सिमरन शर्मा और निषाद कुमार का स्वर्णिम प्रदर्शन

विश्व पैरा एथलेटिक्स चैम्पियनशिपः भारत के पदकों की संख्या 15 पहुंची
निषाद कुमार ने ऊंची कूद में बनाया विश्व कीर्तिमान
श्रीप्रकाश शुक्ला
नई दिल्ली। शुक्रवार का दिन भारतीय पैरा खिलाड़ियों के लिए खास रहा। सिमरन शर्मा और निषाद कुमार के स्वर्णिम प्रदर्शन की बदौलत भारत पदक तालिका में ग्यारहवें से चौथे स्थान पर पहुंच गया। निषाद कुमार ने पुरुषों की ऊंची कूद टी-47 स्पर्धा में और सिमरन ने महिलाओं की 100 मीटर टी-12 स्पर्धा में पहला स्थान हासिल किया। जांबाज निषाद कुमार ने 2.18 मीटर ऊंची कूद लगाकर नया विश्व रिकॉर्ड बनाया।
जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, नई दिल्ली में चल रही विश्व पैरा एथलेटिक्स चैम्पियनशिप 2025 में शुक्रवार का दिन भारत के लिए बेहद खास रहा। भारत के निषाद कुमार और सिमरन ने शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक जीते। इन दो स्वर्ण पदकों की बदौलत पदक तालिका में बड़ा उछाल आया और भारत 11वें स्थान से सीधे चौथे स्थान पर पहुंच गया। मौजूदा पदक तालिका में ब्राजील 12 स्वर्ण, 18 रजत और 7 कांस्य के साथ पहले, चीन 9 स्वर्ण, 16 रजत और 13 कांस्य के साथ दूसरे और पोलैंड 8 स्वर्ण, 2 रजत और 5 कांस्य के साथ तीसरे स्थान पर है। भारत अब तक कुल 15 पदक जीत चुका है, जिसमें 6 स्वर्ण, 5 रजत और 4 कांस्य शामिल हैं।
इससे पहले भारत की प्रीति पाल ने महिलाओं की 200 मीटर टी-36 स्पर्धा में कांस्य पदक जीता, जबकि प्रदीप कुमार ने पुरुषों की डिस्कस थ्रो एफ-46 स्पर्धा में एक और कांस्य पदक दिलाया। निषाद कुमार ने ऊंची कूद में शानदार प्रदर्शन करते हुए तुर्किये के अब्दुल्ला इल्गाज और अमेरिका के तीन बार के चैम्पियन रोडरिक टाउनसेंड को पीछे छोड़ दिया। उन्होंने 2.18 मीटर की ऊंचाई तक पहुंचकर नया विश्व रिकॉर्ड बनाया। इस दौरान उन्होंने एशियाई रिकॉर्ड भी अपने नाम किया। इल्गाज ने 2.08 मीटर की कूद लगाकर यूरोपीय रिकॉर्ड हासिल किया, लेकिन निषाद ने उन्हें पछाड़ दिया। वहीं, टाउनसेंड केवल 2.03 मीटर तक ही कूद पाए और पदक दौड़ से बाहर हो गए।
महिलाओं की 100 मीटर टी-12 स्पर्धा में सिमरन ने गाइड उमर सैफी के साथ शानदार तालमेल दिखाया। उन्होंने पहले सेमीफाइनल में 12.08 सेकेंड का समय निकाला और पहली बार फाइनल में 12 सेकेंड की बाधा तोड़ते हुए 11.95 सेकेंड में दौड़ पूरी की। यह उनके करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा। भारत के खिलाड़ियों ने घरेलू दर्शकों के सामने दबाव में भी संयम बनाए रखा और देश का नाम रोशन किया। इन जीतों के साथ भारत के पदक जीतने का सिलसिला और तेज हो गया है।