भारतीय मुक्केबाज बेटियां जैस्मिन और नूपुर ने फाइनल में पहुंचीं

12 साल में पहली बार विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में पुरुष वर्ग की झोली खाली
खेलपथ संवाद
लिवरपूल। बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों की पदक विजेता जैस्मिन लम्बोरिया (57 किलोग्राम भारवर्ग) और नूपुर (80+किलोग्राम भारवर्ग) ने विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप के फाइनल में प्रवेश किया। जैस्मिन ने सेमीफाइनल में वेनेजुएला की कैरोलिना अल्काला को 5-0 से परास्त किया। वह फाइनल में पोलैंड की जूलिया से भिड़ेंगी।
दिग्गज हवा सिंह की पोती नूपुर ने तुर्किये की सेयमा को 5-0 से हराया। इससे पहले मीनाक्षी हुड्डा ने भारत का चौथा पदक पक्का किया। वह महिलाओं के 48 किलो भारवर्ग के सेमीफाइनल में पहुंच गई हैं। मीनाक्षी ने अंडर-19 वर्ग की विश्व चैम्पियन इंग्लैंड की एलाइस पंपेरी को क्वार्टर फाइनल में हराया।
हरियाणा में रोहतक जिले के रुरकी गांव की 24 साल की मीनाक्षी चार भाई-बहनों में सबसे छोटी हैं। उनके पिता ऑटो रिक्शा चलाते हैं और मां गृहिणी हैं। उन्हें गुजारा करने के लिए संघर्ष करना पड़ता था। निजी कोच विजय हुड्डा ने शुरुआत में खुराक, किट और यात्रा खर्च में मदद की। वह अपनी अकादमी में निशुल्क ट्रेनिंग देते हैं। 2022 में एशियाई चैम्पियनशिप में रजत जीतने वाली मीनाक्षी की यह पहली विश्व चैम्पियनशिप है।
पुरुष वर्ग में 12 वर्ष में पहली बार ऐसा हुआ जब भारतीय मुक्केबाजों को खाली हाथ लौटना होगा। जदुमणि सिंह के सामने गत विश्व चैम्पियन कजाखस्तान के सांजेर ताशकेनबे थे जिनके खिलाफ उन्हें 0-4 से हार मिली। जदुमणि की हार के साथ यह तय हो गया कि भारत के 10 सदस्यीय पुरुष दल का इस बार कोई पदक नहीं मिलेगा। ऐसा 2013 के बाद पहली बार होगा। ताशकंद में 2023 में भारत ने तीन कांस्य जीते थे।