अहमदाबाद करेगा कॉमनवेल्थ गेम्स 2030 की मेजबानी

भारत को कैसे मिले आयोजन अधिकार, कब शुरू हुई पूरी कहानी?

खेलपथ संवाद

नई दिल्ली। भारत सरकार के लिए 2036 ओलम्पिक गेम्स की मेजबानी हमेशा से एक दीर्घकालिक लक्ष्य रहा है। इसी दिशा में एक बड़ा कदम अब अहमदाबाद के रूप में सामने आया है, क्योंकि 2030 राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी भारत को मिलने जा रही है। कॉमनवेल्थ स्पोर्ट्स की कार्यकारी समिति ने इस पर अपनी सहमति दे दी है और इसका औपचारिक अनुमोदन 26 नवम्बर को किया जाएगा।

यह आयोजन न केवल भारत के लिए ऐतिहासिक होगा, बल्कि कॉमनवेल्थ गेम्स के 100 वर्ष पूरे होने का भी प्रतीक बनेगा, क्योंकि यह महोत्सव पहली बार 1930 में हैमिल्टन (कनाडा) में आयोजित हुआ था। 2030 कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी के लिए दुनिया भर के शहरों को 31 मार्च 2025 तक अपनी रुचि दर्ज करनी थी। इसके बाद, उन्हें अगले पांच महीनों में, यानी 31 अगस्त 2025 तक अपना विस्तृत 'बिड डॉक्यूमेंट' या 'बिड डोजियर' जमा करना था।

इस दस्तावेज में हर शहर को यह विस्तार से बताना था कि वह गेम्स के आयोजन के लिए क्या रणनीति अपनाएगा। साथ ही खेल सुविधाएं, खेल गांव, सुरक्षा व्यवस्था और आयोजन के बाद के प्लान जानकारी भी देनी थी। इसके बाद, कॉमनवेल्थ स्पोर्ट्स फेडरेशन को इन सभी प्रस्तावों का मूल्यांकन कर नवम्बर के अंत तक अंतिम निर्णय लेना था। समय सीमा से पहले केवल दो देशों भारत (अहमदाबाद) और नाइजीरिया (अबुजा) ने 2030 सेंचुरी कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी के लिए अपनी बोली प्रस्तुत की।

भारत की इस महत्वाकांक्षी यात्रा की शुरुआत जनवरी 2025 में हुई, जब गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र भाई पटेल और एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के प्रतिनिधियों ने कॉमनवेल्थ गेम्स फेडरेशन के वाइस प्रेसीडेंट क्रिस जेनकिंस से गांधीनगर में मुलाकात की। इस बैठक में अहमदाबाद की बोली को लेकर प्रारंभिक चर्चा हुई और यह भी स्पष्ट किया गया कि भारत 2036 ओलम्पिक गेम्स की मेजबानी के लिए भी आवेदन करने का इरादा रखता है। इसके बाद, 16 फरवरी 2025 को कॉमनवेल्थ गेम्स फेडरेशन की सीईओ केटी सैडलर ने भारत के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि, 'अहमदाबाद का यह प्रयास भारत को 2036 ओलम्पिक की दिशा में आगे बढ़ाने वाला एक मजबूत कदम साबित होगा।'

भारत सरकार और इंडियन ओलम्पिक एसोसिएशन (आईओए) ने पूरी प्रक्रिया को अत्यंत व्यवस्थित तरीके से आगे बढ़ाया। 21 मार्च 2025 को भारत सरकार की अनुमति से आईओए ने औपचारिक रूप से 'लेटर ऑफ इंटेंट' यानी अभिरुचि पत्र जमा किया। इसके बाद जून 2025 में भारत के सरकारी और खेल प्रतिनिधियों का एक उच्चस्तरीय दल लंदन स्थित कॉमनवेल्थ गेम्स फेडरेशन मुख्यालय पहुंचा। वहां गेम्स की विरासत, आर्थिक मॉडल और आयोजन ढाँचे पर विस्तार से चर्चा की गई।

इस बैठक के बाद भारत की बोली को लेकर वैश्विक स्तर पर काफी गति आई। 13 अगस्त, 2025 को आईओए की विशेष आम बैठक में अहमदाबाद की बोली को सर्वसम्मति से मंजूरी दी गई। दो सप्ताह बाद, भारत सरकार ने भी आधिकारिक रूप से इस बोली को मंजूरी दी और 2036 ओलम्पिक रोडमैप का भी प्रारूप कॉमनवेल्थ गेम्स फेडरेशन के समक्ष रखा। शुरुआत में भुवनेश्वर को भी एक सम्भावित मेजबान शहर के रूप में शामिल किया गया था, लेकिन अंततः भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने अहमदाबाद को ही अंतिम और सर्वश्रेष्ठ विकल्प माना।

सितम्बर 2025 में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने कॉमनवेल्थ गेम्स फेडरेशन के समक्ष अपनी अंतिम प्रस्तुति दी। इसमें आईओए अध्यक्ष पी.टी. ऊषा, गुजरात के खेल मंत्री हर्ष सांघवी, आईओए सीईओ रघुराम अय्यर और प्रधान सचिव अश्विनी कुमार शामिल थे। इस प्रस्तुति में अहमदाबाद ने न केवल अपने खेल ढांचे, स्टेडियम नेटवर्क, और अवसंरचना योजनाओं को प्रस्तुत किया, बल्कि यह भी दिखाया कि कैसे यह आयोजन भारत की आर्थिक और सांस्कृतिक शक्ति को दुनिया के सामने रखेगा। अंततः, कॉमनवेल्थ गेम्स फेडरेशन ने अहमदाबाद के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया।

2036 ओलम्पिक: असली लक्ष्य

अब अगला बड़ा कदम 26 नवम्बर 2025 को होने वाली कॉमनवेल्थ गेम्स फेडरेशन की जनरल बॉडी मीटिंग है, जिसमें अहमदाबाद की मेजबानी को औपचारिक मंजूरी दी जाएगी। इसके बाद शुरू होगी भारत की असली परीक्षा। परीक्षा 2030 कॉमनवेल्थ गेम्स को अब तक के सबसे सफल कॉमनवेल्थ गेम्स बनाने की। इन सभी में, भारत का अंतिम लक्ष्य स्पष्ट है, '2036 में भारत में ओलम्पिक खेलों का आयोजन।' अहमदाबाद की सफलता सिर्फ एक खेल आयोजन नहीं  बल्कि भारत के वैश्विक खेल मानचित्र पर नेतृत्व स्थापित करने की दिशा में पहला ठोस कदम है।

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