामने एक भी गोल नहीं कर सकी। मोहित की यह सफलता सिर्फ ग्वालियर ही नहीं समूचे मध्य प्रदेश और देश के लिए गर्व और गौरव की बात है।

जीवन में सफलता न मिलने पर अधिकतर लोग साधन-सुविधाओं तथा सरकारी प्रोत्साहन न मिलने का रोना रोते हैं लेकिन सफलता इंसान की मनःस्थिति पर निर्भर करती है। सफलता पाने के लिए निरन्तर प्रयास करना पड़ता है और उम्मीद बनाये रखनी होती है। सफलता कोई बाजार में बिकने वाली वस्तु नहीं है जिसे आप बाजार से खरीद सकते हैं, यह तो सिर्फ आप पर निर्भर करती है। यह आपके प्रयासों, धैर्य और आपके निर्णय लेने की क्षमता पर निर्भर करती है।

फौजी पिता मनोहर-कमला धामी का प्रतिभाशाली पुत्र मोहित धामी उस ग्वालियर शहर से ताल्लुक रखता है जहां न ही सलीके का मैदान है और न ही इस खेल को प्रोत्साहित करने वाले लोग, फिर भी मोहित अपने शुरुआती प्रशिक्षक विनय कदम के मार्गदर्शन में नई ऊंचाईयों की तरफ न केवल बढ़ा बल्कि सब-जूनियर सैफ फुटबाल प्रतियोगिता में नेपाल का मानमर्दन करते हुए भारत को चैम्पियन भी बनाया। बकौल विनय कदम मोहित में गजब का टैलेंट है।

अंडर-15 फुटबॉल प्रतियोगिता में मेजबान भारत सहित नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, श्रीलंका की टीमें खेली थीं। भारतीय टीम ने इस प्रतियोगिता के कुल पांच मैचों में 28 गोल दागे। इस जीत का मतलब यह भी रहा कि भारत टूर्नामेंट के इतिहास में अब सबसे सफल टीम बन गई है, क्योंकि यह खिताब उसने रिकॉर्ड तीसरी बार अपने नाम किया। इससे पहले 2013 और 2017 में भारतीय टीम ने यह खिताब जीता था। भारत ने पिछले दो खिताब नेपाल में जीते थे। कप्तान अनीश मजूमदार ने इस जीत का श्रेय टीम प्रयास के साथ गोलकीपर मोहित धामी की शानदार गोलकीपिंग को दिया। टूर्नामेंट में हिमांशु जांगड़ा ने भूटान और बंगलादेश के खिलाफ हैटट्रिक लगाई थी। उसने टूर्नामेंट में कुल सात गोल किए और शीर्ष स्कोरर का पुरस्कार जीता।

भारतीय टीम इस खिताबी जीत के बाद अब 18 से 22 सितम्बर तक होने वाले एएफसी अंडर-16 चैम्पियनशिप के क्वॉलीफायर में खेलेगी। भारतीय टीम को ग्रुप बी में रखा गया है और उसे मेजबान उज्बेकिस्तान, बहरीन और तुर्कमेनिस्तान का सामना करना होगा। कोच बिबियानो फर्नांडीज की भारतीय टीम ने पूरे टूर्नामेंट में दबदबा बनाया और पांच मैचों में एक भी गोल खाये बिना 28 गोल दागे। बिबियानो ने कहा, ''हम चैम्पियन बनकर खुश हैं। हम एक लक्ष्य के साथ यहां आये थे और हमने इसे हासिल कर लिया है।

  

  

रिलेटेड पोस्ट्स