रग्बी में बिहार की बेटी ने फहराया परचम
श्वेता शाही को हरसंभव सहयोग देने का वादा
नालंदा: गांव में मुकम्मल मैदान और सुविधाएं न होने के बावजूद बिहार की बेटी श्वेता ने दूर देश में चांदी का पदक जीतकर बिहार ही नहीं समूचे देश का मान बढ़ाने का कारनामा कर दिखाया। यह मुकाम किसी आम खेल में नहीं बल्कि आमतौर पर पुरुषों के लिए और काफी दमखम वाले खेल के तौर पर माने जाने वाले रग्बी जैसे खेल में बिहार की बेटी श्वेता शाही ने हासिल किया है। सच कहें तो श्वेता ने इंडोनेशिया में आयोजित रग्बी खेल प्रतियोगिता में भारत के लिए चांदी का पदक हासिल कर बहुत खास उपलब्धि हासिल की है। जीतकर भारत लौटी श्वेता शाही का नालंदा के सांसद कौशलेंद्र कुमार ने बिहार शरीफ में स्वागत किया। इस मौके पर सांसद कौशलेंद्र कुमार ने कहा कि श्वेता शाही नालंदा की बेटी है और इस पर न केवल नालंदा के लोगों को गर्व है बल्कि पूरे बिहार के लिए यह गौरव की बात है। उन्होंने कहा, “नालंदा की बेटी देश ही नहीं बल्कि विदेश स्तर पर भी भारत का परचम फहरा रही है। उन्होंने श्वेता शाही को हरसंभव सहयोग देने का वादा किया.
पहले भी सम्मानित हो चुकी हैं श्वेता
पिछले दिनों देश को अंडर 18 महिला रग्बी चैम्पियनशिप में मेडल में दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाली नालंदा की बेटी श्वेता शाही को राज्य सरकार ने सम्मानित किया था. पटना के खेल परिसर में उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी एवं कला संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री कृष्ण कुमार ऋषि ने मंच से ही श्वेता शाही के खाते में साढ़े बारह लाख रूपए ट्रांसफर किए थे. उसके साथ ही श्वेता को प्रशस्ति-पत्र के साथ मेडल देकर सम्मानित किया गया था।
तीसरा स्थान पाया था तब भारत ने
श्वेता ने दुबई में आयोजित सातवीं एशियन अंडर 18 महिला रग्बी प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीत कर बिहार के साथ नालंदा का मान बढ़ाया था. इस टूर्नामेंट में श्रीलंका, उजबेकिस्तान, कजाकिस्तान, हांगकांग, यूएई, चीन, पाकिस्तान और भारत समेत आठ टीमों ने भाग लिया था. 30 नवंबर से 2 दिसंबर तक आयोजित प्रतियोगिता के उद्घाटन मैच में भारत ने उजबेकिस्तान को 19-05, यूएई को 33-00 एवं श्रीलंका को 24-0 से हराकर तीसरा स्थान पाया था और अब इंडोनेशिया में आयोजित रग्बी खेल प्रतियोगिता में भारत के लिए सिल्वर मेडल जीतकर श्वेता ने नई इबारत लिख दी।
एक के बाद एक सफलता के कदम
श्वेता नालंदा जिले के सिलाव प्रखंड के भदारी गांव की रहने वाली है। गांव में खेल का मैदान नहीं है। इसके बावजूद जोश व जुनून से लबरेज श्वेता ने अपना खेल खेतों से शुरू किया. सबसे पहले उसका चयन 2012 में बिहार रग्बी की टीम में हुआ. यह टूर्नामेंट उड़ीसा में हुआ था. इसके बाद तो श्वेता को मानों सफलता के पंख लग गए. चेन्नई में एशियन रग्बी सेवन-ए साइड ओलंपिक प्री क्वालीफायर प्रतियोगिता में कजाकिस्तान में बेहतर प्रदर्शन कर अपनी जगह पक्की कर ली. इतना ही नहीं नालंदा की इस बेटी ने 2015 में महिला दिवस पर 60वीं राष्ट्रीय स्कूल गेम्स में अपने बेहतरीन प्रदर्शन से गोल्ड मेडल दिलाया था. इस टूर्नामेंट में उसे बेस्ट प्लेयर का अवार्ड भी मिला था।