सुल्तान ऑफ जोहोर कप हॉकी में दिखी खेलभावना

भारत-पाकिस्तान के खिलाड़ियों ने मिलाए हाथ, मुकाबला रहा बराबर

खेलपथ संवाद

जोहोर बाहरू (मलयेशिया)। भारत और पाकिस्तान के बीच खेल प्रतिस्पर्धा भले ही दशकों पुरानी हो, लेकिन सुल्तान ऑफ जोहोर कप हॉकी टूर्नामेंट के दौरान दोनों देशों के खिलाड़ियों ने खेल भावना की एक नई मिसाल पेश की। मंगलवार को खेले गए जूनियर हॉकी मैच से पहले जब दोनों देशों के राष्ट्रीय गान बजाए गए, तो उसके तुरंत बाद भारतीय खिलाड़ियों ने पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाई-फाइव किया और हाथ मिलाया।

मैच 3-3 की बराबरी पर खत्म हुआ। इसके बाद भी दोनों टीमों के खिलाड़ी एक-दूसरे से हाथ मिलाते हुए दिखे। यह दृश्य खास इसलिए था क्योंकि कुछ हफ्ते पहले हुए एशिया कप क्रिकेट टूर्नामेंट में दोनों देशों के खिलाड़ियों के बीच ऐसा कोई दृश्य नहीं देखने को मिला था।

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एशिया कप क्रिकेट में भारत की कप्तानी सूर्यकुमार यादव ने की थी, और उस दौरान भारतीय टीम ने पाकिस्तान से हाथ मिलाने से इनकार कर दिया था। यह फैसला ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ित परिवारों के प्रति सम्मान जताने के लिए लिया गया था।

फाइनल में भारत ने पाकिस्तान को हराकर ट्रॉफी जीती, लेकिन उस वक्त भी टीम इंडिया ने पीसीबी प्रमुख मोहसिन नकवी, जो पाकिस्तान के गृह मंत्री भी हैं, से ट्रॉफी लेने से इनकार कर दिया था। इससे साफ था कि मैदान के बाहर की राजनयिक तनाव की स्थिति का असर क्रिकेट मैदान पर भी दिखाई दे रहा था।

एशिया कप के बाद जब सूर्यकुमार यादव से पूछा गया कि क्या भविष्य में पाकिस्तान टीम से हाथ नहीं मिलाने की नीति जारी रहेगी, तो उन्होंने बेहद संतुलित जवाब दिया। उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं पता आगे क्या होगा। दिल्ली अभी बहुत दूर है। हम पाकिस्तान से सिर्फ मल्टीनेशन टूर्नामेंट में खेलते हैं, इसलिए जब अगली बार मौका आएगा, तब देखा जाएगा। फिलहाल हम इस पल का आनंद लेना चाहते हैं।' उनके इस बयान ने स्पष्ट किया कि टीम इंडिया फिलहाल खेल भावना और राष्ट्रीय सम्मान के बीच संतुलन बनाए रखना चाहती है।

वहीं, सुल्तान ऑफ जोहोर कप हॉकी टूर्नामेंट में माहौल एकदम अलग था। मैच से पहले ही पाकिस्तान हॉकी फेडरेशन (PHF) ने अपने खिलाड़ियों को हिदायत दी थी कि वे भारतीय खिलाड़ियों के साथ किसी भी प्रकार की तनावपूर्ण स्थिति या टकराव से बचें और केवल अपने खेल पर ध्यान केंद्रित करें।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'खिलाड़ियों को पहले से मानसिक रूप से तैयार कर दिया गया था कि अगर भारतीय खिलाड़ी हाथ नहीं मिलाते हैं, तो उसे नजरअंदाज करें और बस आगे बढ़ जाएं। उन्हें किसी भी तरह की भावनात्मक प्रतिक्रिया या इशारों से बचने को कहा गया था।'

हालांकि, मैदान पर इसके विपरीत नजारा देखने को मिला और दोनों टीमों के खिलाड़ी मैच से पहले और बाद में एक-दूसरे के प्रति सम्मान और सौहार्द दिखाते नजर आए। भारत और पाकिस्तान के बीच यह हॉकी मुकाबला न सिर्फ एक रोमांचक 3-3 ड्रा था, बल्कि यह खेल भावना का उदाहरण भी बना।

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