दिल्ली में दमखम दिखाने आए दुनिया भर के जांबाज पैरा एथलीट

विश्व पैरा एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में 104 देशों की प्रतिभागिता

खेलपथ संवाद

नई दिल्ली। दुनिया भर के पैरा एथलीटों के बीच  नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में दमखम दिखाने की होड़ शुरू हो गई है। विश्व पैरा एथलेटिक्स चैम्पियनशिप 2025 का शुभारम्भ हो चुका है, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पैरा एथलीटों की बाधाओं को तोड़ने और नए मानदंड स्थापित करने के लिये सराहना की तथा भारत की खेल-केंद्रित एवं समावेशी पहचान को रेखांकित किया।

यह चैम्पियनशिप 27 सितम्बर से 5 अक्टूबर  तक आयोजित की जाएगी, जिसमें 104 देशों के 2,200 एथलीट्स भाग ले रहे हैं, जो भारतीय भूमि पर अब तक आयोजित सबसे बड़ा पैरा एथलीट आयोजन है। इस आयोजन में भारत का अब तक का सबसे बड़ा 74 एथलीटों का दल हिस्सा ले रहा है।

भारत पहली बार विश्व पैरा एथलेटिक्स चैम्पियनशिप की मेज़बानी कर रहा है, इससे पहले कतर, संयुक्त अरब अमीरात तथा जापान इन खेलों की मेजबानी कर चुके हैं। भारत ऐसा करने वाला चौथा एशियाई देश है। यह आयोजन जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में नवनिर्मित मोंडो ट्रैक पर आयोजित किया जा रहा है, जिसका उपयोग पहले पेरिस पैरालम्पिक 2024 में किया गया था और जिसे राष्ट्रीय खेल दिवस पर उद्घाटित किया गया।

यहां मुख्य प्रतियोगिता ट्रैक के साथ-साथ, एक मोंडो वार्म-अप ट्रैक और एक बहु-विशिष्ट जिम्नेजियम का भी उद्घाटन किया गया, जो एक साथ 200 एथलीटों को प्रशिक्षित करने में सक्षम है तथा विश्व स्तरीय खेल अवसंरचना के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

भारत की पैरा खेलों में उल्लेखनीय प्रगति स्पष्ट है। भारत ने जापान के कोबे में आयोजित विश्व पैरा एथलेटिक्स चैम्पियनशिप,2024 में अब तक अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया, जिसमें छह स्वर्ण, पाँच रजत और छह कांस्य सहित 17 पदकों के साथ छठा स्थान प्राप्त किया था। यह आयोजन भारत की दीर्घकालिक रणनीति का हिस्सा है, जिसमें प्रमुख वैश्विक खेल आयोजनों की मेज़बानी शामिल है, जिसमें वर्ष 2030 में राष्ट्रमंडल खेलों के लिये पहले से ही योजनाएँ चल रही हैं और वर्ष 2036 में ओलम्पिक खेलों की मेज़बानी करने की आकांक्षा है।

भारतीय खेलों के लिए आज के ऐतिहासिक दिन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि इंडियन ऑयल नई दिल्ली 2025 विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप की मेजबानी दुनिया के सामने भारत की खेल और समावेशी राष्ट्र के रूप में प्रतिष्ठा की पुष्टि करेगी। गुरुवार शाम नई दिल्ली के प्रतिष्ठित जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में डब्ल्यूपीएसी 2025 का उद्घाटन समारोह का आयोजन किया गया।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि चुनौतियों को पार कर और नए मानदंड स्थापित करके पैरा एथलीटों ने एक उभरते खेल केंद्र के रूप में भारत की पहचान को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। साथ ही लाखों लोगों को खेल को जीवन शैली के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित किया है। 2015 में कतर, 2019 में यूएई और 2024 में जापान के बाद भारत विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप की मेजबानी करने वाला चौथा एशियाई देश है। इस कार्यक्रम का आयोजन भारतीय पैरालंपिक्स समिति की ओर से किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत को डब्ल्यूपीएसी 2025 की मेजबानी पर गर्व है। उन्होंने आगे कहा कि खेल धर्म, क्षेत्र और राष्ट्रीयता की सभी बाधाओं को पार करते हुए लोगों को जोड़ने का एक शानदार माध्यम है। आज की दुनिया में खेल के इस एकीकृत पहलू पर जोर देना और भी जरूरी है। मुझे विश्वास है कि डब्ल्यूपीएसी का सभी प्रतिभागियों और दर्शकों पर समान प्रभाव पड़ेगा।

रंगारंग उद्घाटन समारोह में केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया, केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल राज्य मंत्री रक्षा खडसे, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, संसद सदस्य कंगना रनौत, दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद और विश्व पैरा एथलेटिक्स के प्रमुख पॉल फिट्जगेराल्ड मौजूद रहे।

जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में नवनिर्मित मोंडो ट्रैक पर डब्ल्यूपीएसी पहला आयोजन होगा। नीले रंग के इस ट्रैक का उपयोग पेरिस पैरालम्पिक 2024 में किया गया था। 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर डॉ. मंडाविया ने इसका उद्घाटन किया था। गुरुवार को स्टेडियम परिसर में डॉ. मंडाविया ने मोंडो वार्म-अप ट्रैक और एक मल्टी-स्पेशलिटी जिम्नेजियम का भी उद्घाटन किया। यहां 200 से अधिक एथलीट एक साथ प्रशिक्षण ले सकते हैं।

डब्ल्यूपीएसी के उद्घाटन पर डॉ. मंडाविया ने कहा कि भारत के लिए यह विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप गौरव, प्रगति और उद्देश्य से जुड़ी है। हमने 74 एथलीटों के अपने अब तक के सबसे बड़े पैरा दल को इकट्ठा किया है, जो इस बात का प्रमाण है कि देश में पैरा-स्पोर्ट्स ने कितनी गहराई से जड़ें जमा ली हैं। सुमित अंतिल, प्रीति पाल, दीप्ति जीवनजी, धरमबीर नैन और प्रवीण कुमार जैसे चैंपियन घरेलू मैदान पर प्रतिस्पर्धा करेंगे।

डब्ल्यूपीएसी प्रतियोगिताएं 27 सितंबर से शुरू होंगी। 186 स्वर्ण पदक दांव पर होंगे। विश्व पैरा एथलेटिक्स के प्रमुख श्री पॉल फिट्जगेराल्ड ने कहा कि स्टेडियम के अंदर दुनिया भर के दर्शक अपने कौशल, गति और ताकत को अधिकतम करने के लिए डिजाइन की गई नवनिर्मित सुविधाओं में प्रतिस्पर्धा करने वाले एथलीटों की प्रतिभा का अनुभव करेंगे। विश्व रिकॉर्ड टूटेंगे। विश्व चैम्पियन का ताज पहनाया जाएगा। हर एथलीट राष्ट्रगान बजाते हुए पोडियम पर होने का अपना सपना पूरा नहीं कर पाएगा। कई जीतें होंगी, लेकिन कई निराशाएं भी होंगी। मैं सभी को एथलीटों के साथ इन सभी भावनाओं का अनुभव करने के लिए आमंत्रित करता हूं।

डब्ल्यूपीएसी की मेजबानी भारत की वैश्विक आयोजनों की नियमित मेजबानी करने और बड़ी बहु-खेल चैंपियनशिप आयोजित करने की अपनी क्षमताओं का परीक्षण करने की योजना का हिस्सा है। डॉ. मंडाविया ने कहा कि हम 2030 के राष्ट्रमंडल खेलों की योजना बनाने में जुटे हैं और हमारी नजरें 2036 में ओलंपिक खेलों की मेजबानी पर टिकी हैं, जिससे बुनियादी ढांचे, अवसर और अनगिनत युवाओं के खेल के सपनों को गति मिलेगी। जैसा प्रधानमंत्री ने कहा कि खेल न केवल चैंपियन बनाता है, बल्कि यह शांति, प्रगति और कल्याण को भी बढ़ावा देता है। यही हमारी खेल यात्रा का मार्गदर्शक है।

डॉ. मंडाविया ने यह भी बताया कि डब्ल्यूपीएसी किस प्रकार क्षमता निर्माण को बढ़ावा देगा। डॉ. मंडाविया ने कहा कि बुनियादी ढांचे या महत्वाकांक्षा से परे एक गहरी विरासत छिपी है। एक बदली हुई मानसिकता। हम अपने पीछे सुलभ स्थल, पैरा-एथलीटों के लिए मजबूत समर्थन प्रणालियां और खेलों में समान अवसर के बारे में एक नए सिरे से राष्ट्रीय संवाद छोड़ जाएंगे। ये सच्चे परिणाम हैं जो पदक मिलने के बाद भी लंबे समय तक बने रहेंगे।

भारत के शीर्ष एथलीट, जिनमें से कई पैरालंपिक पदक विजेता और अपनी श्रेणियों में विश्व चैंपियन हैं, वे नेहरू स्टेडियम में घरेलू परिस्थितियों का आनंद लेंगे। जापान के कोबे में भारत ने विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और 17 पदक जीते, जिसमें छह स्वर्ण, पांच रजत, छह कांस्य थे। भारत ने छठा स्थान हासिल किया था। पेरिस में 2023 में भारत ने पहले ही 10 पदक (3 स्वर्ण, 4 रजत, 3 कांस्य) जीतकर अपना पिछला रिकॉर्ड तोड़ दिया था, जिससे आगे की राह तैयार हो गई।

प्रधानमंत्री मोदी ने पैरा खेलों में भारत के बढ़ते प्रभुत्व की सराहना की। पैरा एथलीटों के उल्लेखनीय प्रदर्शन ने आत्मनिर्भरता और दृढ़ संकल्प के अर्थ को फिर से परिभाषित किया है, जिससे दुनिया भर के खिलाड़ियों और आम लोगों को प्रेरणा मिली है। उनकी उपलब्धियों ने एक सामूहिक विश्वास को प्रज्ज्वलित किया है कि कोई भी चुनौती आगे बढ़ने से रोक नहीं सकती है।

 

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